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पहला कोरोना मरीज: इस दिन सामने आया था भारत में, साझा किया अनुभव

चीन से श्जुरु हुए इस वायरस का आगमन भारत में जनवरी में ही हो गया था। 30 जनवरी को भारत में कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आया था।

Aradhya Tripathi
Published on: 1 May 2020 7:46 AM GMT
पहला कोरोना मरीज: इस दिन सामने आया था भारत में, साझा किया अनुभव
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पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने हाहाकार मचा रखा है। पूरी दुनिया में इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 20 लाख 30 हजार से ज्क्यादा जानें जा चुकीं हैं। भारत में भी इस वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ ही रहा है। कोरोना संक्रमितों की संख्या आए दिन देश में बढती जा रही है। भारत में अब तक इस वायरस की चपेट में 33 हजार से ज्यादा लोग आ चुकें हैं। वहीं 1000 से ज्यादा लोगों की इस खतरनाक वायरस से मौत हो चुकी है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में इस जानलेवा वायरस का पहले मरीज कौन था और वो कब सामने आया था। यहां हम आपको भारत के उस पहले कोरोना मरीजक के बारे में पूरी जानकारी।

30 जनवरी को केरल में मिला पहला मरीज

चीन से श्जुरु हुए इस वायरस का आगमन भारत में जनवरी में ही हो गया था। 30 जनवरी को भारत में कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आया था। ये पहला मरीज केरल की एक 20 साल मेडिकल छात्रा थी। जो अब इस वायरस की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुकी है। अब इस छात्रा ने चीन के वुहान से दुबारा अपनी पढ़ाई भी शुरू कर दी है। चीन से ऑनलाइन क्ल़ासेज ले रही है। यहां ये छात्रा खुद बता रही है अपने जीवन के सबसे खतरनाक अनुभव को। एक प्रमुख मीडिया प्रकाशन को दिए इंटरव्यू में इस छात्रा ने बताया कि मैं अपनी यूनिवर्सिटी से फरवरी से ही क्लास ले रही हूं। विषय के हिसाब से क्लास हर दिन होती है।

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हमसे कहा गया है कि फिलहाल जिन विषयों की ऑनलाइन कक्षा चल रही है, एक बार नियमित कक्षाएं शुरू होने के बाद उन्हें दोहराया जाएगा। क्योंकि प्रैक्टिकल भी होने हैं। मेडिकल इस छातरा को गले में खराश और खांसी की समस्या के चलते 27 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद 30 जनवरी को इस छात्रा को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। जिसके बाद त्रिसूर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में करीब तीन हफ्ते के इलाज के बाद किए गए दो टेस्ट में उन्हें कोरोना निगेटिव पाया गया। छात्रा को 20 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था।

छात्रा ने बताया नहीं लगा बिलकुल कोई डर

भारत की पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बताया कि जब मेरा सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो दुनियाभर में लोग इस महामारी से उबर रहे थे। मुझे बिल्कुल भी डर नहीं लगा। न ही स्वास्थ्य को लेकर मुझे कोई समस्या हुई। छात्रा ने बताया कि वुहान से लौटने के बाद स्वस्थ्य अधिकारी लगातार मुझसे मेरी हेल्थ अपडेट ले रहे थे। इसी के चलते जैसे ही मुझे गले में थोड़ी भी खराश महसूस हुई मैंने तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी जानकारी दी और उन्होंने तुरंत मेरे घर एम्बुलेंस भेज दी। फिलहाल अब छात्रा बिलकुल स्वस्थ है और फिर वुहान यूनिवर्सिटी से ऑनलाइन क्लास ले रही है। छात्रा ने बताया कि खाली वक्त में उसे खाना बनानान बहुत पसंद है।

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जिसके चलते वो घर में मां का हाथ बंटाती है। छात्रा ने बताया कि हमें बताया गया है कि अब वुहान में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है। हालांकि हवाई सेवाएं अभी शुरू नहीं की गईं हैं। छात्रा के अनुसार यूनिवर्सिटी ने कहा है कि छात्रों की वापसी पर कक्षाएं नए सिरे से लगेंगी लेकिन इसके लिए अभी तक कोई समयसीमा तय नहीं है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब शहर के किसी भी अस्पताल में कोविड-19 का कोई मरीज नहीं है। चीन के अनुसार, वुहान में कोरोना वायरस से 3,869 लोगों की मौत हुई है।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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