TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

महाराजा का महल बिकने को तैयार, इतनी है कीमत, जानें ख़ासियत

ब्रिटिश काल में सिख साम्राज्य के अंतिम महाराजा के वंश के प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह का महल बिकने जा रहा है। इनका पारिवारिक महल लंदन में स्थित है।

Shivani
Published on: 23 Aug 2020 9:10 PM IST
महाराजा का महल बिकने को तैयार, इतनी है कीमत, जानें ख़ासियत
X
Maharaja Duleep Singh’s son prince victor London mansion on sale

लखनऊ: ब्रिटिश काल में सिख साम्राज्य के अंतिम महाराजा के वंश के प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह का महल बिकने जा रहा है। महाराजा दलीप सिंह के बेटे प्रिंस विक्टर अल्बर्ट का पूर्व पारिवारिक महल लंदन में स्थित है। इसकी कीमत मौजूदा समय में 1.55 करोड़ ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग (करीब 152 करोड़ रुपए) रखी गई है। बता दें कि ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया प्रिंस विक्टर की गॉडमदर थीं।

सिख साम्राज्य के अंतिम महाराजा

दरअसल 19वीं सदी में लाहौर (पाकिस्तान) में महाराजा रणजीत सिंह के छोटे बेटे दलीप सिंह का साम्राज्य था। वहीँ वे भारत में ब्रिटिश काल के दौरान के आखिरी सिख महाराजा रहे। बाद इंग्लैंड में बस गए। उनके बेटे प्रिंस विक्टर का जन्म 1866 में लंदन में हुआ था।

ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया प्रिंस विक्टर की गॉडमदर

प्रिंस विक्टर ने नौवें अर्ल ऑफ कोवेंट्री की बेटी लेडी एनी कोवेंट्री के साथ शादी की तो उनके मिश्रित नस्ल को लेकर वहां खलबली मच गयी। इस दौरान ब्रिटिश अधिकारियों ने नवविवाहित शाही जोड़े को दक्षिण-पश्चिम केनसिंगटन के लिटिल बॉल्टन इलाके में एक आलीशान महल पट्टे पर दिया था।

ये भी पढ़ेंः भारत की वैक्सीन: मोदी सरकार ने तैयार किया प्लान, ऐसे मिलेगा सबको डोज़

ब्रिटिश अधिकारियों ने पट्टे पर दिया था आलीशान महल

वहीं उनके पारिवारिक महल के बारे में बताते हुए बाउशैम्प एस्टेट के प्रबंध निदेशक जेरेमी गी ने कहा, ''लाहौर के निर्वासित क्राउन प्रिंस के इस पूर्व आलीशान महल की छत ऊंची हैं, इसके अंदर रहने के लिए विशाल जगह है और पीछे 52 फुट का एक बगीचा भी है।''

बता दें कि ये यह महल 1868 में बन कर तैयार हुआ था, जिसे बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने खरीदकर पट्टे पर दिया। इससे किराए के जरिये आय कमाने के लिए कम्पनी ने एक निवेश संपत्ति के रूप में पंजीकृत कराया था। तब महाराजा दलीप सिंह के परिवार को मामूली किराये पर महल दिया गया।

कौन है महाराजा दलीप सिंह

बता दें कि 1849 में द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध के बाद महाराजा दलीप सिंह की पदवी वापस लेकर उन्हें पंजाब से हटा दिया गया था और बाद में निर्वासन में लंदन भेज दिया गया था। महारानी बंबा मूलर के साथ वे लंदन पहुंचे, जहां उनके बेटे प्रिंस विक्टर अल्बर्ट जय दलीप सिंह का जन्म हुआ। वहीं उनकी एक बेटी सोफिया दलीप सिंह भी थी, जो ब्रिटिश इतिहास में एक प्रमुख महिला अधिकार कार्यकर्ता के रूप में प्रसिद्ध रही।

ये भी पढ़ेंः सरकारी कर्मचारियों पर मोदी सरकार का बड़ा एलान, जानकर खुशी से झूम उठेंगे आप

जाने प्रिंस विक्टर अल्बर्ट के बारे में

प्रिंस विक्टर अपने आलीशान जीवन शैली के लिए जाने जाते थे। हलांकि साल 1902 में कुल 117,900 ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग क कर्ज होने पर उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया गया था। 1918 में 51 वर्ष की आयु में प्रिंस की मौत हो गयी।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani

Shivani

Next Story