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Mother's Day: ये हैं 'वाॅरियर मदर्स', गोद में बच्चा और कंधे पर ड्यूटी की जिम्मेदारी

Newstrack.Com आपको ऐसी ही कई माँ के बारे में बताने जा रहा है, जो कोरोना के कहर के बीच ममता का फर्ज और देश के प्रति कर्तव्य एक साथ निभा रही हैं। हम इन्हे 'वाॅरियर मदर' (Corona Warrior Mother) का नाम देंगे।

Shivani Awasthi
Published on: 8 May 2020 12:21 AM IST
Mothers Day: ये हैं वाॅरियर मदर्स, गोद में बच्चा और कंधे पर ड्यूटी की जिम्मेदारी
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लखनऊ Mother's Day- माँ.. वैसे तो हर मां ख़ास होती है। अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने का साहस रखने वाली मां जब ममता लुटाने के साथ ही दूसरी जिम्मेदारियों को भी उसी लग्न से निभाती हैं तो वो स्पेशल मदर बन जाती है। इन दिनों जब कोरोना वायरस का संकट पूरे देश में फैला हुआ है तो यहीं स्पेशल मदर्स अपने बच्चों की देख रेख तो कर ही रहीं हैं लेकिन उनके कन्धों पर जो जिम्मेदारी देश और समाज के प्रति है, उसे भी वह बखूबी निभा रही हैं।

देश की ये वाॅरियर मदर्स

Newstrack.Com आपको ऐसी ही कई माँ के बारे में बताने जा रहा है, जो कोरोना के कहर के बीच ममता का फर्ज और देश के प्रति कर्तव्य एक साथ निभा रही हैं। हम इन्हे 'वाॅरियर मदर' (Corona Warrior Mother) का नाम देंगे।

आईएएस, मेडिकल स्टाफ और पुलिसकर्मी है ये योद्धा मां

मेडिकल स्टाफ, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। इन्हीं तीनो विभागों में ऐसी कई महिलाएं हैं जो या तो अपने बच्चे को गोद में लिए ड्यूटी कर रहीं हैं, या अपने जिगर के टुकड़ों से मिलों दूर कई दिनों से बिना मिले लगातार इस जानलेवा बिमारी के खिलाफ अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं।

1. मदर वारियर आईएएस श्रीजना

ऐसी ही एक 'वीर माँ' हैं, ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) की आयुक्त ‘जी श्रीजना’। वह कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच सही मायनों में एक फ्रंटलाइन वारियर बन गई हैं।

श्रीजना अपने 22 दिन के बच्चे के साथ ड्यूटी पर लौटीं

श्रीजना ने अपने बेटे को जन्म देने के केवल 22 दिनों बाद ड्यूटी जॉइन कर ली। श्रीजना मेटरनिटी लीव पर थीं लेकिन कोरोना संकट से निपटने के लिए उन्होंने अपनी छुट्टी कैंसिल कर दी।

अपने नन्हे से बच्चे को छोड़ ड्यूटी पर आना श्रीजना के लिए कितना मुश्किल होगा, ये सिर्फ मां ही समझ सकती है। लेकिन श्रीजना अपने फर्ज और जिम्मेदारी दोनों को निभा रहीं है। हर चार घण्टे में श्रीजना अपने बच्चे के पास जाती हैं ताकि उसे दूध पिला सकें।

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2. मदर वारियर नर्स विनोथिनी

तमिलनाडु से एक नर्स 8 महीने की प्रेग्नेंट होने के बावजूद मरीजों की मदद के लिए 250 किलोमीटर का सफर करके अस्पताल पहुंची। वो नर्स 8 महीने की प्रेग्नेंट थी, लेकिन फिर भी कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए इतनी दूर का सफर करके वह हॉस्पिटल आई।

8 महीने की गर्भवती नर्स 250 किलोमीटर दूर जाकर निभा रही ड्यूटी

25 वर्षीय नर्स विनोथिनी तमिलनाडु के तिरुचि में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सेवारत थी। 1 अप्रैल को विनोथिनी को रामनाथपुरम के स्वास्थ्य सेवा के संयुक्त निदेशक (जेडी) का कॉल आया। जिसके बाद नर्स ने मरीजों की मदद करने का निर्णय लेते हुए तिरुचि से रामनाथपुरम तक का सफर किया, जो कि 250 किलोमीटर लंबा था।

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3. कॉन्स्टेबल चित्रलेखा

कोरोना से लड़ने में देश की मदर कॉप्स कैसे पीछे रह सकती हैं। उतर प्रदेश की एक महिला कांस्टेबल अपने एक साल के बच्चे के साथ ड्यूटी पर आ रही हैं। इस दौरान वह लॉकडाउन का पालन कराने के साथ ही इस बार का पूरा ध्यान रखती हैं कि उनका बच्चा सुरक्षित रहे।

महिला कॉन्स्टेबल चित्रलेखा 1 साल के बेटे को गोद में लिए कर रहीं ड्यूटी

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में में महिला कॉन्स्टेबल चित्रलेखा पुलिस के साथ-साथ एक जिम्मेदार मां की भी ड्यूटी बखूबी निभा रही हैं। उनकी ड्यूटी मैनपुरी के बाईपास रोड पर चेकिंग में लगाई गई है। ऐसे में महज एक साल के अपने छोटे से बेटे को गोद में लिए महिला कांस्टेबल ड्यूटी करती हैं। बच्चे को घर पर छोड़ना भी संभव नहीं। लिहाजा इस महिला कांस्टेबल ने दोनों फर्ज एक साथ निभा रही हैं।

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Shivani Awasthi

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