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कोरोना वायरसः दो महीने में महामारी आ जाएगी काबू, अगर सभी पहनें ये मास्क

कोरोना महामारी से बचने के लिए फेस मास्क पहनना बेहद जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भले ही पहले मना करता रहा हो लेकिन वह भी अब जोर देकर कह रहा है कि संक्रमण को फैलने से रोकने में मास्क बहुत जरूरी है।

Newstrack
Published on: 22 July 2020 12:54 PM IST
कोरोना वायरसः दो महीने में महामारी आ जाएगी काबू, अगर सभी पहनें ये मास्क
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लखनऊ: कोरोना महामारी से बचने के लिए फेस मास्क पहनना बेहद जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भले ही पहले मना करता रहा हो लेकिन वह भी अब जोर देकर कह रहा है कि संक्रमण को फैलने से रोकने में मास्क बहुत जरूरी है। अमेरिका का सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल (सी डी सी) का कहना है कि अगर सब लोग मास्क पहनने लगें तो दो महीने के भीतर कोरोना कंट्रोल में आ जायेगा।

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मास्क जरूरी तो है लेकिन कौन सा मास्क पहनें, ये सवाल अभी तक बना हुआ है। अभी तक लोग एन95 फेस मास्क को सबसे सुरक्षित मानते थे लेकिन अब भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वाल्व युक्त एन95 मास्क वायरस का फैलाव रोकने में कारगर नहीं है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति ऐसा मास्क पहनता है तो उसकी सांस के साथ ड्रापलेट्स में वायरस भी वाल्व के जरिये बाहर निकलते रहेंगे।

ध्यान रहे

डब्लू एच ओ ने सुझाव दिया है कि कोई भी व्यक्ति ढीला मास्क कतई न पहनें। मास्क पहनने के बाद उसके सामने वाले हिस्से को न छुएं। इसके अलावा किसी से बात करने के लिए मास्क को हटाएं नहीं। इसके अलावा अपने मास्क को दूसरों की पहुंच से दूर रखें। साथ ही यूज किया हुआ मास्क दोबारा इस्तेमाल न करें और दूसरे का मास्क कभी न पहनें।

मास्क से सुरक्षा

कोई भी मास्क कोरोना वायरस के प्रति 100 फीसदी प्रोटेक्शन नहीं दे सकता है। लेकिन संक्रमित व्यक्ति मास्क लगाए तो उसके ड्रॉप लेट्स के साथ वायरस बाहर नहीं जा पाते। चूंकि अधिकांश कोरोना संक्रमितों में लक्षण नहीं होते सो सभी को मास्क लगाना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं है तो मास्क लगाने से उसे काफी हद तक प्रोटेक्शन मिलता है।

कितने तरह के मास्क

डब्लू एच ओ और सीडीसी बेसिक और सर्जिकल मास्क को स्वीकृति देते हैं। ये मास्क आपको किसी भी तरह की बीमारी के विषाणु को स्प्रेड करने से रोकने के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए होते हैं।

- कपड़े से बने बेसिक फेस मास्क

- सर्जिकल फेस मास्क

- एन95 रेस्पिरेटर

- पी100 रेस्पिरेटर गैस मास्क

- फुल फेस रेस्पिरेटर

- फुल लेंथ फेस शील्ड

- के एन 95 रेस्पिरेटर

कपड़े का बेसिक फेस मास्क

ये सबसे बेसिक मास्क है जिसे भारत सरकार भी मान्यता देती है। तीन परत वाला ये मास्क घर पर भी आराम से बनाया जा सकता है। कोरोना वायरस से बचाव में ये सहायक होता है

सर्जिकल फेस मास्क

एफ डी ए द्वारा स्वीकृत सर्जिकल मास्क पतले और डिस्पोजल मैटेरियल से बना होता है। बाजार में आमतौर पर हल्के नीले रंग का ये मास्क होता है। अस्पतालों में चिकित्सा कर्मी ऐसे मास्क पहनते हैं। कुछ सर्जिकल मास्कों में आंख, गाल, मत्था भी कवर होता है।

एन95 रेस्पिरेटर

इसे मास्क नहीं बल्कि रेस्पिरेटर कहा जाता है। ये चिकित्सा कर्मचारियों के लिए होता है और इस मास्क में एक या दो वाल्व भी लगे होते हैं। इन वाल्व के जरिये सांस बाहर की ओर जाती है।

पी100 रेस्पिरेटर गैस मास्क

ये सामान्यतः हेल्थ केयर से संबंधित नहीं होता। इसे लकड़ी के बुरादे, केमिकल, एस्बेस्टस आदि चीजों के बीच काम करने वाले इस्तेमाल करते हैं। कोरोना के स्प्रेड को रोकने में ये प्रभावी नहीं है।

फुल फेस रेस्पिरेटर

आमतौर पर एलर्जी या सांस रोगी ये मास्क पहनते हैं। ये सूक्ष्म कणों को रोकने में सक्षम होता है। ऐसा मास्क कपड़े या डिस्पोजल मैटेरियल से बनाया जाता है। कोरोना से बचाव के लिए ये मास्क पहन सकते हैं

फेस शील्ड

ये पतली प्लास्टिक से बना होता है। वेल्डर मोटे शीशे से बनी ऐसी शील्ड पहनते हैं। इसमें मत्थे से ठुड्डी तक पूरा चेहरा कवर रहता है। कोरोना काल में ये बहुत मुफीद नहीं है क्यों कि ज्यादा देर तक पहने रहने में सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

केएन 95 रेस्पिरेटर

ये एन95 रेस्पिरेटर जैसा होता है। दोनों ही हवा में मौजूद 95 फीसदी कण पकड़ लेते हैं। फर्क यही है कि एन95 बड़े कण भी पकड़ लेता है।

कौन सा मास्क सबसे बढ़िया

कोरोना का स्प्रेड रोकने के लिए सबसे बढ़िया मास्क कपड़े वाला होता है। ऐसा इसलिए कि किसी भी अन्य मटेरियल की अपेक्षा कॉटन अधिकाधिक कणों को फ़िल्टर करने में सक्षम होता है। साथ ही कॉटन फैब्रिक सॉफ्ट, ठंडा और सांस लेने में आरामदेह होता है। सीडीसी का कहना है कि मास्क आरामदेह, कई परतों वाला, और ऐसा होना चाहिए कि उसे बिना किसी नुक्सान के धोया सुखाया जा सके। इन सभी बातों में कॉटन मास्क खरा उतरता है। कॉटन का मास्क आसानी से घर में बने जा सकता है। इसे बनाने का तरीका बताने वाले तमाम वीडिओ यू ट्यूब में मौजूद हैं। सरकारी वीडिओ भी इनमें शामिल हैं।

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ध्यान रखें

- घर में बने मास्क में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह चेहरे पर सटीक तरह से रहे और इसकी दोनों साइड में कोई खाली जगह न हो। कपड़ा ऐसा हो कि रोशनी में देखने पर आर-पार कम से कम छेद दिखाई दें।

- कपड़े से बने मास्क को उपयोग में लाने के बाद पानी मे 5 मिनट उबालें। बेहतर होगा कि नमक मिले पानी का इस्तेमाल करें। फिर सुखा काके उसको पहनना चाहिए। बिना धोए मास्क को दोबारा नहीं पहनना चाहिए।

- अपना फेस मास्क किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।

- मास्क के बाहरी हिस्सा को कतई न छुएं।

- भूलकर भी मास्क को गर्दन से टांगकर या ठुड्डी पर सरकाए नहीं रखना चाहिए।

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