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फादर्स डे स्पेशल: राजनीतिक पिता के फक्र का सबब है उनके ये बेटे

कहा जाता है हर बाप की दिली तमन्ना होती है कि उनका बेटा उनसे अधिक नाम कमाए। इसमें कुछ को तो यह सौभाग्य ऐसा मिलता है कि बेटा उनसे भी आगे निकल जाता है, फिर वह चाहे वह खेल का क्षेत्र हो, फिल्म का हो अथवा राजनीति का क्यो न हो।

SK Gautam
Published on: 20 Jun 2020 12:30 PM GMT
फादर्स डे स्पेशल: राजनीतिक पिता के फक्र का सबब है उनके ये बेटे
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: कहा जाता है हर बाप की दिली तमन्ना होती है कि उनका बेटा उनसे अधिक नाम कमाए। इसमें कुछ को तो यह सौभाग्य ऐसा मिलता है कि बेटा उनसे भी आगे निकल जाता है, फिर वह चाहे वह खेल का क्षेत्र हो, फिल्म का हो अथवा राजनीति का क्यो न हो। ‘फादर्स डे’ के मौके पर आज हम राजनीति के क्षेत्र से जुडे़ ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं।

मुख्तार अंसारी-अब्बास अंसारी

पूर्वांचल क्षेत्र के वाराणसी से आजमगढ तक अपने खौफ से कई वर्षो से एकतरफ राज करने वाले विधायक मुख्तार अंसारी का राजनीति में भी एक बड़ा नाम है। जेल में रहकर भी वह चुनाव जीतते रहे हैं। उन पर लूट हत्या के दर्जनों आपराधिक मुकदमें है और इस समय वह जेल में है। लेकिन उनके बेटे अब्बास अंसारी उनसे बिल्कुल अलग है।

पिता की तरह अब्बास को राइफल-पिस्टल से तो जुडे है, पर पापा की तरह वह पिस्टल-राइफल खून बहाने के लिए नहीं चलाते है बल्कि राइफल से निशाना साधकर वह अपने पिता का नाम रोशन करते है। अब्बास निशानेबाजी के तीन बार राष्ट्रीय चैम्पियन रह चुके हैं और निशानेबाजी के क्षेत्र में उनका बड़ा नाम है।

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पिछले तीन दशकों से गोण्डा की राजनीति के शिरमोर कहे जाने वाले बृजभूषण शरण सिंह कई बार सांसद रह चुके है। लेकिन उनकी छवि उस क्षेत्र में एक दबंग की भी रही है। कुख्यात जहीर रिजवान पर किसी ने लगाम लगाई तो वह बृजभूषण सिंह रहे हैं। फिलहाल वह कैसरगंज से भाजपा के सांसद है।

उनके पहलवान बेटे प्रतीक भूषण भी इस समय गोण्डा से विधायक है। प्रतीक ऑस्ट्रेलिया के डियाकिन विश्वविद्यालय से प्रबंधन की डिग्री हासिल कर चुके हैं। उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में मात्र तीन साल में ही लोकप्रियता की सारी सीमाएं तोड दी है। वह सुबह से शाम तक जनसेवा में लगे रहते है जिसे देखकर उनके पिता ब्रजभूषण सरण सिंह बेहद गर्व का अनुभव करते हैं।

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हरिशंकर तिवारी-विनय तिवारी

पूर्वाचंल क्षेत्र में बाहुबली के तौर पर तीन दशको तक अपना सिक्का जमाए रखने वाले हरिशंकर तिवारी प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे है। उनका अपना राजनीतिक दल भी रहा। पूरे प्रदेश में उनके नाम से लोग कांपते थे लेकिन उनके पुत्र विनय शंकर तिवारी अपने पिता के स्वभाव के विपरीत हैं। पिता की परम्परागत सीट चिल्लूपार से विधायक विनय शंकर तिवारी बेहद पढे लिखे विधायक है, फिलहाल बसपा में है और अपने सरल स्वभाव के चलते पूरे प्रदेश में अलग पहचान रखते है।

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