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मोदी के भाषण में छिपा है स्वदेशी का मंत्र, लोकल उत्पादों को अपनाने की मुहिम होगी तेज

देश में कोरोना संकट के दौरान अपने पांचवे संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया। प्रधानमंत्री के इस नारे के पीछे स्वदेशी चीजें अपनाने का मूल मंत्र छिपा है।

Dharmendra kumar
Published on: 12 May 2020 10:44 PM IST
मोदी के भाषण में छिपा है स्वदेशी का मंत्र, लोकल उत्पादों को अपनाने की मुहिम होगी तेज
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट के दौरान अपने पांचवे संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया। प्रधानमंत्री के इस नारे के पीछे स्वदेशी चीजें अपनाने का मूल मंत्र छिपा है। पीएम ने कहा कि कोरोना संकट ने हमें मुसीबत में डालने के साथ ही एक अवसर भी दिया है और हमें इस अवसर को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार होना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के जरिए देश के लोगों को एक बड़ी ताकत देने जा रही है मगर देश के लोगों को भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में जीजान से जुटना होगा।

आत्मनिर्भर भारत की बड़ी मुहिम

अपने 33 मिनट के संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने 25 बार आत्मनिर्भर शब्द का उल्लेख किया। इससे समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री का पूरा भाषण देश को आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी मुहिम का आधार बनने जा रहा है। लॉकडाउन के दौर में भारत दुनिया का ऐसा पांचवा देश बन गया है जिसने अपनी जीडीपी का 10 प्रतिशत या उससे ज्यादा हिस्सा आर्थिक पैकेज के तौर पर दिया है।

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आर्थिक पैकेज जीडीपी का 10 फ़ीसदी

मोदी ने अपने भाषण के दौरान जब 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया तो यह भी बताया कि यह भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 फ़ीसदी होगा। भारत से पहले जापान, अमेरिका, स्वीडन और जर्मनी अपनी जीडीपी के 10 फ़ीसदी या इससे ज्यादा के पैकेज का ऐलान कर चुके हैं।

पीपीई किट-मास्क का दिया उदाहरण

भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कोरोना संकट के दौरान दो चीजों के उत्पादन का विशेष तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से पहले हमारे यहां पीपीई किट का उत्पादन नहीं होता था और एन-95 मास्क का उत्पादन नाममात्र का ही होता था मगर कोरोना संकट के कारण स्थितियों में जबरदस्त बदलाव आया है और भारत इन दोनों के उत्पादन में काफी तेजी से आगे बढ़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में हर रोज दो लाख पीपीई किट और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं।

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संकट को अवसर में बदला

पीएम ने कहा कि हम ऐसा करने में इसलिए कामयाब हो सकें क्योंकि भारत ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने की भारत की दृष्टि ही आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए प्रभावी साबित होने वाली है।

बड़ा संदेश लेकर आई है आपदा

पीएम मोदी ने कहा कि संकल्प शक्ति के बल पर ही भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। बहुत दिनों से हम सुनते आए हैं कि 21वीं सदी भारत की होगी। हमने कोरोना संकट से पहले और कोरोना संकट के बाद की स्थितियों को नजदीक से देखा और समझा है। कोरोना संकट के बाद की स्थिति हमें एक ही बात सिखाती है कि हमारा एक ही मार्ग होना चाहिए आत्मनिर्भर भारत। हमारे शास्त्रों में भी यही बात कही गई है और देश के लोगों को इसे समझना होगा। इतनी बड़ी आपदा एक संकेत, एक संदेश और एक अवसर लेकर आई है। हमें निश्चित रूप से इस अवसर को भुनाना होगा।

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गरीब तबके को देना होगा बड़ा सहारा

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान इस बात का विशेष तौर पर जिक्र किया कि कोरोना संकट ने रेहड़ी-पटरी वालों, मजदूरों और घरों में काम करने वाले गरीब तबके के लोगों को हिला दिया है। इन लोगों ने बड़ा त्याग किया है। अब हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें आगे बढ़ाएं और उन्हें संबल दें।

लोकल के लिए बनें वोकल

प्रधानमंत्री के भाषण मैं लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने का बड़ा संदेश छिपा था। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण जब पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हुआ तो ऐसे समय में हमें लोकल ने ही मदद की है और उसी ने हमारा जीवन बचाया है। इसलिए हमें लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा और इसे अपना जीवन मंत्र बनाना होगा। उन्होंने इस बाबत अपील करते हुए यह भी कहा कि जब तक हम लोकल के लिए वोकल नहीं बनेंगे तब तक हमारे लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा नहीं मिलेगा। इसलिए हर देशवासी का यह दायित्व है कि वह लोकल चीजों को बढ़ावा दे।

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लोकल ब्रांड ही बन गए ग्लोबल

पीएम ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि जो ब्रांड आज ग्लोबल बन गए हैं, वह भी कभी लोकल ही थे। लेकिन उन ब्रांडों को वहां के लोगों का पूरा समर्थन मिला और उन्होंने उन उत्पादों का उपयोग करने में खुद को गौरवान्वित समझा और यही कारण है कि वह लोकल उत्पाद भी ग्लोबल ब्रांड बन गए। हमें भी इस चीज को समझना होगा और अपने लोकल उत्पादों को मजबूत ब्रांड बनाने के लिए आगे आना होगा। पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम इस संबोधन से साफ है कि देश में स्वदेशी चीजों को अपनाने की मुहिम और तेज होगी और सरकार इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंकेगी।



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