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जब अपनी हार देख बौखला गया बेईमान पाकिस्तान, करने लगा ऐसी हरकत
ये साल 1978 की बात है, जब भारत वनडे सीरीज के लिए पाकिस्तान दौरे पर गई हुई थी। पाकिस्तान के शाहीवाल के जफर अली स्टेडियम में वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच था।
नई दिल्ली: क्रिकेट जगत में भारत और पाकिस्तान के मुकाबलों ने हमेशा से सुर्खियों बटोरी हैं। दोनों देशों के बीच अगर मुकाबला होता है तो देश में दर्शकों की नजरें मानो मैच पर ही टिक सी जाती हैं। कई मुकाबले तो पाकिस्तान टीम की बेईमानी की वजहों से सुर्खियों में रहे। पाकिस्तान की टीम ने जीतने के लिए बहुत से पैंतरे आजमाएं हैं। और अगर मैच में उनके घरेलु मैदार पर हो तो टीम के लिए सोने पर सुहागा जैसी बात होती है।
भारत-पाक वनडे सीरिज
एक ऐसा ही किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं, जब भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज का आखिरी मैच चल रहा था और इस सीरीज को जीतने के लिए पाकिस्तान बेईमानी पर उतर आई। वहीं पाकिस्तान की बेईमानी से नाराज भारतीय टीम के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने अपने सभी बल्लेबाजों को मैदान से वापस बुला लिया और विरोधी टीम को जीत दे दी। यह इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी कप्तान ने बेईमानी कर रहे विरोधी टीम को गुस्से में जीत दे दी हो। उस वक्त भारत को गेंदों में 23 रन चाहिए थे और इंडिया के 8 विकेट अभी बचे हुए थे।
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सीरिज का आखिरी और निर्णायक मैच
ये साल 1978 की बात है, जब भारत वनडे सीरीज के लिए पाकिस्तान दौरे पर गई हुई थी। पाकिस्तान के शाहीवाल के जफर अली स्टेडियम में वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच था। इससे पहले का एक मैच भारत के हक में था और दूसरा मैच पाकिस्तान के हक में। यानि दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थी। आखिरी मैच में जावेद अख्तर और खिजर हयात अंपायरिंग कर रहे थे। यानि पाकिस्तान के टीम के खिलाड़ियों के अलावा उनके अंपायर भी खुद के ही थे।
पाकिस्तान को भारतीय टीम ने 205/7 के स्कोर पर रोक दिया
सीरीज का आखिरी मैच खेलने सबसे पहले पाकिस्तान टीम मैदान पर उतरी थी। भारतीयों गेंदबाजों ने 40 ओवरों के इस मैच में पाकिस्तान को 205/7 के स्कोर पर सिमटा दिया। उसके बाद भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी। सुनील गावस्कर इस मैच में नहीं मौजूद नहीं थे। इसलिए मैच की ओपनिंग चेतन चौहान और अंशुमन गायकवाड़ ने की। दोनों की जोड़ी ने मिलकर 44 रन की पारी खेली। फिर चैहान का 23 रन पर विकेट गिरने के बाद सुरिंदर अमरनाथ मैदान पर उतरे।
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भारत को जीत के लिए चाहिए थे 23 रन और फिर...
सुरिंदर अमरनाथ और गायकवाड़ की जोड़ी ने मिलकर इंडिया को 163 के स्कोर तक पहुंचा दिया। जिसके बाद अब भारत के लिए जीत का लक्ष्य आसान हो चुका था और जीते के लिए केवल 43 रन चाहिए थे। अब गायकवाड़ और गुंडप्पा विश्वनाथ क्रीज पर थे। मैच का 38वां ओवर शुरु हो चुका था और भारत को जीत के लिए केवल 23 रन चाहिए थे। भारत को जीतता देख पाकिस्तान के कप्तान मुश्ताक मोहम्मद काफी परेशान हो गए। पाकिस्तान की तरफ से सरफराज नवाज गेंदबाजी करने आए। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को उकसाना शुरु कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान अपने चरम सीमा पर बेईमानी करने पर उतारू हो गई।
अंपायर ने भी पाकिस्तान टीम का खूब साथ दिया
सरफराज नवाज ने उस ओवर में लगातार चार बाउंसर फेंके, लेकिन अंपायर ने फिर भी उनमें से किसी भी गेंद को वाइड नहीं दिया। पाकिस्तान की जदोजहद में जुटा था कि गायकवाड़ से बॉल इतनी दूर फेंका जाए कि वो मार ही ना पाए। इस योजना में पाकिस्तान अंपायर ने भी पाक टीम का कम साथ नहीं दिया। बता दें कि उन दिनों न्यूट्रल अंपायर का दौर शुरू नहीं हुआ था।
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लगातार चार बाउंसर फेंके जाने के बाद भी अंपायर ने एक बॉल को भी वाइड करार नहीं दिया। वहीं गायकवाड़ को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है। उन दिनों 'वाइड' का नियम आज की तरह टाइट नहीं हुआ करता था। तभी तो अंपायर पर कुछ असर ही नहीं हो रहा था।
भारतीय कप्तान बेदी ने अपने बल्लेबाजों को क्रिज से बुलाया वापस
जब 37वें ओवर की चौथी गेंद भी गायकवाड़ के सिर के ऊपर से निकली तो भारतीय टीम के कप्तान बिशन सिंह बेदी ड्रेसिंग रूम से बाहर निकलकर आए और पाकिस्तान टीम के कप्तान मोहम्मद से उनकी बहस छिड़ गई। इसके बाद बेदी ने अपने बल्लेबाजों को वापस बुला लिया।
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बेदी ने मुश्ताक मोहम्मद पर लगाए थे ये आरोप
इसके बाद मुश्ताक भारतीय टीम के ड्रेसिंग रुम के अंदर गए और उन्होंने भारतीय टीम के कप्तान से अपने बल्लेबाजों को वापस भेजने को कहा। लेकिन कप्तान ने साफ इंकार कर दिया कि भारत इस मैच में आगे नहीं खेलेगा। बेदी ने मुश्ताक मोहम्मद पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने गेंदबाज को लगातार बाउंसर फेंकने और 'खराब खेल' के लिए इजाजत दी।
पाकिस्तान को विजेता किया गया घोषित
साथ ही उन्होंने फील्ड पर सरफराज और जावेद मियांदाद द्वारा भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ 'अपमानजनक भाषा' का इस्तेमाल करने को लेकर भी शिकायत की। इसके बाद मेजबान टीम पाकिस्तान को उस मैच का विजेता घोषित कर दिया गया। पाकिस्तान ने इस सीरीज को 2-1 से जीत लिया। इस जीत से पाकिस्तान बहुत खुश हुई। भारतीय और पाकिस्तानी दोनों मीडिया में इस मैच को इस स्तर तक पहुंचाने के लिए पाकिस्तानी टीम की आलोचना की। हालांकि किसी ने अंपायरों का जिक्र नहीं किया।
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