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जयंती स्पेशल: मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे रामनाथ कोविंद
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की आज जयंती है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी मोरारजी देसाई के साथ करीबी नाता रहा है। दरअसल रामनाथ कोविंद जब दिल्ली में हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे उस दौरान उन्होंने राजनीति में जाने का फैसला लिया।
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की आज जयंती है| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी मोरारजी देसाई के साथ करीबी नाता रहा है। दरअसल रामनाथ कोविंद जब दिल्ली में हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे उस दौरान उन्होंने राजनीति में जाने का फैसला लिया।
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जून 1975 में इमरजेंसी के बाद रामनाथ कोविंद तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे। 1977 से 78 तक वे मोरारजी के विशेष कार्याधिकारी रहे थे। मोरारजी से कब, कौन और कैसे मिलेगा, इसे तय करना भी कोविंद की जवाबदेही में शामिल था। उन दिनों राजनीति में अपने लिए भूमिका तलाशने के लिए जनता पार्टी के बिहार प्रदेश इकाई के युवा नेता के तौर लालू यादव और नीतीश कुमार का नाम उभर कर आया। लालू तो सांसद बन चुके थे, मगर नीतीश को दिल्ली प्रवास के दौरान मोरारजी भाई से मिलना संघर्ष की एक बड़ी कड़ी थी और उस समय उनके मददगार के रूप में उभरे कोविंद. इसी दौर में वे नरेन्द्र मोदी के भी संपर्क में आये थे।
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रामनाथ कोविंद ने ऐसे कई युवा नेताओं की भूमिकाएं तय की थीं। नौकरी और प्रशासनिक पदों पर रहने वाले रामनाथ कोविंद को उसी समय राजनीति में रस आने लगा था। इसी दौरान संघ के प्रचारकों से कोविंद का मिलना हुआ और इस विचारधारा से प्रभावित हुए। इसी दौरान संघ के नजदीकी होने से भाजपा में आने का मौका मिला।