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कोरोना के इस झूठ से न हों परेशान, स्वास्थ्य मंत्री ने बताई हकीकत
चीन को बुरी तरह से पश्त करने वाला जानलेवा कोरोना वायरस अब और देशों में भी बुरी तरह से पसर चुका है। भारत में भी कई शहरों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज पाए गए हैं।
नई दिल्ली: चीन को बुरी तरह से पश्त करने वाला जानलेवा कोरोना वायरस अब और देशों में भी बुरी तरह से पसर चुका है। भारत में भी कई शहरों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज पाए गए हैं, इनमें से कुछ मरीजों के रिपोर्ट्स पॉजीटिव आए हैं। जिसके बाद से देश में खलबली मच गई है। कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों को नसीहत दी है कि वो चीन, ईरान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इटली की गैर जरूरी यात्रा से बचें।
यात्रियों की हो रही जांच पड़ताल
वहीं देश को कोरोना से बचाने के दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 21 एयरपोर्ट, 12 बड़े बंदरगाहों, 65 छोटे बंदरगाहों पर यात्रियों की जांच पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा 5.69 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने एक चिकित्सक और मंत्री होने के नाते अपील की है कि संक्रमण के डर से लोग मास्क न लगाकर घूमें और डर न फैलाएं।
भारत में कोरोना वायरस के दो मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में लोगों के बीच कोरोना को लेकर कुछ अफवाहें भी तेजी से फैल रही हैं। तो आज हम आपको उन 4 झूठ के बारे में बताने जा रहे हैं जो लोगों के बीच फैल रहा है।
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कोरोना पॉजिटिव का मतलब है मरीज की मौत
ये सच नहीं है। COVID-19 से संक्रमित करीब 81 फीसदी मरीजों पर इसका बहुत कम असर देखा गया है। China CDC weekly ने 18 फरवरी को बताया कि केवल 13.8 फीसदी मरीज ही कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं और करीब 4.7 फीसदी मरीज की हालत नाजुक मानी जा सकती है। यानी केवल इन्हीं के जान को खतरा है।
पालतू जानवरों से भी कोरोना फैलने का खतरा?
अभी इसको लेकर कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है कि पालतू जानवरों को भी कोरोना हो सकता है। WHO के मुताबिक, अब तक कोई ऐसा मामला नहीं पाया गया है, लेकिन जानवरों को छूने के बाद हाथ को साबुन से अच्छी तरह से धोना चाहिए, इससे कोरोना से तो नहीं लेकिन दूसरे बैक्टीरिया से बचा जा सकता है।
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बच्चों को नहीं है कोरोना का खतरा
ऐसा नहीं है, बच्चे भी इससे संक्रमित हो सकते हैं लेकिन देखा गया है कि बच्चों पर इसका असर वयस्कों या बुजुर्गों की तुलना में कम दिख रहा है। China CDC Weekly में प्रकाशित की गई एक स्टडी के अनुसार, 10 से 19 साल तक के बच्चों में केवल 1 प्रतिशत बच्चों को ही इससे संक्रमित पाया गया है। वहीं 10 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका संक्रमण 1 प्रतिशत से भी कम पाया गया और कोई भी मौत रिपोर्ट नहीं की गई। वैसे ये भी कहा जा रहा है कि बच्चे कोरोना से संक्रमित तो होते हैं, लेकिन उनमें कई बार इसके लक्षण नहीं दिखते और बच्चे वायरस को एक-दूसरे में फैलाने के लिए वाहक का काम करते हैं।
चीन से आया पार्सल लेने पर सकता है कोरोना का खतरा
WHO के मुताबिक, ऐसा नहीं है। The Journal of Hospital Infection के हवाले से WHO का कहना है कि कोरोना के विषाणु मेटल, कांच, प्लास्टिक जैसी सतहों पर करीब 9 दिनों से ज्यादा दिनों तक जिंदा रह सकते हैं। लेकिन पार्सल बनाने के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, वो वायरस के जिंदा रहने के लिए आदर्श नहीं है। इस वायरस के जिंदा रहने के लिए सतह के साथ तापमान भी अनुकूल चाहिए रहता है। यही वजह है कि चीन से भारत आने के दौरान तापमान में बदलाव होने के कारण ये खुद ही नष्ट हो जाते हैं।
चाइनीज रेस्त्रां में खाना खाने से हो सकता है कोरोना वायरस
ऐसा नहीं है, लोग इससे किसी भी रेस्त्रां में संक्रमित हो सकते हैं। अगर कोरोना वायरस से संक्रमित लोग उस रेस्त्रां में खाना खाने आए या फिर माइल्ड लक्षणों वाला कोई व्यक्ति खाना पकाए या परोसे उससे भी कोरोना हो सकता है। यहां तक कि इस वायरस से संक्रमित टॉयलेट साफ करने वाले स्टाफ से भी आपको ये संक्रमण हो सकता है। यह केवल चीनी लोगों तक ही सीमित नहीं है। बल्कि अब इसका कहर 70 देशों में फैल चुका है। इसलिए कहीं भी बाहर खाना खाने से बचें। अगर खाते हैं तो हाइजीन का खास ख्याल रखें और उसे दोबारा गर्म करके ही खाएं।
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