TRENDING TAGS :
शिक्षक दिवस: सम्मान और सहयोग का आकांक्षी शिक्षक
देश के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद और विश्व प्रसिद्ध शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस उन लाखों शिक्षकों के लिए गर्व का दिन होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर होकर देश के कर्णधारों के सपनों को साकार करने में जी-जान से जुटे हैं।
झांसी: देश के पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद और विश्व प्रसिद्ध शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस उन लाखों शिक्षकों के लिए गर्व का दिन होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर होकर देश के कर्णधारों के सपनों को साकार करने में जी-जान से जुटे हैं। यह दिन उन शिक्षकों के परिश्रम, लगन एवं निष्ठा को समर्पित है जो विषम परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होते।
ये भी पढ़ें:बाढ़ से हिला मथुरा: तबाही ले गई थाने के दारोगा को, हाई अलर्ट हुआ जारी
शिक्षकों की महिमा का बखान प्राचीन काल से ही किया जा रहा है
देश का नाम रोशन करने वालों की सफलता में किसी न किसी शिक्षक का परिश्रम ही होता है। प्राचीन काल से ही शिक्षकों की महिमा का बखान किया जा रहा है। उन्हें देवतुल्य माना गया है। पर इस व्यावसायिक युग में शिक्षकों की गरिमा व प्रतिष्ठा कुछ धूमिल हुई है। शिक्षक की सरकार एवं समाज से कुछ अपेक्षाएं भी होती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो आज का शिक्षक गुरु दक्षिणा में केवल सम्मान व सहयोग का आकांक्षी है। शिक्षक दिवस के अवसर पर जिले के कुछ शिक्षकों ने अपने विचार साझा किए।
पंडित राम सहाय शर्मा इंटर कॉलेज में प्रवक्ता एवं शिक्षक नेता धीरज साहू का कहना
धीरज साहू (फाइल फोटो)
पंडित राम सहाय शर्मा इंटर कॉलेज में प्रवक्ता एवं शिक्षक नेता धीरज साहू का कहना है कि सरकार और शिक्षकों के बीच में शासक और कर्मचारी का रिश्ता नहीं होना चाहिए। सरकार को शिक्षकों के प्रति सहानुभूति और सम्मान का भाव रखना चाहिए। विगत कुछ वर्षों में देखा गया है कि सरकार शिक्षकों के प्रति ही कुछ ज्यादा ही सख्त दिखाई दे रही है। शिक्षक से सम्मान से उसका सर्वक्षेष्ठ हासिल किया जा सकता है सख्ती से नहीं।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ अचल सिंह चिरार का कहना
डॉ अचल सिंह चिरार (फाइल फोटो)
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ अचल सिंह चिरार का कहना है कि शिक्षक समाज का दर्पण होता है। उसकी दशा समाज को प्रभावित करती है। एक समय समाज में शिक्षक का विशिष्ट स्थान होता था लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं। शिक्षक वेतन, पेंशन के लिए लड़ाई लड़ रहा है। समाज का अदना- सा आदमी भी शिक्षकों को आँख दिखा रहा है। कई बार तो कनिष्ठ कर्मचारी भी शिक्षकों फटकारने लगते हैं। हमारा अतीत गौरवशाली रहा है और हम उसे और समृद्ध बनाएंगे।
शिक्षक महेंद्र कुमार तिवारी का कहना है
महेंद्र कुमार तिवारी (फाइल फोटो)
शिक्षक महेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि शिक्षक ही वह प्राणी है जो किसी को फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता है। जिस बच्चे को वह ककहरा पढ़ाता है, कल वही मंत्री, कलेक्टर और कमिश्नर बनकर समाज का उद्धार करता है। शिक्षक के मार्गदर्शन, आशीर्वाद और परिश्रम का ही परिणाम है कि समाज में प्रतिभाशाली नागरिकों का अभाव नहीं हुआ।
शिक्षक ज्योति सिंह का कहना है
ज्योति सिंह (फाइल फोटो)
वर्तमान युग में शिक्षा जगत में महिलाओं ने जो ख्याति अर्जित की है उसे नकारा नहीं जा सकता। महिला शिक्षक ज्योति सिंह का कहना है कि शिक्षण जैसे पवित्र पेशे और शिक्षक के गरिमामयी पद को प्राप्त करना गौरव की बात है। शिक्षक के समक्ष चुनौतियों का अंबार है। सरकार और समाज को उन्हें सहयोग करना चाहिए। सरकार और समाज शिक्षकों के प्रति सकारात्मक सोच अपनाएं तो इसके चमत्कारिक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
ये भी पढ़ें:कंगना को BJP का समर्थन! पूर्व CM की पत्नी का मिला साथ, कहा- बोलने की आजादी
शिक्षिका रचना श्रीवास्तव का कहना है
रचना श्रीवास्तव (फाइल फोटो)
वही शिक्षिका रचना श्रीवास्तव का कहना है कि शिक्षकों को समाज में आदर्श स्थापित करना चाहिए। हमारे आचरण का प्रभाव बच्चों के साथ-साथ समाज पर पड़ता है।अपने बच्चों में सर्वस्व ज्ञान देने की हम कोशिश करें। शिक्षक भी आत्ममंथन करें और अपनी प्रतिष्ठा में उत्तरोत्तर उन्नति को प्रयास करें।
बी.के.कुशवाहा
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।