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Kedarnath Yatra 2023: ऐसे आसान होगा केदारनाथ जाने का सफर, चढ़ाई से पहले यहां रुकने की है खास व्यवस्था
Kedarnath Yatra 2023: बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए भक्तों ने अब बुकिंग करवानी भी शुरू कर दी है। सामने आए आंकड़ों के मुताबिक अभी तक लाखों भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं
Kedarnath Yatra 2023: भगवान शिव को समर्पित बाबा केदारनाथ के धाम खुलने का ऐलान कर दिया गया है। जिसके मुताबिक अब 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर द्वार खोले जाएंगे, जिसके बाद भक्तजन भगवान के दर्शन कर सकेंगे। वहीं बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे। पीटीआई द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद से बाबा के दर्शन करने के लिए भक्तों ने अब बुकिंग करवानी भी शुरू कर दी है। सामने आए आंकड़ों के मुताबिक अभी तक लाखों भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं।
केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए आसान रास्ते
अप्रैल के महीने में खुलने वाले बाबा केदारनाथ के कपाट भैया के अवसर पर बंद होते हैं, इस दौरान लाखों सैलानी बाबा के दर्शन करने लिए पहुंचते हैं। आप भी केदारनाथ धाम जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां कुछ रास्ते बताए गए हैं जिनके सहारे आप आसानी से बाबा दे दर्शन करने पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से
केदारनाथ पहुंचने के लिए सबसे आसान हरिद्वारा से जाने वाला मार्ग है। इसलिए लोग पहले हरिद्वार पहुंचते है और इसके बाद केदारनाथ तक का सफर पूरा करते हैं। हरिद्वार के लिए कई बसे चलती हैं, अगर आप दिल्ली से जा रहे हैं तो यहां बस अड्डों पर हरिद्वार के लिए कई प्राइवेट और सरकारी बसें चलती है। हरिद्वार पहुंचने के बाद यहां से आप आसानी से गौरीकुंड के लिए बस सेवा की सहायता ले सकते हैं। यहां बस सेवा का आनंद लेने के लिए गढ़वाल मंडल ओनर्स एसोसिएशनय के कार्यालय में एडवांस बुकिंग की जाती है।
ट्रेन का सफर
केदारनाथ जाने के लिए ज्यादातर लोग ट्रेन से सफर करते हैं। यहां सबसे सहायक रेलवे स्टेशन हरिद्वार ही है, लेकिन इसके अलावा आप ऋषिकेश, देहरादून या कोटद्वार तक भी ट्रेन से पहुंच सकते हैं। इसके आगे केदारनाथ तक जाने के लिए आपको यहां से आसानी से बस सेवा मिल जाती है।
हवाई मार्ग से केदारनाथ का सफर
अगर आप हवाई जहाज से केदारनाथ तक जाने का सफर कर रहे हैं, तो देहरादून के पास जॉली ग्रांट हवाई अड्डा सबसे करीब पड़ता है। जहां से करीब 239 किमी की दूरी पर केदारनाथ धाम है। इस हवाई अड्डे से ऋषिकेश तक की दूरी करीब 16 किमी है जहां पहुंचने में आपको 20 से 30 मिनट का समय लगता है। इसके आगे जोशीमठ तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी बुक कर सकते हैं, इसके अलावा आपको यहां से बस सेवा भी मिल जाती है।
चढ़ाई के लिए ले सकते है हेलिकॉप्टर और खच्चर सेवा
बस के जरिए गौरीकुंड तक पहुंचने के बाद बाबा के दरबार तक पहुंचने के लिए आपको 16 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। जिसके लिए गुप्तकाशी से सुबह 6 बजे से लेकर 8 बजे के बीच आप यह चढ़ाई शुरू कर सकते हैं। फिर शाम तक आप भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पाएंगे। यह 16 किलोमीटर कार रास्ता पैदल का होता है, अगर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो आप पालकी या घोड़े की सहायता से भी अपनी चढ़ाई पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा आपको गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से हेलिकॉप्टर सेवा भी मिल जाती है। बता दें कि खच्चर और पालकी की सेवा और हेलिकॉप्टर सेवा में आपका खर्च लगभग बराबर ही होता है।
चढ़ाई से पहले रुकने की दी जाती है सलाह
गौरीकुंड पहुंचने के बाद भी काफी पैदल चलकर आप बाबा के दर्शन कर पाते हैं। केदारनाथ में बाबा के दर्शन करना इतना आसान नहीं होता है, इसलिए आपको चढ़ाई करने से पहले विश्राम करने की सलाह दी जाती है। चढ़ाई करने में आपको 12 घंटे का समय लगता है इस वजह से आपको 2 से 3 दिन यहां आराम करने की सलाह देते हैं। जिसके लिए गौरीकुंड, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग में लोगों के विश्राम के लिए व्यवस्था की जाती है।