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यहां 24 घंटे लगाना पड़ता है मास्क, बहुत ही खतरनाक है ये जगह

क्या आपको मालूम है कि दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर जिंदा रहने के लिए लोग 24 घंटे मास्क लगाए रहते हैं। हम बात कर रहे हैं इजू आइलैंड की।

Shreya
Published on: 11 April 2020 8:22 AM GMT
यहां 24 घंटे लगाना पड़ता है मास्क, बहुत ही खतरनाक है ये जगह
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यहां 24 घंटे लगाना पड़ता है मास्क, बहुत ही खतरनाक है ये जगह

लखनऊ: भारत में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है, जिसे देखते हुए दिल्ली समेत कई राज्यों में लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। आज सभी लोग कोरोना से बचने के लिए एहतियातन मास्क लगा रहे हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर जिंदा रहने के लिए लोग 24 घंटे मास्क लगाए रहते हैं।

इजू आइलैंड, जहां लगाया जाता है 24 घंटे मास्क

हम बात कर रहे हैं जापान के मियाकेजीमा इजू आइलैंड की, जहां पर लोग जिंदा रहने के लिए 24 घंटे मास्क पहने रहते हैं। ये लोग जिस मास्क का इस्तेमाल करते हैं वो कोई आम मास्क नहीं है, बल्कि इसे गैस मास्क कहा जाता है।

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इसलिए लगाए रहते हैं 24 घंटे मास्क

इजू आइलैंड्स कई छोटे-बड़े आइलैंड का एक समूह है। इनमें से केवल सात आइलैंड ऐसे हैं, जहां लोग रहते हैं। इनमें से ही एक मियाकेजीमा आइलैंड भी है। यहां के लोग बहुत ही विकट परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। इस आइअलैंड पर इंसान तो रहते हैं, लेकिन उन्हें अपने बचाव के लिए हमेशा गैस मास्क को पहने रहना पड़ता है। यहां की हवा में जहरीली गैसों की मात्रा सामान्य स्तर से कई ज्यादा अधिक है।

इजू आइलैंड एक सक्रिय ज्वालामुखी के पास स्थित है। ऐसे में यहां पर रहने वाले लोगों के मन में हमेशा ज्वालामुखी फैलने का डर बना रहता है। ये स्थान टूरिज्म के लिए काफी फेमस है। यहां पर आने वाले हर टूरिस्ट को मास्क पहनना अनिवार्य है।

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क्या कहता है इतिहास?

मियाकेजीमा इजू आइलैंड के इतिहास के बारे में बात करें तो यहां पर 20 साल पहले 2000 में एक भयंकर विस्फोट हुआ था। यह विस्फोट इतना खतरनाक था कि यहां के लोगों को अपने घर तक खाली करने पड़ गए थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक, वह विस्फोट नहीं था, बल्कि तबाही का मंजर था। ऐसा लग रहा था मानो सब खत्म हो गया हो। वहां की हवा पर जहरीली गैस का कब्जा हो गया। इस वजह से क्षेत्र में उड़ानों पर रोक भी लगा दी गई थी।

जह यहां पर विस्फोट हुआ था तो लावा समेत भारी मात्रा में जहरीली गैसें मुख्य तौर पर सल्फर डाई ऑक्साइड निकली थी। ज्वालामुखी शांत होने के बाद भी जहरीली गैसों का निकलना जारी था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि साल 2000 से पहले भी यहां पर कई बड़े विस्फोट हो चुके हैं।

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2000 में लग गया था लोगों के रहने पर बैन

जब साल 2000 में इस ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ तो लोगों के वहां रहने पर बैन लगा दिया गया था। लेकिन साल 2005 में लोगों ने वहां पर फिर से धीरे- धोरे बसना शुरू कर दिया। 2005 तक ज्यादातर लोग उस आइलैड पर लौटे। इसके बाद सरकार ने लोगों को 24 घंटों गैस मास्क पहनने की सलाह दी। वहीं सरकार द्वारा नियमित रूप से लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाती थी। गैस मास्क नहीं पहनने वाले लोगों को आइलैंड पर रहने की अनुमति नहीं दी जाती थी।

आय का मुख्य साधन गैस मास्क और टूरिज्म

आपको बता दें कि इस आइलैंड के मुख्य आकर्षण वो खाली पड़े मकान हैं, जिनके मालिक कभी इस आइलैंड पर नहीं लौटे। इसके अलावा वो इमारतें जो कि लावे से तहस-नहस हो चुकी हैं। यहां रहने वाले लोगों की आय का मुख्य साधन गैस मास्क और टूरिज्म है।

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