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कांग्रेस का फैसला: बदलाव की मांग से पार्टी में घमासान, CWC बैठक में होगा ये खास
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आज महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। दो भाग में बंटी कांग्रेस आज अहम फैसला ले सकती है। बैठक में कई संभावनाएं जताई जा रहीं हैं।
लखनऊ: कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक सोमवार को होनी है। ये बैठक कई मायनों में अहम है। कार्य समिति की बैठक से पहले 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी देकर पार्टी में बदलाव की मांग की है। ऐसे में कांग्रेस दो भागों में बंट गयी है। एक ओर वे नेता हैं, जिन्होंने पार्टी की मौजूदा स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए तो दूसरी ओर वो नेता है, जो बदलाव की मांग करने वाले नेताओं के खिलाफ खड़े हो गए। ऐसे में आज होने वाली बैठक में कई बातों को लेकर संभावनाएं जताई जा रही हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में ये संभावनाएं
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आज महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। दो भाग में बंटी कांग्रेस आज कई अहम बातों पर विचार कर सकती है। ध्यान दें कि इन्ही पर कांग्रेस के नेताओं के अलग अलग रुख हैं।
सोनिया गांधी बनी रहेगी अध्यक्ष या नहीं :
23 बड़े नेताओं ने पार्टी में फेरबदल की मांग की तो उनके खिलाफ अशोक गहलोत और कैप्टेन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज नेता खड़े हो गए। उन्होंने सोनिया से ही उनका नेतृत्व करने की मांग की है। ऐसे में आज बैठक के दौरान सभी मेंबर एक स्वर में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा दिखाकर उनसे अध्यक्ष बने रहने की अपील कर सकते हैं।
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सोनिया गांधी करेंगी तय, इनकार पर
ऐसे में सोनिया गांधी अगर अध्यक्ष पद पर बने रहने की मांग को मान लेती हैं तब तो ठीक है लेकिन अगर उन्होंने इससे इनकार कर इस्तीफा देने पर विचार किया तो ऐसे हालातों में सभी मेंबर राहुल गांधी से वापस अध्यक्ष का पद संभालने की मांग रख सकते हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी अपने एक साल पहले लिए गए स्टैंड पर कायम हैं और वह किसी भी सूरत में अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करेंगे।
कैसे और कब होगा नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव
सोनिया और राहुल ने अध्यक्ष पद नहीं संभाला तो ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो सकता है। पहले ही पार्टी के पास सभी राज्यों के इलेक्टोरल कॉलेज है, सिर्फ हरियाणा और कुछ इक्का-दुक्का राज्यों के एआईसीसी डेलीगेट चुनने की प्रक्रिया बाकी है, जिसमें लगभग 2 महीने और लग सकते हैं।
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बता दें कि चुनाव के हालत में लगभग 9000 से 10000 डेलीगेट अध्यक्ष पद का चयन करते हैं। साल 2019 में जब सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था तो 6 महीने के भीतर चुनाव कराकर यह प्रक्रिया खत्म होनी थी, मगर कोरोना की महामारी के चलते ऐसा नहीं हो पाया। वहीं इसके लिए एक निर्धारित समयसीमा है। यानी 3 से 6 महीने के भीतर नए अध्यक्ष को चुनने का फैसला लिया जा सकता है। इस दौरान सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर बने रहने की अपील की जाएगी।
सोनिया के अलावा अंतरिम अध्यक्ष कौन
वहीं अगर सोनिया अंतरिम अध्यक्ष बनने को भी तैयार न हुईं तो उनके स्थान पर किसी विश्वसनीय नेता को चुना जाएगा। पार्टी का कोई वफादार नेता जिसने लंबे समय से संगठन में काम किया, उसका नाम अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सामने रखा जा सकता है। इनमे कई नाम सामने आ सकते है।पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और डॉक्टर मनमोहन सिंह रेस में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे जैसे सरीखे नेता भी इस पद के दावेदार हो सकते हैं।
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