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Famous Tombs in India: इन इमारतों की अद्भुत खूबसूरती कर देगी आपको मंत्रमुग्ध, जानिए भारत के प्रसिद्द मख्बरों के बारे में

Famous Tombs in India: भारत में समय -समय पर अलग- अलग लोगो द्वारा राज किया गया जिससे इस देश के इतिहास और संस्कृति पर विभिन्न देश और कालो की छाप रही जैसे ब्रिटिश शाशन, मुग़ल राज, पुर्तगाली आदि। आइये जानते हे भारत देश के कुछ मशहूर मख्बरों के बारे में जो मुग़ल शाशन में बनाये गए थे।

Vertika Sonakia
Published on: 20 Jun 2023 3:31 PM GMT
Famous Tombs in India: इन इमारतों की अद्भुत खूबसूरती कर देगी आपको मंत्रमुग्ध, जानिए भारत के प्रसिद्द मख्बरों के बारे में
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Famous Tombs in India (Photo: Social Media)

Famous Tombs in India: भारत देश अपने इतिहास और संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्द है। भारत में समय -समय पर अलग- अलग लोगो द्वारा राज किया गया जिससे इस देश के इतिहास और संस्कृति पर विभिन्न देश और कालो की छाप रही जैसे ब्रिटिश शाशन, मुग़ल राज, पुर्तगाली आदि। भारत में कई ऐतिहासिक इमारते है जो दुनिया भर में अपनी सुंदरता के लिए मशहूर हैं। आइये जानते हैं भारत देश के कुछ मशहूर मख्बरों के बारे में जो मुग़ल शाशन में बनाये गए थे। यह सभी मख्बरे इतने सुन्दर हैं की इन्हे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं ।

1- ताज महल, आगरा : ताज महल, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित एक प्रसिद्ध स्मारक है। यह भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे प्रसिद्द ईमारत है। इसे सात विश्व अद्भुतों में से एक माना जाता है। ताज महल को मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने 17वीं सदी में अपनी प्रियतमा मुमताज़ महल के लिए एक समाधि स्मारक के रूप में बनवाया था।
ताज महल शब्द का अर्थ होता है "महलों का मुकुट" और यह एक स्थापत्य कृति है जिसमें इस्लामी, पार्सी और भारतीय शैलियों के तत्व मिले हैं। ताज महल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और लगभग 20 साल तक चला। इसमें प्रमुख रूप से सफेद संगमरमर का उपयोग हुआ है और इसमें जटिल नक्काशी, कालीग्राफ़ी और मोती से नक्काशी शामिल हैं। ताज महल यमुना नदी के किनारे स्थित है और यह चारबाग़ नामक एक विशाल उद्यान से घिरा हुआ है, जो चार भागों में बंटा हुआ है। यह मख्बरा आपको इस्लामिक शैली की पूरी पहचान करता है। इसे सहजहां ने अपनी रानी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। यहाँ मुमताज़ महल और सहजहां की कब्र भी मौजूद है।

2- हुमायूँ का मख्बरा, दिल्ली: हुमायूँ का, मख्बरा एक प्रसिद्ध स्मारक है जो दिल्ली, भारत में स्थित है। यह स्मारक मुग़ल सम्राट हुमायूँ की समाधि है और उनकी पत्नी हामिदा बानो के नाम पर बनाया गया था। हुमायूँ का मख्बरा विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल है और इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
हुमायूँ का मख्बरा का निर्माण 1565-1572 ईस्वी में हुआ था और इसे मुग़ल स्थापत्य शैली में बनाया गया है। मख्बरे के प्रमुख इमारती संरचनाओं में एक मुख्य गुम्बद, चार छोटे गुम्बद और विभिन्न पत्थरों से नक्काशी शामिल हैं। हुमायूँ का मख्बरा अपार सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के करण प्रसिद्द है । इस ईमारत को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है।

3- क़ुतुब मीनार, दिल्ली: क़ुतुब मीनार भारत के दिल्ली में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह दिल्ली की पुरानी दिल्ली क्षेत्र में स्थित है और मुग़लकालीन कला और स्थापत्य का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। कुतुब मीनार का निर्माण सन् 1193 में शुरू हुआ था और सन् 1368 में पूरा हुआ। इसे तुरुष्क (मध्य एशिया से आए गए अफगान लोग) शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपनी सत्ता के प्रदर्शन के रूप में बनवाया था। इसकी ऊचाई लगभग 73 मीटर (239 फीट) है और यह दुनिया के सबसे अजनबी के सबसे अजनबी ऊंचे टावरों में से एक है। क़ुतुब मीनार मुग़लकालीन शैली का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है। यह मर्मर, संगमरमर और लाल पत्थर का उपयोग करके निर्मित है। मीनार के ऊपरी भाग में आपको उम्मीद से भी बड़ी संख्या में कलात्मक कट्टूत्ते दिखाई देंगे, जिनमें नसीरुद्दीन महमूद और ऐबक के शासनकाल में रचे गए कविताओं का सजावट किया गया है। यह इस्लामिक वास्तुकला की एक अद्भुत ईमारत है।

