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Famous Temples in India: इन ख़ास मंदिरो में भाई बहन रक्षाबंधन के त्यौहार पर ज़रूर करें दर्शन, दोनों को मिलेगा लाभ

Brother-Sister Temples India: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन को मनाने के लिए भारत में कुछ मंदिर मौजूद हैं, जहां राखी के त्योहार का विशेष महत्व है। रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन इन मंदिरों में जाकर भगवान के सामने राखी बांधकर त्योहार मना सकते हैं। रक्षाबंधन के मौके पर करें इन मंदिरों के दर्शन।

Vertika Sonakia
Published on: 28 Aug 2023 7:46 AM GMT
Famous Temples in India: इन ख़ास मंदिरो में भाई बहन रक्षाबंधन के त्यौहार पर ज़रूर करें दर्शन, दोनों को मिलेगा लाभ
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Famous Temples in India (Photo: Social Media)

Brother-Sister Temples India: रक्षाबंधन का त्योहार 30-31 अगस्त को है। रक्षाबंधन भाई-बहन से जुड़ा सबसे खास त्योहार है। रक्षाबंधन के मौके पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन त्योहार को और अधिक उत्साह के साथ मनाने के लिए कुछ खास जगहों पर जा सकते हैं। हिंदू धर्म के इस खास त्योहार को मनाने के लिए भारत में कुछ मंदिर मौजूद हैं, जहां राखी के त्योहार का विशेष महत्व है। रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन इन मंदिरों में जाकर भगवान के सामने राखी बांधकर त्योहार मना सकते हैं। रक्षाबंधन के मौके पर करें इन मंदिरों के दर्शन।

1) उत्तराखंड का बंसी नारायण मंदिर: उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है जिसके दरवाजे साल में सिर्फ एक बार खुलते हैं। रक्षाबंधन के अवसर पर मंदिरों को भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। वंशीनारायण का चमत्कारी एवं अनोखा मंदिर चमोली जिले में स्थित है। इस मंदिर में बहन अपने भाई को राखी बांधती है। ऐसा माना जाता है कि वामन अवतार से मुक्त होने के बाद भगवान विष्णु सबसे पहले यहीं प्रकट हुए थे।

2) मथुरा का यमुना धर्मराज मंदिर: मथुरा में यमराज और उनकी बहन यमुना मां को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर मथुरा के प्रसिद्ध विश्राम घाट पर बना है। मंदिर में यमराज और उनकी बहन यमुना मां की विशेष रूप से भाई-बहन के रूप में पूजा की जाती है। मान्यता है कि भाई-बहन को एक साथ यमुना नदी में डुबकी लगाने के साथ-साथ मंदिर भी जाना चाहिए।

3) भैया बहिनी गांव, बिहार: बिहार के सीवान में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक एक मंदिर है। भैया बहनी गांव महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय से 3 किमी दूर भीखा बांध के पास है. इस स्थान पर 500 वर्षों से भाई-बहन की पूजा की जाती है। जिस स्थान पर भाई-बहन ने समाधि ली थी, वहां दो बरगद के पेड़ उग आए हैं, जिनकी जड़ों के बारे में किसी को पता नहीं है। ऐसा माना जाता है कि दोनों बरगद के पेड़ एक दूसरे की रक्षा करते हैं। यहां रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन आकर वट वृक्ष की परिक्रमा करते हैं और उसके नीचे रक्षा सूत्र बांधते हैं।

4) बिजनौर में भाई-बहन का मंदिर: बिजनौर के चूड़ियाखेड़ा जंगल में भाई-बहन का एक प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है कि सतयुग में एक भाई अपने ससुराल से पैदल लौट रहा था, इसी दौरान डकैतों ने उन दोनों को जबरन रोका और महिला के साथ दुर्व्यवहार किया. इस दौरान भाई-बहन ने डकैतों से सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना की. इस पर, भाई-बहन डाकुओं से बचने के लिए पत्थर की मूर्तियों में बदल गए। आज भी उनकी मूर्तियां देवी-देवताओं के रूप में विराजमान हैं।

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