बेटी ज्वाला गुट्टा के सपने को पूरा करने के लिए पिता ने उठाया बड़ा कदम

भारतीय बैडमिंटन में डबल्स वर्ग की शीर्ष खिलाड़ियों में शुमार रहीं ज्वाला गुट्टा खेल के दिनों की शुरुआत से ही गलत और सही चीजों पर हमेशा अपनी बेबाक राय रखने जानी जाती रही है।

Aditya Mishra
Published on: 11 Dec 2019 11:21 AM GMT
बेटी ज्वाला गुट्टा के सपने को पूरा करने के लिए पिता ने उठाया बड़ा कदम
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नई दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन में डबल्स वर्ग की शीर्ष खिलाड़ियों में शुमार रहीं ज्वाला गुट्टा खेल के दिनों की शुरुआत से ही गलत और सही चीजों पर हमेशा अपनी बेबाक राय रखने जानी जाती रही है।

विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों में युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने वाली शटलर ज्वाला के द्वारा किए गए ट्विट ‘हैदराबाद एनकाउंटर’ पर उनके ट्वीट ने खूब सुर्खियां भी बटोरीं थी।

खेल अकादमी खोलने का लिया निर्णय

आपको बता दें कि ज्वाला गट्टा हैदराबाद के सुजाता स्कूल में 55 एकड़ जमीन पर अकादमी खोलने का निर्णय लिया है। जिसके लिए उन्हे राज्य और केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिली तो पिता उनका सहारा बन गए। पिता ने सेवानिवृत्ति के बाद मिले सारे पैसे और अपना घर बेचकर अकादमी खोलने का बेटी का लंबे समय से अधूरा सपना पूरा किया।

ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और बॉक्सर विजेंदर सिंह की मौजूदगी में ज्वाला ने मंगलवार को हैदराबाद में कई खेलों की अकादमी खोलने की घोषणा की।

ज्वाला ने कहा कि वह रियो ओलंपिक के बाद से अकादमी खोलने के लिए केंद्र के अलावा राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रही थीं। केंद्र ने आश्वासन तो दिया लेकिन मदद नहीं मिली।

पिता क्रांति गट्टा सेवानिवृत्त हुए तो उन्होंने कहा कि वह उनकी अकादमी खोलने में मदद करेंगे। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के सुजाता स्कूल में 55 एकड़ पर अकादमी खोलने का निर्णय लिया है।

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गुरु ही बनेंगे परामर्शदाता

ज्वाला के अनुसार आज वह जो कुछ भी हैं द्रोणाचार्य अवार्डी गुरु मोहम्मद आरिफ की वजह से हैं। वह उन्हें भूल नहीं सकती हैं। उन्होंने अकादमी का मेंटर आरिफ को बनाया है। उन्होंने अकादमी भारतीय कोच गोपीचंद से किसी वैमनस्यता की वजह से नहीं खोली है। गोपीचंद अकादमी भी शहर में है इससे स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होगी जिसका फायदा खेलों को ही मिलेगा।

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रियो से बाहर करने का बताना चाहिए था कारण

रियो ओलंपिक के बाद ज्वाला को अचानक टीम से बिना किसी कारण बाहर कर दिया गया था। उन्हें इसकी सूचना तक नहीं दी गई। इसका दुख उन्हें आज भी है। वह कहती हैं कि उन्हें कम से कम इसका कारण बताना चाहिए था, लेकिन उन्हें मालूम है यह सब किसकी वजह से हुआ। उन्होंने अभी तक संन्यास नहीं लिया है और अपनी अकादमी में बच्चों के लिए वह फिर रैकेट उठाएंगी।

काफी खिलाड़ियों की है जरूरत

अपनी अकादमी के बारे में ज्वाला ने कहा कि भारत बहुत बड़ा देश है और हमारे पास सिर्फ सायना नेहवाल और पीवी सिंधु हैं, इसलिए मेरा मानना है कि हमें और खिलाड़ियों की जरूरत है।

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Aditya Mishra

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