खाड़ी देशों से भी घुस आया भारत में कोरोना वायरस

भारत ने अपने बचाव के लिए चीन, दक्षिण पूर्वी एशिया और यूरोप पर ध्यान केन्द्रित किया और इन क्षेत्रों से आने वाले भारतीयों को नियंत्रित करने के अलावा उनकी स्क्रीनिंग और वहाँ से आने वालों पर प्रतिबंध लगाने जैसे उपाय किए।

Dharmendra kumar
Published on: 31 March 2020 5:16 AM GMT
खाड़ी देशों से भी घुस आया भारत में कोरोना वायरस
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी का ग्लोबल केंद्र पहले चीन रहा, फिर ईरान और इटली और अब अमेरिका है। ऐसे में भारत ने अपने बचाव के लिए चीन, दक्षिण पूर्वी एशिया और यूरोप पर ध्यान केन्द्रित किया और इन क्षेत्रों से आने वाले भारतीयों को नियंत्रित करने के अलावा उनकी स्क्रीनिंग और वहाँ से आने वालों पर प्रतिबंध लगाने जैसे उपाय किए। लेकिन इस बीच कोरोना वायरस चोरी छुपे खड़ी देशों से आनेवाले यात्रियों के संग घुसता रहा और अन्य लोगों में संक्रामण फैलाता गया।

भारत में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में कोरोना वायरस के जितने पॉज़िटिव मरीज मिले हैं उनमें से आधे से ज्यादा यानी 53.97 फीसदी विदेश यात्रा से लौटे थे। इनमें से भी हर तीन में से दो यानी 67.22 फीसदी खाड़ी के किसी देश से लौटे थे।

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महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल में कोरोना पॉज़िटिव पाये गए लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री का इंडियन एक्सप्रेस ने विश्लेषण किया और पाया कि भारत भर में 70 प्रतिशत से अधिक के लिए मामले इन्हीं दस राज्यों से हैं। इन मरीजों में से आधे से अधिक यानी 54.94 फीसदी ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा की थी या ये खाड़ी देशों से आए थे।

इन 10 राज्यों में कुल मामलों को देखा जाये तो हर चार पॉज़िटिव मामलों में से एक में खाड़ी के यात्री रहे हैं। इन लोगों ने अपने संपर्क में आने वालों को भी संक्रमित किया है।

कोरोना का खाड़ी इफेक्ट शायद इसलिए ज्यादा नजर आ रहा है क्योंकि उन देशों पर यात्रा प्रतिबंध बहुत देर से लगाया गया। सरकार ने 17 जनवरी को चीन आने-जाने से बचने की सलाह जारी की थी। लेकिन खड़ी देशों के बारे में प्रतिबंध मार्च के मध्य में लगाया गया।

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कब कब लगा अंकुश

17 जनवरी-सरकार ने चीन यात्रा से बचने की अडवाइजरी जारी की।

3 फरवरी-चीनी नागरिकों की ई वीज़ा पर रोक लगाई।

26 फरवरी–ईरान इटली व साउथ कोरिया की यात्रा से बचने की अडवाइजरी और यात्रियों की स्क्रीनिंग।

3 मार्च–ईरान, इटली, जापान, चीन और साउथ कोरिया से आने वाले सभी यात्रियों के समस्त वीज़ा रद किए गए।

10 मार्च–चीन, इटली, थाईलैंड, ईरान, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की ट्रेवेल हिस्ट्री वालों को 14 दिन का होम क्वारांटाइन।

16 मार्च–यूएई, क़तर, ओमान और कुवैत से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारांटाइन करना शुरू किया गया। इसी दिन ईयू, टर्की और यूके से उड़ानें प्रतिबंधित की गईं।

22 मार्च–सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद की गईं।

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खाड़ी का असर

खाड़ी देशों, विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात और कतर भारत और अधिकांश पश्चिमी दुनिया के बीच उड़ानों के लिए प्रमुख ट्रांज़िट पॉइंट हैं। यानी यूरोप, अफ्रीका और उत्तर और दक्षिण अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के लिए ज़्यादातर उड़ानें यूएई और क़तर रुक कर ही जाती हैं।

क्यों दी इजाजत

ईरान को छोड़ कर खाड़ी देशों में कोरोना पॉज़िटिव मामलों की संख्या बहुत अधिक नहीं थी शायद इसीलिए भारत ने इस क्षेत्र के यात्रियों को नियंत्रित नहीं किया।

जॉन्स हॉपकिन्स कोरोनावायरस संसाधन केंद्र के अनुसार, यूएई में 30 मार्च को पॉज़िटिव मामलों की कुल संख्या सिर्फ 570 थी, और सऊदी अरब में 1299, कतर में 634, बहरीन में 515, और कुवैत में 266 मामले थे।

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महाराष्ट्र : 203 मामलों में से 71 की अंतर्राष्ट्रीय ट्रेवेल हिस्ट्री है। इनमें भी 36 खाड़ी से आए थे।

केरल : 29 मार्च तक 181 पॉज़िटिव केस मिले जिनमें 154 इंटरनेशनल यात्रा वाले हैं। इनमें लगभग 87 प्रतिशत लोग खाड़ी के हैं।

कर्नाटक : 74 मामलों में 49 अंतरराष्ट्रीय यात्रा वाले हैं और इनमें 22 खाड़ी से आए थे।

गुजरात : 70 पॉज़िटिव मामलों में 32 का अंतर्राष्ट्रीय यात्रा इतिहास है। इनमें 18 लोग खाड़ी से आए थे।

तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब, पश्चिम बंगाल में ऐसा ट्रेंड नहीं देखा गया है।

Dharmendra kumar

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