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World First Aid Day: जाने क्या है इसका उद्देश्य, कब हुई थी शुरुआत
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस की शुरूआत साल 2000 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के द्वारा की गई थी।
आज विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस है। यानी कि World First Aid Day. लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस मनाने की शुरूआत कब हुई थी। और इसे क्यों मनाया जाता है। इसके पीछे का मकसद क्या है। अगर नहीं तो यहां हम आपको पूरी जानकारी देंगे World First Aid Day की। और बताएंगे कि सबसे पहले कब इसे मनाया गया था। आइए जानते हैं विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस का इतिहास।
साल 2000 में मनाया गया पहला वर्ल्ड फर्स्ट एड डे
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस की शुरूआत साल 2000 में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के द्वारा की गई थी। तभी से हर साल सितंबर महीने के दूसरे शनिवार को विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस यानी कि World First Aid Day मनाया जाता है। विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस का प्रमुख उद्देश्य और मकसद है कि लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जाए कि वे रोजमर्रा के जीवन में संकट के हालात में किस तरह प्राथमिक चिकित्सा के जरिये लोगों की मदद के लिए आगे आएं। उनकी मदद करें।
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विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस (फाइल फोटो)
इससे उन ज़रूरतमंद लोगों की काफी सहायता होगी। यही वजह है कि हर साल इस मौके पर लोगों को प्राथमिक चिकित्सा के फायदे, प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत और घर में फर्स्ट एड बॉक्स रखने के बारे में जागरूक किया जाता है। कई लोग तो अभी तक फर्स्ट एड के बारे में सही से जानते भी नहीं। जबकि हम सभी को अपने स्कूलों में बचपन में फर्स्ट एड की उपयोगिता के बारे में बताया जाता है। फर्स्ट एड काफी जरूरी होता है। और इसके बारे में हर किसी को पूरी जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि इस प्राथमिक चिकित्सा के ज़रिए हम किसी जान को बचा सकते हैं। फर्स्ट एड काफी अहम है।
क्या होता है फर्स्ट एड
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस (फाइल फोटो)
आज यहां हम आपको बताएंगे कि फर्स्ट एड की क्या उपयोगिता होती है। और ये हमारे लिए कितना अहम है। सबसे पहले आपको बता दें कि फर्स्ट एड या प्राथमिक चिकित्सा का मतलब होता है किसी मरीज घायल व्यक्ति को मेडिकल सहायता मिलने से पहले दी जाने वाली चिकित्सा। फर्स्ट एड के लिए आपके पास कुछ चीजें होनाी आवश्यक होती है। इनमें जैसे डिटॉल होना चाहिए, ताकि घाव को साफ किया जा सके।
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कॉटन, बैंडेड और बैंडेज (पट्टी) भी आपके बॉक्स में जरूर रखी हो। साथ ही कैंची, मेडिकली प्रूव्ड क्रीम, हैंड सैनिटाइजर, दर्द निवारक दवाएं भी होनी चाहिए। एस्पिरिन की टैबलेट ताकि हार्ट अटैक या स्ट्रोक की स्थिति में मरीज के ब्लड को पतला किया जा सके और थर्मामीटर आदि भी जरूर होना चाहिए। इसके अलावा हॉस्पिटल का इमरजेंसी फोन नंबर भी आपके पास होना चाहिए।
कब देनी चाहिए फर्स्ट एड
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस (फाइल फोटो)
अब यहां पर ये भी जानना काफी ज़रूरी है कि फर्स्ट एड की आवश्यकता कब पड़ती है। और ये कब दी जानी चाहिए। अक्सर रोड एक्सीडेंट में किसी घायल व्यक्ति की इसलिए मौत हो जाती है कि उसे समय पर फर्स्ट एड नहीं मिलती।
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इसके लिए फर्स्ट एड के तहत घायल व्यक्ति के घाव को साफ करना और पट्टी बांधना, ताकि अस्पताल पहुंचाने तक घायल के शरीर से ज्यादा खून न बह पाए। वहीं दिल से जुड़ी दिक्कत होने या दर्द आदि अन्य कोई समस्या होने पर हॉस्पिटल पहुंचने से पहले जो प्राथमिक उपचार दिया जाता है, वही फर्स्ट एड कहलाता है।