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भूलना पड़ेगा पाकिस्तान: यकीनन मुमकिन है एकता, करना होगा ऐसा

मशहूर फिल्मकार और महाभारत टीवी सीरियल के निर्माता बीआर चोपड़ा ने 1989 में एक इंटरव्यू में कहा था कि आज चारों तरफ एक रेनेसां हो रहा है. हिंदुस्तान का पुनर्जागरण हो रहा है.

Newstrack
Published on: 4 Aug 2020 7:20 PM IST
भूलना पड़ेगा पाकिस्तान: यकीनन मुमकिन है एकता, करना होगा ऐसा
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लखनऊ: मशहूर फिल्मकार और महाभारत टीवी सीरियल के निर्माता बीआर चोपड़ा ने 1989 में एक इंटरव्यू में कहा था कि आज चारों तरफ एक रेनेसां हो रहा है. हिंदुस्तान का पुनर्जागरण हो रहा है. आज जब वर्ष 2020 में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है और देश में राष्ट्रवाद की एक लहर है ऐसे में बीअआर चोपड़ा की कही बात बहुत प्रासंगिक प्रतीत होती है.

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भारतीय संस्कृति

बीआर चोपड़ा ने कहा था कि वो पुनर्जागरण को भारतीय पुनर्जागरण कहना पसंद करेंगे. हिन्दू शब्द हमें बाहरवालों ने दिया है. इस देश में या तो वैदिक संस्कृति थी या उसे ही हम भारतीय संस्कृति कहते हैं.

महाभारत के समय तो हिन्दू नाम ही नहीं था. स्वामी दयानंद का शुद्धि आन्दोलन एक जवाबी कार्यवाही थी. लोग मुसलमान हो रहे थे. स्वामी दयानंद ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. उनके आह्वान पर हिन्दू एकजुट हो गए.

लोग कहते हैं कि अगर उस समय स्वामी दयानंद नहीं होते तो पता नहीं क्या होता. आर्यसमाज ने जब धर्मान्तरण का रास्ता खोला तब हिन्दू मजहब को औपचारिक आकार मिला.

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भूल गए भारत की संस्कृति

उस समय लोग अपनी संस्कृति के बारे में अनपढ़ थे, संस्कृत तो दूर हिंदी तक नहीं जानते थे. गुलामी के कारन लोग सिर्फ अंग्रेजों की नौकरी के लिए ही जीते थे. वैसा ही पुनर्जागरण का काल ये है. उस समय तो लाग बहुत कम पढ़े लिखे थे पर आज तो लाग जितने ज्यादा पढ़े लिखे हैं उतने ही अधार्मिक हैं.

अब भारतीय संस्कृति को वापस लाने के लिए लोगों में जोश आया है. दोष आज की शिक्षा पद्धति का है. अच्छे स्कूल तो सेंट मेरी, सेंट जोसेफ जैसे ईसाई मिशनरियों के हैं. वहां देश की संस्कृति पढ़ाई नहीं जाती.

निहित स्वार्थ में झगड़े

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आज झगडे निहित स्वार्थी और फिरकापरस्त लोग करवाते हैं. पाकिस्तान बनने के बाद ये झगड़े ज्यादा बढ़े हैं. अगर हिंदुस्तान का मुसलमान पाकिस्तान को भूल जाए और पाकिस्तान का मुसलमान हिंदुस्तान से दुश्मनी को भूल जाये तो फिर यहाँ हिन्दू – मुसलमान के बीच कोई समस्या नहीं रहेगी. दोनों में एकता हो सकती है.

महाभारत से बढ़ी दिलचस्पी

बीआरर कपड़ा का कहना था कि महाभारत के प्रसारण के बाद नई पीढी में अपनी संस्कृति को जानने की दिलचस्पी बढ़ी है. बच्चों तक के मन को अपने इतिहास और संस्कृति की बातें गहराई से छूती हैं.

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