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Etawah Mahavir Mandir: ये है हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर जहाँ उनकी मूर्ति खाती है लड्डू और पीती है दूध, जानिए क्या है इसकी वजह

Etawah Mahavir Mandir: हनुमान जी को अमरता का वरदान मिला था। वो आज भी हम सब के बीच मौजूद हैं। वहीँ उत्तर प्रदेश के इटावा शहर से 10 किलोमीटर यमुना नदी के किनारे पिलुआ में बजरंगबली का एक मंदिर है जहाँ आप उनके चमत्कार देखकर हैरान रह जायेंगे।

Shweta Shrivastava
Published on: 21 July 2023 3:02 AM GMT
Etawah Mahavir Mandir: ये है हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर जहाँ उनकी मूर्ति खाती है लड्डू और पीती है दूध, जानिए क्या है इसकी वजह
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Etawah Mahavir Mandir (Image Credit-Social Media)

Etawah Mahavir Mandir: बजरंगबली की महिमा को हर हिन्दू भली भांति समझता और जानता है। वो भगवान् राम के अनन्य भक्त और संकटमोचन हैं। दुनिया भर में आज सनातन धर्म को लोगों ने माना और जाना भी है। वहीँ भारत के अलावा विदेशों में कई जगहों पर मंदिरों का निर्माण हो रहा है। वहीँ उत्तर प्रदेश के शहर इटावा में हनुमान जी का एक चमत्कारिक मंदिर मौजूद है जहाँ बजरंगबली की मूर्ति लड्डू कहती है, दूध का सेवन करती है और राम नाम का जाप भी करती है। आइये जानते हैं और क्या क्या विशेषता है इस मंदिर की।

हनुमान जी की मूर्ति खाती है लड्डू

हनुमान जी को अमरता का वरदान मिला था। वो आज भी हम सब के बीच मौजूद हैं। वहीं उनसे जुड़े कई किस्से हैं जो ये प्रमाण देने के लिए काफी हैं कि आज भी बजरंगबली हम सभी के बीच मौजूद हैं। वहीँ उत्तर प्रदेश के इटावा शहर से 10 किलोमीटर दूर बीहड़ में प्रताप नगर ग्राम रुरा में यमुना नदी के किनारे पिलुआ में बजरंगबली का एक मंदिर है जहाँ आप उनके चमत्कार देखकर हैरान रह जायेंगे। दरअसल इस मंदिर में भगवान् हनुमान लड्डू खाते हैं और दूध भी पीते हैं।

भारत में आज भी कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जो अपनी अलग पहचान रखते हैं साथ ही अनेक मान्यताओं के साथ अपना चमत्कार और महिमा सबके सामने लाते रहे हैं। ऐसा ही एक मंदिर इटावा शहर से 10 किलोमीटर दूर रुरा नाम के गांव में देखने को मिलता है। इस मंदिर में हनुमान जी की एक चमत्कारिक मूर्ति स्थापित है जो भोग लगाए लड्डू को कहती है और दूध का सेवन भी करती है। यहाँ आपको हनुमान जी के कई चमत्कारों की कहानिया सुनने को मिल जाएँगी। यहाँ लोग दूर दूर से हनुमानजी के दर्शन करने आते हैं।

इस मंदिर को हनुमान जी की चमत्कारी मूर्ति से जोड़कर देखा जाता है। भक्तों के अनुसार यहाँ स्वयं भगवान् हनुमान लड्डू खाते हैं और दूध भी पीते हैं। हनुमान जी की इस मूर्ति में हमेशा पानी भरा रहता है। साथ ही जब उनके मुँह में प्रसाद के रूप में लड्डू रखा जाता है तो वो उसमे समां जाता है। आप इसमें जितना भी लड्डू रखें वो सब भगवान हनुमान अपने में समां लेते हैं।

गौरतलब है कि मंदिर में मौजूद मूर्ति बाल हनुमान की है। साथ ही इस मूर्ति में उनका मुँह खुला हुआ है साथ ही इसमें पानी दिखाई देता है। जैसे ही आप भगवान् को भोग लगाते हैं वो सीधे उनके पेट में चला जाता है। इस मूर्ति पर कई बार शोध भी किया गया लेकिन शोधकर्ता किसी भी नतीजे पर नहीं आ सके। उन्हें इस बात का पता नहीं चल पाया कि आखिर उनके मुँह में पानी कैसे है और भोग में चढ़ाया गया लड्डू कहाँ चला जाता है।

इतना ही नहीं इस मूर्ति में भरे पानी से बुलबुले भी निकलते रहते हैं। इसे लेकर पुजारियों का कहना है कि भगवान् हनुमान हर समय राम नाम जपते रहते हैं और साथ में सांस लेते हैं तो इसलिए उनके मुँह से बुलबुले निकलते रहते हैं। इस मंदिर की एक और विशेषता ये भी है कि ये 700 साल पुराना मंदिर है। आज से कुछ समय पहले यहाँ पिलुआ के पेड़ के नीचे केवल एक हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित थी। कुछ समय बाद ही यहाँ पर एक विशाल मंदिर बन गया। साथ ही इस मंदिर को पिलुआ हनुमान मंदिर का नाम दिया गया।

नोट: इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। न्यूज़ट्रैक इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

Shweta Shrivastava

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