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अमेरिका में सुलगी 150 साल से दबी चिंगारी से आग, और भड़का सकती है राजनीति

अमेरिका में सात राज्यों – साउथ कैरोलिना, मिसिसिपी, फ्लोरिडा, अलाबामा, जॉर्जिया, लुसिआना और टेक्सास – ने अपना एक गठबंधन बनाया था और अपने को अमेरिका से अलग राष्ट्र घोषित कर दिया था। बाद में इनके साथ चार और राज्य – वर्जिनिया, अर्कांसस, टेनेसी और नार्थ कैरोलिना भी शामिल हो गए।

Rahul Joy
Published on: 29 Jun 2020 10:47 AM GMT
अमेरिका में सुलगी 150 साल से दबी चिंगारी से आग, और भड़का सकती है राजनीति
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नील मणि लाल

लखनऊ। अमेरिका में अश्वेत बनाम पुलिस का आन्दोलन अब १५० साल पुराने दौर में पहुँच गया है। पुराने स्मारकों, मूर्तियों और प्रतीक चिन्हों को निशाना बनाए जाने की नयी परंपरा शुरू हो गयी है जिसके बाद प्रेसिडेंट ट्रंप ने स्मारकों और अन्य प्रतीक चिन्हों की सुरक्षा के लिए नया आदेश जारी किया है।

कनफेडरेट स्टेट्स

अमेरिका में सात राज्यों – साउथ कैरोलिना, मिसिसिपी, फ्लोरिडा, अलाबामा, जॉर्जिया, लुसिआना और टेक्सास – ने अपना एक गठबंधन बनाया था और अपने को अमेरिका से अलग राष्ट्र घोषित कर दिया था। बाद में इनके साथ चार और राज्य – वर्जिनिया, अर्कांसस, टेनेसी और नार्थ कैरोलिना भी शामिल हो गए। १८६१ से १८६५ के बीच अमेरिकी गृह युद्ध में इन राज्यों ने अन्य राज्यों यानी यूनाइटेड स्टेट्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

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काले गुलामों पर टिकी इकॉनमी

इन सात राज्यों में गुलामी प्रथा का बोलबाला था और यहाँ की अर्थव्यवस्था कृषि, खासतौर पर कपास की खेती पर निर्भर थी। यहाँ प्लांटेशन सिस्टम काम करता था जिसमें एक विशाल क्षेत्र में खेत, आवास और मिलें होती थीं और इनका मालिक एक व्यक्ति या कोई ग्रुप होता था। ये पूरी अर्थव्यवस्था और प्लांटेशन सिस्टम अफ्रीकी – अमेरिकी गुलामों पर निर्भर था।

लिंकन का गुलाम प्रथा विरोध

नवम्बर १८६० में अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए। रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी अब्राहम लिंकन अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्रों में गुलामी प्रथा के विस्तार के विरोधी थे। गुलामों की बदौलत अर्थव्यवस्था चलाने वाले राज्यों को लगा कि लिंकन के प्रेसिडेंट बनने के बाद श्वेतों की सुप्रीमेसी और गुलामी प्रथा खतरे में पद जायेगी। इसके चलते सात राज्यों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया और अपने को अलग राष्ट्र घोषित कर दिया। जो विद्रोही थे उनको कनफेडरेट राज्य और जो अन्य राज्य थे उनको यूनियन कहा गया। इसके बाद दोनों यानी कनफेडरेट और यूनियन के बीच अप्रैल १८६१ में युद्ध छिड़ गया।

ऐतिहासिक स्पीच

कनफेडरेट राज्यों ने अपना राष्ट्रपति मिसिसिपी के जेफरसन डेविस को घोषित कर दिया जबकि जॉर्जिया के एलेग्जेंडर एच स्टीफेंस उप राष्ट्रपति बनाये गए। १८ फरवरी १८६१ से ५ मई १८६५ तक ये इन पदों पर रहे। स्टीफेंस की एक स्पीच को काफी मतवपूर्ण मना जाता है जिसमें उन्होंने कहा था कि कनफेडरेट राज्यों की विचारधारा इस सच्चाई पर आधारित है कि नीग्रो (अश्वेत) गोरे आदमी के बराबर नहीं हैं और उच्च नस्ल के अंतर्गत गुलामी करना उसकी (नीग्रो) की स्वाभाविक और सामान्य स्थिति है।

