×

हैरत में पड़ जाएंगे आपः शिक्षिकाएं तैयार कर रही हैं गोबर से सजावटी उत्पाद

दोनों शिक्षिकाओं का दावा है कि उत्तर प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूर अगर गौ उत्पाद तैयार करें तो उन्हें रोजी रोटी के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा । फिलहाल गौशाला चलाने वाली सरकारी शिक्षिकाएं गाय के गोबर से बने हैं । प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचने की तैयारी कर रही है।

SK Gautam
Published on: 29 May 2020 8:22 AM GMT
हैरत में पड़ जाएंगे आपः शिक्षिकाएं तैयार कर रही हैं गोबर से सजावटी उत्पाद
X

आसिफ अली

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में दो सरकारी शिक्षिकाएं प्रधानमंत्री की 'लोकल से वोकल' की अपील को बखूबी पूरा कर रही हैं। दोनों सरकारी शिक्षिकाओं ने अपने हाथों से गाय के गोबर से बने ऐसे उत्पाद तैयार किए हैं जिन्हें देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। दोनों शिक्षिकाओं का दावा है कि उत्तर प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूर अगर गौ उत्पाद तैयार करें तो उन्हें रोजी रोटी के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा । फिलहाल गौशाला चलाने वाली सरकारी शिक्षिकाएं गाय के गोबर से बने हैं । प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचने की तैयारी कर रही है।

गाय के गोबर से बने ऐसे प्रोडक्ट जो बढ़ाते हैं घर की शोभा

अपनी गौशाला में गाय के गोबर से बेहतरीन डिजाइन के उत्पाद तैयार कर रहीं यह दोनों सरकारी शिक्षिका है। शिक्षिका पूजा गंगवार की खुद की एक गौशाला है । उनका कहना है कि 70 गाय पली हुई हैं। हालांकि इन गायों में महज 40 गाय ही दूध देने वाले हैं । लेकिन पूजा गंगवार और उनकी साथी शिक्षिका अनुपम गंगवार ने दूध ना देने वाली गायों का भी महत्व बढ़ा दिया है। दोनों शिक्षिकाएं अपने परिवार के साथ गाय के गोबर से बने ऐसे प्रोडक्ट तैयार करती हैं जो आपके घर की शोभा बढ़ा सकते हैं।

ये भी देखें: मौत की मंडी: फिर खुला वुहान बाजार, किलो के भाव में मिलते हैं मेंढक

गोबर से बने उत्पाद मोबाइल के रेडिएशन को भी कम कर सकते हैं

पूजा गंगवार का मानना है कि हिंदू धर्म में गाय का पवित्र महत्व है । यह भी माना जाता है कि गाय के गोबर से बने उत्पाद मोबाइल के रेडिएशन को भी कम कर सकते हैं। दोनों शिक्षकों ने मिलकर गाय के गोबर ऐसे उत्पाद तैयार की है जिन की खरीदारी की मांग अभी से बढ़ने लगी है । लॉक डाउन में इन दोनों शिक्षिकाओं और इनके परिवार ने इसका बेहतरीन इस्तेमाल किया है। इन शिक्षकों का मानना है कि गाय एक बेहद उपयोगी पशु है। जिसका सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि उसका गोबर भी बेहद उपयोगी है।

इन दोनों शिक्षकों ने सखी नाम से एक एनजीओ बनाया है । जिसके जरिए वह अभी अन्य महिलाओं को भी गाय का प्रोडक्ट बनाने के लिए उन्हें रोजगार देने की योजना बना रही है। इन शिक्षिकाओं का यह भी दावा है कि दूसरे राज्यों से यहां आए प्रवासी मजदूर अगर गाय के गोबर से गो उत्पाद तैयार करेंगे तो उनकी एक अच्छी आए हो सकती है । साथ ही उन्हें रोजगार के लिए बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा।

प्रोडक्ट को देखकर आप यकीन नहीं करेंगे कि यह शुद्ध गोबर से बने हैं

पूजा गंगवार ने गौ उत्पाद तैयार करने की शुरुआत अकेले की थी। लेकिन अब उनके साथी शिक्षिका अनुपम गंगवार और पढ़ाई कर रही रश्मि ने भी गो उत्पाद तैयार करने के लिए उनके साथ जुड़ गई है। यह शिक्षिकाएं गाय के गोबर से अब तक 500 से ज्यादा अलग-अलग डिजाइन तैयार कर चुकी है। जिन्हें देखकर आप यकीन नहीं करेंगे कि यह गाय के शुद्ध गोबर से बने हैं। फिलहाल दोनों शिक्षिकाएं अपने गौ उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री करवाने की तैयारी कर रही है।

ये भी देखें: सस्ती कार हुई लांच: आपके लिए अच्छी खबर, ये कंपनी दे रही आपको ऑफर

प्रवासी मजदूरों के लिए गो-उत्पाद एक अच्छी आय का जरिया हो सकती है

प्रधानमंत्री का भी यही कहना है कि अगर लोग 'लोकल से वोकल' की तरफ़ जाएं तो देश की अर्थव्यवस्था में एक अलग सुधार नजर आएगा। सरकार यह भी तैयारी कर रही है कि प्रवासी मजदूरों को भी स्वरोजगार से जोड़ा जाए। ऐसे में दोनों शिक्षकों का यह दावा है कि अगर प्रवासी मजदूर गो उत्पाद तैयार करें तो उनकी एक अच्छी आय हो सकती है।

फिलहाल दोनों शिक्षिकाओं की यह पहल इलाके में प्रशंसा का विषय बनी हुई है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story