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नगालैंड आज ही बना था भारत का राज्य, जानिए इससे जुड़ी खास बातें
नागालैंड भारत का 1 दिसंबर 1963 में सोलवा राज्य बना था। नागालैंड राज्य का नाम नागा अंग्रेजों ने वहां के नाग कबीले के आधार पर रखा था। नागालैंड में नाग लोगो की संख्या बहुत अधिक है ।
रामकृष्ण वाजपेयी
नागालैंड भारत का 1 दिसंबर 1963 में सोलवा राज्य बना था। नागालैंड राज्य का नाम नागा (यह नाग लोगो की भूमि) अंग्रेजों ने वहां के नाग कबीले के आधार पर रखा था। नागालैंड में नाग लोगो की संख्या बहुत अधिक है वैसे नाग लोग पूरे भारत में फैले हैं परंतु महाराष्ट्र का नागपुर और नागालैंड राज्य इस जाति के नाम पर है। सन 1832 में कैप्टन जेनकींस और पेंबर्टन के रूप में पहले यूरोपियन नागालैंड में आये थे।
विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस और यूरोप भेजे गये थे नागा
नाग कबीले के लोग बहुत बहादुर होते थे इसी लिए प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रज़ो ने बहुत से नागा लोगों को युद्ध में लड़ने के लिए फ्रांस और यूरोप भेजा। जो लोग युद्ध में लड़ने बाहर गये और जब वे लोग भारत वापस आए तो उन्होने नागा नेशनलिस्ट मूवमेंट की स्थापना की। भारत की आजादी के समय नागालेंड असम का हिस्सा था लेकिन नागा लोग अपना विकास चाहते थे। इसी कारण से वे किसी तरह केन्द्रीय सरकार से जुड़ना चाहते थे। सन् 1955 में भारत सरकार ने सेना की एक टुकड़ी वहां विद्रोह को शांत करने के लिए नागालेंड भेजी थी। करीब दो साल की उठापटक के बाद 1957 में भारत सरकार और नागा लोगों के बीच बातचीत शुरू हुई जिसके बाद नागालैंड भारत का १६वाँ राज्य बन गया।
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राष्ट्रवादी थे नागा लोग
नागा लोग राष्ट्रवादी थे। इसीलिए अंग्रेजों ने सन 1857 में भारत में जो क्रांति हुई उसकी खबर नागा लोगों को ना होने दी। नागा कबीले 1857 की क्रांति से पूरे 15 वर्षों तक अनभिज्ञ और अनजान ही रहे। 1872 में उन्हें जब पता चला कि भारत में आज से 15 साल पूर्व एक क्रांति की धूनी धधक चुकी थी तो अपने मन में बड़ी ग्लानि अनुभव करते हुए पछताने लगे कि हमें उस समय पता चलता तो हम भी उस धूनी में अपने जीवन की समिधा अवश्य समर्पित करते।
वह पछताने लगे साथ ही ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ उनके कबीले सक्रिय हो गए। जिसका परिणाम था 1872 की नागा क्रांति। यह शस्त्र थी इसने अंग्रेजों की सत्ता की चूलें हिला दीं। लेकिन अफसोस कांग्रेस ने नागा क्रांति को समर्थन नहीं दिया।
नागालैंड ईसाई धर्म के अनुयायी की संख्या जादा
सन 1832 में कैप्टन जेनकींस और पेंबर्टन के रूप में पहले यूरोपियन नागालैंड में आये थे। अंग्रेजों ने उसी समय से नागालैंड का ईसाईकरण करने का मन बना लिया था। आज नागालैंड भारत के उन तीन राज्यों में से एक है, जहां ईसाई धर्म के अनुयायी जनसंख्या में बहुमत में हैं।
आज नागालैंड की मूल सभ्यता और संस्कृति पूरी तरह विलुप्त हो चुकी है। नागालैण्ड में कुल १६ जनजातियां निवास करती हैं। प्रत्येक जनजाति अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों, भाषा और पोशाक के कारण दूसरी से भिन्न है। हालांकि, भाषा और धर्म दो सेतु हैं, जो इन जनजातियों को आपस में जोड़ते हैं। अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह शिक्षा की भाषा भी है, और अधिकांश निवासियों द्वारा बोली जाती है।
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वर्तमान में नागालैंड के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं केंद्र सरकार ने संपूर्ण नागालैंड को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया हुआ है। राज्य में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (एएफएसपीए - आफ्सपा) लागू है। ये 30 जून 2020 से छह माह के लिए लागू है। केंद्र का कहना है कि संपूर्ण नागालैंड अशांत क्षेत्र है इसलिए वहां नागरिक व्यवस्था को सशस्त्र बल की मदद की ज़रूरत है। वास्तव में नागालैंड में मूल संस्कृति बहाली की जरूरत है। यह राज्य देश के लिए नगीना साबित हो सकता है।