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Kanpur Famous Mandir: कानपुर का ये प्राचीन मंदिर है 200 साल पुराना, शेषनाग किसी न किसी रूप में देते हैं दर्शन
Kanpur Famous Kherepati Mandir: सावन का महीना चल रहा है और ऐसे में आज हम आपको उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर के एक ऐसे मंदिर में ले जा रहे हैं जो करीब 200 साल पुराना है।
Kanpur Famous Kherepati Mandir: सावन का महीना चल रहा है और ऐसे में आज हम आपको उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर के एक ऐसे मंदिर में ले जा रहे हैं जो करीब 200 साल पुराना है। यहाँ सालों से शेषनाग भगवान् की पूजा की जाती रही है। लोगों को इस मंदिर में बेहद आस्था है और सावन के समय तो यहाँ भक्तों का ताँता लगा रहता है। आइये जानते हैं इस मंदिर और इसकी विशेषता के बारे में विस्तार से।
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कानपुर का खेरेपति मंदिर
आज हम आपको एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां ऐसी मान्यता है कि यहाँ 200 साल से नाग शेषनाग भगवान् निवास कर रहे हैं और तभी से यहाँ इनकी पूजा की जाती रही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कानपुर के खेरेपति मंदिर की। यहाँ सावन का महीना शुरू होते ही हर तरफ हर-हर महादेव के जयकारे लगने लगते हैं। वहीँ नागपंचमी के दिन खेरेपति मंदिर कानपुर में भोलेनाथ को जल और दूध चढ़ाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ आती है।
मंदिर के बारे में रोचक तथ्य:-
नाग-नागिन मेला
खेरेपति मंदिर कानपुर के परिसर में कई वर्षों से सांपों का मेला लगता आ रहा है। इस मेले में दूर-दूर से सपेरे आते हैं। वहीँ इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां सांपों के जहरीले दांत नहीं तोड़े जाते। इस मेले में कई तरह के जहरीले सांप होते हैं, लेकिन आज तक उन्होंने किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया है। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण के बाद से आज तक आसपास किसी भी व्यक्ति को सांप ने नहीं काटा है।
स्वयं स्थापित हुए शेषनाग भगवान्
ऐसा माना जाता है कि 200 साल पहले दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने अपनी बेटी दैवयानी का विवाह जाजमऊ के राजा आदित्य से किया था। एक दिन शुक्राचार्य अपनी पुत्री से मिलने के लिए अपने महल से बाहर निकले। उन्होंने खेरपति मंदिर से थोड़ी दूरी पर रुककर आराम किया। इसी दौरान उन्हें नींद आ गयी। शेषनाग भगवान् ने उन्हें सपने में दर्शन दिए और कहा कि यहीं पर शिवलिंग की स्थापना की जाए, क्योंकि वे यहीं निवास करना चाहते हैं। अचानक शुक्राचार्य की नींद टूट गई। जागने के बाद शुक्राचार्य ने शेषनाग की इच्छानुसार वहीं पर शिवलिंग की स्थापना की और मंदिर का निर्माण करवाया। जब सावन का पहला महीना आया तो शेषनाग भी रातों-रात वहीं स्थापित हो गए।
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आपको बता दें कि कानपुर का ये प्राचीन मंदिर मॉल रोड, कुर्सावां, जनरल गंज,पर स्थित है मंदिर परिसर बेहद खूबसूरत है। सालों बाद भी मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता लिए हुए है। कहा जाता है कि भक्त अपनी श्रद्धा से जो भी भगवान् से मांगते हैं वो उनकी मनोकामना को यहाँ ज़रूर पूरी करते हैं।