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कोरोना से डरें नहीं, स्पेनिश फ्लू भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता आपका, ली थीं करोड़ों जानें
किसी भी वायरल डिजीज से प्रभावित व्यक्ति यदि खुद को आइसोलेट कर लेगा पब्लिक प्लेस में जाने से रोक लेगा तो अपने आप ही वायरस का प्रसार रुक जाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है धूप की तपिश बढ़ने के साथ ये वायरस भी निर्जीव हो कर खत्म हो जाएगा।
रामकृष्ण वाजपेयी
कोरोना से डरें नहीं, स्पेनिश फ्लू भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता आपका, ली थीं करोड़ों जानें... कोरोनो वायरस को लेकर इस समय हर शख्स परेशान है। लेकिन डर के आगे जीत है। जो डर गया, वह मर गया। डरा हुआ आदमी सामना नहीं कर सकता।
हेल्थ विज्ञानियों का दावा है कि कोरोना वायरस और स्पेनिश फ्लू दोनो वायरल बीमारियां होने के बावजूद ये कभी भी स्पेनिश फ्लू नहीं बन सकता है। जिससे एक सदी पहले करोड़ों मौतें हुई थीं, उस समय लोगों को पता ही नहीं था, ये क्या है, लोग क्यों मर रहे हैं। न ही उस समय के हेल्थ साइंटिस्ट इस चुनौती को झेलने के लिए तैयार थे, नतीजतन तीन माह में ही 5 करोड़ लोग मर गए।
आज दुनिया को कोरोना वायरस के खिलाफ मोर्चा सम्हालने में देर नहीं लगी। कुछ हफ्ते में पहचान हो गई। इलाज ढूंढ लिया गया। जबकि 1918 के स्पेनिश फ्लू में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने के बाद इस पर काबू पाया जा सकता है।
गरमी बढ़ी और कोरोना वायरस मरा
वैसे वायरस जनित जितनी भी बीमारियां हैं ये मौसम के एक खास पीरियड में ही रहती हैं। सूरज की तेज गरमी में कोई भी वायरस जिंदा नहीं रह पाता है।
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अभी तक जितने भी फ्लू हुए हैं उनके लक्षण एक दूसरे से मिलते रहे हैं। स्पेनिश फ्लू के लक्षम भी सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं। ठंड के साथ बुखार आना, गले में इंफेक्शन, सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी बहना, सर्दी-जुकाम के साथ खांसी की परेशानी, अचानक से शरीर कमजोर पड़ जाना, आदि।
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किसी भी वायरल डिजीज से प्रभावित व्यक्ति यदि खुद को आइसोलेट कर लेगा पब्लिक प्लेस में जाने से रोक लेगा तो अपने आप ही वायरस का प्रसार रुक जाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है धूप की तपिश बढ़ने के साथ ये वायरस भी निर्जीव हो कर खत्म हो जाएगा।