TRENDING TAGS :
बेगम आबिदा अहमद की पुण्यतिथि, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े अनसुने किस्से
आबिदा बेगम ने 'अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय' (ए.एम.यू.) से बीए पास किया। फाइन आर्ट्स में इनकी काफ़ी रुचि थी। सांस्कृतिक गतिविधियों में भी उत्साह से भाग लेती थीं।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ: बेगम आबिदा अहमद भारत के पाँचवें राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद की पत्नी थीं। ये बेहद सुलझे विचारों वाली एक शिक्षित महिला के रूप में जानी जाती थीं। आबिदा बेगम सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बड़े उत्साह के साथ भाग लेती थीं। उत्तर प्रदेश के हरदोई में 17 जुलाई, 1923 को जन्मी आबिदा बेगम कभी इस देश की प्रथम महिला बनेंगी और इनके चर्चे न्यूयार्क टाइम्स तक होंगे ये शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा। इनके वालिद का नाम मुहम्मद सुल्तान हैदर 'जोश' ब्रिटिश हुकूमत की सिविल सर्विस में थे।
ये भी पढ़ें:सशस्त्र बल झंडा दिवस: इस दिन हुई थी शुरुआत, होता है ये काम
'अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय' (ए.एम.यू.) से बीए पास किया
Begum Abida Ahmed (PC: social media)
आबिदा बेगम ने 'अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय' (ए.एम.यू.) से बीए पास किया। फाइन आर्ट्स में इनकी काफ़ी रुचि थी। सांस्कृतिक गतिविधियों में भी उत्साह से भाग लेती थीं। बेगम आबिदा के जीवन में परिवर्तन की शुरुआत तब हुई जब इन का विवाह भारत के पूर्व राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद से 9 नवम्बर, 1945 को हुआ था।
विवाह के समय फ़खरुद्दीन अली अहमद इनसे उम्र में 18 साल बड़े थे। उनकी उम्र 40 वर्ष थी, जबकि आबिदा बेगम मात्र 22 वर्ष की थीं। लेकिन उम्र के इस अंतर इनके दाम्पत्य जीवन पर की असर नहीं पड़ा। इन्हें तीन संतानों की प्राप्ति हुई। प्रथम संतान के रूप में इन्हें पुत्र प्राप्त हुआ, जिसका नाम परवेज अहमद रखा गया। दूसरी संतान पुत्री थी, जिसका नाम समीना रखा गया और सबसे छोटी संतान के रूप में पुत्र का नाम दुरेज अहमद रखा गया।
Begum Abida Ahmed (PC: social media)
ये भी पढ़ें:मिट्टी में दबी लड़की: खौफनाक मंजर से दहल उठी दिल्ली, पुलिस की भी हालत खराब
लोकसभा सदस्य के रूप में इन्होंने बरेली की जनता में अपनी विशिष्ट साख बनाई
फखरुद्दीन अली अहमद जब देश के पांचवें राष्ट्रपति बने तब आबिदा बेगम को देश की प्रथम महिला होने का गौरव हासिल हुआ जिसे इन्होंने सक्रिय रूप से निभाया। अपने राजनीतिक सफर में कांग्रेस इंदिरा के टिकट पर बरेली, उत्तर प्रदेश की सीट से लोकसभा का उपचुनाव जीता और जून, 1981 में सांसद निर्वाचित हुईं। लोकसभा सदस्य के रूप में इन्होंने बरेली की जनता में अपनी विशिष्ट साख बनाई। इसी वजह से बरेली संसदीय सीट से ही यह 1984 में पुन: लोकसभा में पहुँचीं। 7 दिसंबर 2003 को इनका निधन हुआ। बेगम आबिदा अपनी सक्रियता और विशिष्ट पहचान के लिए जानी जाएंगी।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।