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Famous Temples In Mathura: फेमस हैं मथुरा के यह मंदिर, जिनकी खूबसूरती देखने विदेशों से आते हैं लोग
Famous Temples In Mathura: जहां कई सुंदर मंदिर है, श्रीकृष्ण की नगरी कहे जाने वाले शहर में कई मंदिर बने हुए हैं। जिन्हे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। कहते हैं कि यदि कोई एक बार कृष्ण नगरी मथुरा में आता है।
Famous Temples In Mathura: धर्म और संस्कृति की पवित्र धरती मथुरा बेहद शानदार और सुंदर शहर है। जहां कई सुंदर मंदिर है, श्रीकृष्ण की नगरी कहे जाने वाले शहर में कई मंदिर बने हुए हैं। जिन्हे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। कहते हैं कि यदि कोई एक बार कृष्ण नगरी मथुरा में आता है तो वह कृष्णमयी हो जाता है। यहां के मंदिरों में घूमने का अलग-अलग समय होता है। इस वजह से लोग उसी हिसाब से यहां घूमने के लिए आते हैं। यहां आपको मथुरा के कुछ फेमस मंदिरों के बारे में बताया गया है।
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मथुरा के प्रसिद्ध मंदिर
श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर- Shri Krishna Janmasthan
पवित्र शहर मथुरा में स्थित श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर बेहद ही फेमस और जाना-माना है। जोकि शहर में जेल की कोठरी के चारों तरफ बनाया गया है। कहते हैं कि इसी जगह श्री कृष्ण के माता-पिता देवकी और वासुदेव जी कैद किए गए थे। मंदिर का अपने-आप में काफी महत्व है क्योंकि यह भगवान कृष्ण जन्मस्थान है। यह मंदिर सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक खोला जाता है, वहीं शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक आप यहां दर्शन कर सकते हैं।
द्वारकाधीश मंदिर- Dwarkadhish Temple
मथुरा शहर का यह मंदिर शहर के पवित्र मंदिरों में है, कहा जाता है कि साल 1814 में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। जो अभी भी बरकरार है इस मंदिर के आस-पास यमुना नदी के घाट बने हुए हैं। इसके साथ ही यहां आप कई दिलचस्प एक्टिविटीज भी कर सकते हैं।
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बिड़ला मंदिर मथुरा- Birla Mandir
मथुरा के बाहरी इलाके में स्थित यह बिड़ला मंदिर काफी प्रसिद्ध है, जो शहर में गीता के नाम से जाना जाता है। प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है, तीर्थयात्री और पर्यटक दोनो ही समान रूप से आते हैं। यह मंदिर भगवान नारायण लक्ष्मी को समर्पित है, यह मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक खोला जाता है। वहीं दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक खोला जाता है।
श्री जुगल किशोर जी मंदिर- Shri Jugal Kishor Ji Mandir
श्री जुगल किशोर जी मंदिर मथुरा में केशी घाट पर है इस मंदिर को केशी घाट मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर के आस-पास कई पुराने मंदिर बने हुए हैं, कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण साल 1727 में किया गया था। जिसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है।