×

7 हफ्ते में ऐसा क्या हुआ, मौत के मुंह में खिंचती चली गई दुनिया,कैद में बीत रहा जीवन

दुनिया के ज़्यादातर देश लॉकडाउन झेलने पर मजबूर हैं। अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा ग्रस्त है तो अब दुनिया के विकासशील और पिछड़े देशों में वायरस कम्युनिटी स्प्रेड की स्टेज तक पहुंच रहा है।

Aditya Mishra
Published on: 14 April 2020 2:56 PM IST
7 हफ्ते में ऐसा क्या हुआ, मौत के मुंह में खिंचती चली गई दुनिया,कैद में बीत रहा जीवन
X

नई दिल्ली: दुनिया के ज़्यादातर देश लॉकडाउन झेलने पर मजबूर हैं। अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा ग्रस्त है तो अब दुनिया के विकासशील और पिछड़े देशों में वायरस कम्युनिटी स्प्रेड की स्टेज तक पहुंच रहा है।

स्थितियां गंभीर से और गंभीर होती जा रही हैं। आइये विश्लेषण के आधार पर जानें पिछले 50 दिनों में वायरस ने कैसे कहर ढाया और कैसे दुनिया की तस्वीर बदलती चली गई।

सप्ताह 1 : वायरस मध्य एशिया व यूरोप पहुंचा

फरवरी के तीसरे हफ्ते तक के हालात ऐसे थे कि पूर्वी एशिया के देशों में ही यह महामारी फैली थी, लेकिन 23 फरवरी से 1 मार्च के बीच के हफ्ते में कोविड 19 संक्रमण ने मध्य एशिया के ईरान और यूरोप के इटली फ्रांस व जर्मनी में दस्तक दी. इस हफ्ते में भारत में सिर्फ तीन मामले थे।

ये भी पढ़ें...कोरोना वायरस स्वाइन फ्लू से 10 गुना ज्यादा जानलेवा- WHO

सप्ताह 2 : पूरा यूरोप चपेट में

मार्च के पहले हफ्ते में पश्चिमी यूरोप के बाद स्पेन और यूके समेत पूरे यूरोप में संक्रमण ने पैर पसारे। साथ ही, इस हफ्ते से यूरोप के हॉटस्पॉट बने देशों में संक्रमण के मामले तेज़ी के साथ बढ़ते हुए पाए गए। इस हफ्ते के आखिर तक अमेरिका में संक्रमण के मामलों ने 100 का आंकड़ा पार किया था।

सप्ताह 3 : यूरोप से अमेरिका पहुंचा वायरस

यूरोपीय देश इटली के बाद स्पेन सबसे ज़्यादा प्रभावित देश के सामने आया, जहां मार्च के पहले हफ्ते के दौरान कोविड 19 के कारण सिर्फ 20 मौतें हुई थीं। वहीं 9 मार्च से 15 मार्च के बीच यह आंकड़ा 300 के पार हो गया। दूसरी ओर, यूरोप से वायरस अमेरिका के कई हिस्सों समेत कनाडा, ब्राज़ील और इज़रायल जैसे देशों में पहुंच गया था।

सप्ताह 4 : विकासशील व पिछड़े देशों की बारी

16 से 22 मार्च के हफ्ते में वायरस उच्च आय वाले देशों से मध्यम और निम्न आय वाले देशों की तरफ बढ़ा। भारत में इस हफ्ते में 320 केस सामने आ चुके थे और रूस भी 100 प्लस क्लब में शामिल हो गया था। तुर्की, चिली, इक्वाडोर और पेरू जैसे देशों में वायरस गंभीर नज़र आने लगा था।

कोरोना वारियर्स ने फ़र्ज़ के खातिर टाली शादी, कहा- देश से जरूरी नहीं निजी मामले

सप्ताह 5 : अमेरिका में शुरू हुआ हाहाकार

मार्च के आखिरी हफ्ते में पश्चिमी देशों ने किसी हद तक संक्रमण को काबू करने में कुछ सफलता के संकेत दर्शाए लेकिन अमेरिका और कनाडा में स्थितियां इस समय गंभीर हो रही थीं और अमेरिका में संक्रमण के मामले 1 लाख से ज़्यादा होने के कारण ट्रंप को 2 ट्रिलियन डॉलर का स्टिम्युलस पैकेज घोषित करना पड़ा।

सप्ताह 6 : रूस और भारत में बढ़ी चिंता

अप्रैल के पहले हफ्ते यानी 30 मार्च से 5 अप्रैल के बीच के समय में मध्यम आय वाले देशों में चिंता बढ़ने लगी क्योंकि लगातार मामलों में इज़ाफा देखा गया। वहीं, अमेरिका और कनाडा में भी लगातार मामले सामने आ रहे थे लेकिन रफ्तार में कुछ कमी देखी गई। इस हफ्ते में भारत में संक्रमण के मामले 3 हज़ार पार हो गए थे।

सप्ताह 7 : विकासशील देशों में है खतरा

6 अप्रैल से 12 अप्रैल के हफ्ते में भारत में संक्रमण के कुल मामले पिछले हफ्ते की तुलना में दोगुने से भी ज़्यादा हो गए। एक तरफ, पश्चिम के औद्योगिक और समृद्ध देशों में संक्रमण दर धीमी देखी गई, वहीं भारत जैसे विकासशील देशों में आंकड़े तेज़ी से बढ़ते दिखे।

तुर्की में तो संक्रमण के मामले 50 हज़ार का आंकड़ा पार कर गए। यानी ताज़ा स्थितियों में दुनिया के विकासशील और निम्न आय वाले देशों पर संक्रमण का खतरा गहराया है।

ट्रंप के चुनाव पर कोरोना का ग्रहण, लोगों के बढ़ते गुस्से से मुश्किल हुई राह



Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story