4- सफदरजंग का मख्बरा, दिल्ली: सफदरजंग का मकबरा, भारत के दिल्ली शहर में स्थित है और एक मशहूर पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह मकबरा मुग़लकालीन संरचनाओं का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है और दिल्ली के पुराने शहर क्षेत्र में स्थित है।
सफदरजंग का मकबरा सफदरजंग नामक नवाब शजहानाबाद (आधुनिक दिल्ली) के वजीर सफदरजंग के लिए बनवाया गया था। यह मकबरा सन् 1754 ईस्वी में निर्मित किया गया था और इसमें सफदरजंग की संख्यात अवधानियों की अवधारणा समाहित है।
इस मकबरे की विशेषताएं मकबरे के विशाल आकार, उच्च गुमटी, इंट्रीकेट पत्थर की कार्विंग, और विस्तृत बगीचे में समाहित हैं। मकबरे के संरचनात्मक शैली में तुर्की, पर्शियाई, और हिंदुस्तानी संस्कृति के तत्व दिखाई देते हैं। यह मकबरा आलिशान रंगीनी के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां आपको अंग्रेजी स्टाइल के बागो के साथ आकर्षक उद्यान देखने का अवसर मिलता है।

5- गोल गुम्बज, कर्नाटक: गोल गुंबज भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह विजयपुर के नगरसभा भवन के आंतरभूत है और विजयनगर साम्राज्य की ध्वजा-स्थली है। गोल गुंबज को ग्रामदिक्षिणा नामक एक उपनगर में स्थापित किया गया है।
गोल गुंबज का निर्माण 17वीं सदी में अधिकारी मोहम्मद अदिल शाह द्वारा किया गया था। यह इतनी विशाल बनी हुई है कि इसे दक्षिण भारत का सबसे बड़ा ताम्रपट्ट (गुंबज) माना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह आवाज के गुणों के कारण गोल गुंबज के रूप में प्रसिद्ध हो गयी है। गोल गुंबज में विशाल गुंबज के साथ संग्रहालय, मस्जिद और मकबरे शामिल हैं। गुंबज का ढांचा सोलह सालां तत्वों से मिलकर बना है और इसमें आगे बढ़ने वाले बड़े ढांचे तक एक व्यक्तिगत प्रवेशद्वार है। यह अद्वितीय संरचना इसे उन्नत और शानदार बनाती है। यहाँ आपको अपनी आवाज़ गूंजती हुई नज़र आएगी इसलिए इसे व्हिस्पेरिंग गैलरी के नाम से भी जाना जाता है।

6- बीबी का मख्बरा,औरंगाबाद: बीबी का मकबरा, जिसे मिनी ताज महल के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित औरंगाबाद में स्थित एक प्रसिद्ध स्मारक है। यह एक मकबरा है जिसे मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब के पुत्र आज़म शाह ने अपनी माँ दिलरास बानो बेगम, जिन्हें राबिया-उद-दौरानी के नाम से भी जाना जाता है, की याद में बनवाया था। बीबी का मकबरा का निर्माण 1651 से 1661 तक किया गया था।
बीबी का मकबरा आगरा में स्थित ताज महल के बहुत ही समान आर्किटेक्चरल स्टाइल और डिज़ाइन की वजह से "मिनी ताज महल" के नाम से प्रसिद्ध है। स्मारक में एक विशाल संदल जोड़ा हुआ है, जिसके चार मीनार हैं, और इसे एक सुंदर मुग़ल-शैली के बगीचे में तालाब के आसपास स्थानित किया गया है। मकबरा मुख्य रूप से संगमरमर से बना है और इसमें जटिल नक्काशी और नाजुक प्लास्टरवर्क का प्रदर्शन है।

7) इतिमाद-उद दौला, आगरा: इतिमाद-उद-दौला का मकबरा, जिसे "बच्चों की ताज महल" के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक स्मारक है। यह मकबरा मुग़ल सम्राट जहांगीर के मंत्री और शाहजहाँ की मां नूरजहाँ द्वारा अपने पिता इतिमाद-उद-दौला की याद में बनवाया गया था। यह स्मारक 1622 से 1628 तक निर्मित किया गया था।
इतिमाद-उद-दौला का मकबरा ताज महल के बाद अगरा में बनाए गए द्वितीय सर्वोत्कृष्ट अस्थायी स्मारक है। इसकी वास्तुशिल्प कट्टरता और नक्काशी का उदाहरण बहुत ही शानदार है। मकबरा की संरचना एक विशाल मार्बल बगीचे में स्थित है और इसमें बहुत सारे चौकोर संरचित कक्ष हैं। इसमें सफेद संगमरमर, पीले संगमरमर, लाल संगमरमर और जगमगाती हुई मोती की काम की नक्काशी होती है।
इतिमाद-उद-दौला का मकबरा अगरा के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां देश और विदेशी पर्यटक आते है।

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