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लिंकन का पदग्रहण

मार्च १८६१ में अब्राहम लिंकन के प्रेसिडेंट पद सँभालने से पूर्व फरवरी में ही एक नई कनफेडरेट सरकार की स्थापना कर दी गयी थी। कनफेडरेट राज्यों ने अपनी फ़ोर्स तैयार करनी शुरू कर दी और रातोंरात कनफेडरेट स्टेट आर्मी की स्थापना की घोषणा कर दी। अप्रैल में लड़ाई शुरू हो गयी। इसके तुरंत बाद वर्जीनिया, अर्कांसस, टेनेसी और नार्थ कैरोलिना भी अमेरिका से अलग हो कर कनफेडरेट राज्यों के साथ जुड़ गए। कुछ समय बाद मिसूरी और केंटकी को भी कन्फेरेसी की सदस्यता दे दी गयी। कनफेडरेसी की राजधानी मोंटोगोमेरी, अलाबामा को बनाया गया लेकिन बाद में इसे रिचमंड, वर्जीनिया शिफ्ट कर दिया गया।

अमेरिका का गृह युद्ध

१२ अप्रैल १८६१ को कनफेडरेट सेना ने साउथ कैरोलिना में फोर्ट संटर पर हमला बोल कर गृह युद्ध की शुरुआत कर दी। इसके बाद चार साल तक कनफेडरेट और यूनियन राज्य लड़ते रहे जिसमें 6 से साढ़े आठ लाख सैनिक मारे गए। अंत में सभी कनफेडरेट बालों ने सरेंडर कर दिया। वर्जीनिया के एपोमैटाक्स में ९ अप्रैल १८६५ को यूनियन सेना के जनरल यूलिसिस एस ग्रांट के समक्ष कनफेडरेट के जनरल रोबर्ट ई ली ने सांकेतिक रूप से सरेंडर करके इस प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया। १८६५ के अंत तक समूची कनफेडरेट सेना या तो सरेंडर कर चुकी थी या टूट चुकी थी। लेकिन इससे पहले 15 अप्रैल १८६५ को एक कनफेडरेट समर्थक जॉन विल्कस ने प्रेसिडेंट लिंकन की ह्त्या कर दी।

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पुनर्निर्माण युग

युद्ध के बाद कनफेडरेट राज्यों को पुनः यूनियन में शामिल किया गया और इस दौर को अमेरिका के पुनर्निर्माण का युग कहा गया। सभी कनफेडरेट राज्यों ने अमेरिकी संविधान के १३वें संशोधन को स्वीकृति और मंजूरी दी जिसमें गुलामी और बंधुआ मजदूरी को समाप्त कर दिया गया था। सिर्फ किसी अपराध के दंड स्वरूप ऐसी सज़ा दी जा सकती थी। ८ अप्रैल १८६४ को सीनेट ने इस संशोधन को मंजूरी दी और ३१ जनवरी १८६५ को हाउस ने इसे स्वीकृत कर दिया। यानी अमेरिका के सभी राज्य गुलामी को खत्म कर चुके थे।

लेकिन जारी है वैचारिक लड़ाई

कनफेडरेट राज्य भले ही लड़ाई हार गए लेकिन वैचारिक लड़ाई आज तक जारी है। कनफेडरेट जनरल और नेताओं ने ये लड़ाई जारी रखी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ये मामला फिर उछला ५० और ६० के दशकों में सिविल राइट्स मोवमेंट के दौरान पूर्व कनफेडरेट सैनिकों और जनरलों ने पुराने समय की यादों को संजोने की पुरजोर कोशिश की। इसके लिए कनफेडरेट स्मारक बनाने, कनफेडरेट नेता और जनरलों की प्रतिमाएं स्थापित की गयीं। इतिहास की किताबों में कनफेडरेसी के समर्थन में चैप्टर लिखे गए।

आज का दौर

मिनियापोलिस में जॉर्ज फ्लोयेड की एक पुलिसवाले के हाथों हुई मौत के बाद अमेरिका में अश्वेत आन्दोलन भड़का हुआ है। जिसमें राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। इस आन्दोलन के दौरान कनफेडरेट जनरलों, नेताओं और अन्य कनफेडरेसी समर्थकों की प्रतिमाएं गिराई, तोड़ी और ख़राब की गयीं हैं। इसका कारण कनफेडरेट्स को अश्वेत विरोधी बताया जाना है।

अब मिसिसिपी में जनप्रतिनिधियों ने कनफेडरेसी जमाने का स्टेट ध्वज हटाने का फैसला किया है। लेकिन कई जगह कनफेडरेसी के समर्थन में भी रैलियां और प्रदर्शन शुरू हो गए है जिससे लगता है कि १५९० साल पहले की आग अभी शांत नहीं हुई है और राजनीति इसके और आगे बढ़ा सकती है।

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