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Nuh Nalhar Mahadev Temple: नूंह के नल्हड महादेव मंदिर का है महाभारत काल से सम्बन्ध, वृक्ष से लगातार निकलता रहता है जल

Nuh Nalhar Mahadev Temple History: नूंह का नल्हड़ महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। सावन के महीने खासकर शिवरात्रि के दिन यहाँ भक्तों की भारी भीड़ लगती है। यहाँ न सिर्फ हरियाणा बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्री और शिव उपासक अपने आराध्य शिव की पूजा करने आते हैं। सावन के महीने में यहाँ भोले के भक्त कावंड भी लेकर आते हैं और चढ़ाते हैं।

Preeti Mishra
Published on: 28 Aug 2023 2:14 PM IST
Nuh Nalhar Mahadev Temple: नूंह के नल्हड महादेव मंदिर का है महाभारत काल से सम्बन्ध, वृक्ष से लगातार निकलता रहता है जल
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Nalhar Mahadev Temple Nuh History (Image: Social Media)

Nuh Nalhar Mahadev Temple History: बीते दिनों मेवात के नूंह में सांप्रदायिक दंगों के कारण चर्चा में रहा। साथ ही चर्चा में रहा नूंह का नल्हड़ महादेव मंदिर, जहाँ दागों के दौरान तक़रीबन 2500 लोगों ने शरण लेकर अपनी जान बचायी थी। यह मंदिर नूंह शहर से लगभग 7 किमी दूर अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह जगह बहुत ही सुन्दर लगता है।

नूंह का नल्हड़ महादेव मंदिर शिव भक्तों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। सावन के महीने खासकर शिवरात्रि के दिन यहाँ भक्तों की भारी भीड़ लगती है। यहाँ न सिर्फ हरियाणा बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्री और शिव उपासक अपने आराध्य शिव की पूजा करने आते हैं। सावन के महीने में यहाँ भोले के भक्त कावंड भी लेकर आते हैं और चढ़ाते हैं।

नूंह के नल्हड महादेव मंदिर का इतिहास

स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, मंदिर का सम्बन्ध महाभारत काल से है। ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने जंगलों में अपने निर्वासन के दौरान इस स्थान पर कुछ दिन बिताये थे। यहाँ पर रहने के दौरान पांडव अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश में थे तभी भगवान कृष्ण उनके सामने प्रकट हुए। भगवान कृष्ण जमीन पर अपना पैर मारकर, एक पवित्र जल का एक झरना बनाया, जो आज भी मंदिर परिसर में बहता रहता है। इस पवित्र जलस्रोत को हिंदी में नल के नाम से जाना जाता है, इसलिए इस मंदिर का नाम "नल्हड महादेव मंदिर" पड़ा।

कदम के पेड़ से लगातार निकलता है पानी

आपको बता दें कि नल्हड़ मंदिर में स्थि​त कदम के पेड़ से लगातार पानी निकलता रहता है। जिस पेड़ से लगातार पानी निकलता रहता है वहां जाने के लिए 287 सीढ़ियां बनाई गई हैं। इस पेड़ की ऊंचाई 500 फीट से भी अधिक है। यहाँ अभी भी पानी निकलता है। लोग इसको देखने और यहाँ का पानी लेने के लिए जरूर आते हैं। मान्यता है कि इस यहाँ से कोई कितना भी पानी निकाल ले वो कभी भी ख़त्म नहीं होगा।

पिछले कई सालों में मंदिर में हुए हैं कई परिवर्तन

पिछले कुछ वर्षों में, नल्हड महादेव मंदिर को संरक्षित करने के लिए कई नवीकरण और पुनर्स्थापन कार्य हुए हैं। स्थानीय समुदाय इस मंदिर की पवित्रता और वास्तुशिल्प अखंडता को बनाए रखने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। वर्तमान समय में, मंदिर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। यहाँ का वातावरण शांत और आध्यात्मिक लगता है।

हरियाणा का यह महादेव मंदिर आस्था और श्रद्धा का एक शाश्वत प्रतीक है। अपने प्राचीन इतिहास, किंवदंतियों और शानदार वास्तुकला के साथ, यह मंदिर क्षेत्र के शानदार अतीत के साथ एक जीवंत कड़ी के रूप में कार्य करता है। चूँकि यह भक्तों को प्रेरित और आकर्षित करता रहता है, भगवान शिव का यह पवित्र निवास हरियाणा की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बना हुआ है।



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Preeti Mishra

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