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इस एक ऐप को है चार करोड़ रोज का नुकसान, बाकी एप का क्या होगा हाल

ऐप में विज्ञापन से कंपनियों को भारी आमदनी होती है। इसके अलावा डेटा डिस्ट्रिब्यूशन भी आमदनी का बड़ा स्रोत है।

Rahul Joy
Published on: 30 Jun 2020 11:11 AM GMT
इस एक ऐप को है चार करोड़ रोज का नुकसान, बाकी एप का क्या होगा हाल
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नील मणि लाल

नई दिल्ली। भारत ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा कर चीनी कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। इन ऐप्स के जरिये चीन मोटी कमाई कर रहा था। सिर्फ टिकटॉक बंद होने से ही चीन को रोजाना पौने चार करोड़ की चपत लगेगी। वैसे 59 चीनी ऐप्स बंद होने से चीनी कंपनियों को हजारों करोड़ का नुकसान होना तय है।

जब 2019 में हफ्ते भर के लिए टिकटॉक पर रोक लगी थी तब इसकी कंपनी बाइट डांस ने कोर्ट में कहा था कि उसे प्रतिबंध के कारण रोजाना 5 लाख डालर का नुकसान हो रहा है। यानी पौने चार करोड़ रुपये रोजाना।

डेटा डिस्ट्रिब्यूशन आमदनी का बड़ा स्रोत

विश्व में सिर्फ ऐप्स के जरिये चीन की कमाई 40 बिलियन डालर यानी 3000 अरब रुपये सालाना से ज्यादा की है। दुनिया में ऐप से होने वाली कमाई का 40 फीसदी चीन के पास जाता है। 2016 के बाद से चीनी ऐप्स की कमाई 140 फीसदी बढ़ी है। इसमें भारत से कमाई का बड़ा हिस्सा है। जबसे भारत में इंटरनेट और स्मार्ट फोन की पैठ बढ़ी है चीन का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है. दरअसल, ऐप में विज्ञापन से कंपनियों को भारी आमदनी होती है। इसके अलावा डेटा डिस्ट्रिब्यूशन भी आमदनी का बड़ा स्रोत है।

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डिजिटल सिल्क रोड

ऐप्स पर प्रतिबंध लगने से चीन की डिजिटल सिल्क रोड यानी डिजिटल तरीके से व्यापार पर कब्जा करने की योजना ठप पड़ सकती है। आम तौर पर चीनी ऐप्स चीन निर्मित स्मार्टफोन में पहले से इन्स्टाल किए हुये होते हैं। चूंकि भारत के मोबाइल फोन बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा है सो सभी चीनी ऐप भी व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं। अब रोक लग जाने से ये स्थिति बदल जाएगी।

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किस ऐप से कितना नुकसान

टिक टॉक: भारत में टिक टॉक के 61 करोड़ यूजर हैं। इस ऐप के बंद होने से टेंसेंट कंपनी को प्रतिदिन चार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। टिक टॉक पर प्रतिबंध से बाइट डांस की 110 अरब डालर की मार्केट वैल्यू को बड़ा झटका लगेगा। टिकटॉक के कुल राजस्व का दस फीसदी भारत से आ रहा था। टिक टॉक को विज्ञापनों के जरिये मोनिटाइज़ करने का काम बाइट डांस ने मार्च 2019 में ही शुरू किया था।

विगो विडियो : टिक टॉक की कंपनी का ही ये विडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है। इसके भारत में 40 लाख मासिक एक्टिव यूजर हैं। कंपनी ने पहले से ही तय कर रखा था कि अक्तूबर में वह विगो विडियो को बंद कर के सिर्फ टिक टॉक पर ही फोकस करेगी। ऐसे में प्रतिबंध से टेंसेंट को कोई नुकसान नहीं होगा।

क्लब फैक्ट्री और शाइन: ऑनलाइन बिजनेस प्लेटफार्म के इन ऐप्स के भारत में करीब 5 करोड़ यूजर हैं भारत में। कोरोना काल और भारत सरकार द्वारा नियम कानून सख्त किए जाने से पहले से ही क्लब फैक्ट्री और शाइन का धंधा मंदा चल रहा था। वैसे भी ऑनलाइन बिजनेस में ये कंपनी कुछ खास नहीं कर पा रही थी और जबसे चीन से फंड आने पर सख्ती की गई तबसे स्थिति और भी खराब हो गई। ऐसे में क्लब फैक्ट्री और शाइन ऐप्स का भारत में कारोबार का लेवल घटाने का फैसला लिया गया था।

हेलो: बाइट डांस के हेलो ऐप के भारत में 4 करोड़ एक्टिव यूजर हैं। पिछले साल टिक टॉक और हेलो को मिला कर बाइट डांस को 43.7 करोड़ के राजस्व में 3.4 करोड़ का लाभ हुआ था।

शेयर इट: फाइल शेयरिंग ऐप शेयर इट के भारत में 20 करोड़ मासिक यूजर हैं। ये लेनेवो कंपनी का प्रोडक्ट है लेकिन बाद में शेयर इट अलग कंपनी बना दी गई। शेयर इट के सीईओ करम मल्होत्रा के अनुसार 2019 में ही कंपनी ने इस प्रोडक्ट को मोनेटाइज़ करना शुरू किया था। भारत में योजना विडियो विज्ञापन और गेमिंग ए जरिये 100 करोड़ का बिजनेस खड़ा करने की थी। लेकिन अब इस पर ब्रेक लग जाएगा।

यूसी ब्राउज़र: अलीबाबा के यूसी ब्राउज़र के भारत में 13 करोड़ यूजर हैं और इस कंपनी का राजस्व 103.80 मिलियन डालर का है। भारत में यूसी ब्राउज़र का मार्केट शेयर 13 फीसदी है। सिर्फ गूगल क्रोम ही यूसी ब्राउज़र से आगे है।

वीबो: इस सोशल नेटवर्किंग ऐप का वर्ष 2020 की पहली तिमाही में कुल राजस्व 323.4 मिलियन डालर का था। जो पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी कम रहा। वीबो के मासिक एक्टिव यूजरों की संख्या साढ़े पाँच करोड़ है।

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