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Tallest Shiva Idols in India: जानिए भारत की सबसे बड़ी शिव प्रतिमाओं के बारे में, एक तो आपने नहीं देखा होगा अब तक

Tallest Shiva Idols in India: भारत देश मेँ भगवान शिव को समर्पित बराह ज्योयीतलिंग हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनके साथ ही शिव जी की कुछ विशाल प्रतिमाये बानी हुई हैं जहाँ भारी संख्या मेँ लोग जाते हैं। अगर आप भी एक शिव भक्त हैं तो इन विशाल मूर्तीयो के दर्शन अवश्य करें। आइये आपको दर्शन कराते हैं भगवान शिव की कुछ विशाल प्रतिमाओ के।

Vertika Sonakia
Published on: 23 July 2023 7:30 AM IST
Tallest Shiva Idols in India: जानिए भारत की सबसे बड़ी शिव प्रतिमाओं के बारे में, एक तो आपने नहीं देखा होगा अब तक
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Tallest Shiva Idols in India (Photo: Social Media)

Tallest Shiva Idols in India: सावन का महीना सभी शिव भक्तों के लिए बेहद ख़ास होता हैं।इस पूरे महीने सभी भगवान शिव की पूजा- अर्चना मेँ डूबे रहते है। सावन के सोमवार का एक अलग ही महत्त्व हैं। इस दिन सभी शिव भक्त शिव मंदिर जाते हैं और पूरे दिन व्रत रखते हैं। भारत देश मेँ भगवान शिव को समर्पित बराह ज्योयीतलिंग हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनके साथ ही शिव जी की कुछ विशाल प्रतिमाये बानी हुई हैं जहाँ भारी संख्या मेँ लोग जाते हैं। अगर आप भी एक शिव भक्त हैं तो इन विशाल मूर्तीयो के दर्शन अवश्य करें। आइये आपको दर्शन कराते हैं भगवान शिव की कुछ विशाल प्रतिमाओ के।

1) मुरुदेश्वरी शिव प्रतिमा, कर्नाटक: मुरुडेश्वरी शिव मूर्ति, कर्नाटक, भारत के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह स्थान अरब सागर के तट पर स्थित है और शिव पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। मुरुडेश्वर का नाम भगवान शिव के एक नाम "मुरुदेश्वर" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "मृत्यु नाशक"। यहां के मुख्य धार्मिक स्थल में महाशिवरात्रि और श्रावण मास के सोमवार को बड़े धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।

मुरुडेश्वर में स्थित शिव मूर्ति विशेष रूप से लोगों के ध्यान को आकर्षित करती है। यह विशालकाय मूर्ति, जिसे "नेट्रस्थंभ" के नाम से भी जाना जाता है, के ऊपर विराजमान है। यह मूर्ति शिव के तीसरे नेत्र को दर्शाती है और इसे देखने के लिए दर्शनार्थी लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। मूर्ति का ऊँचाई से लगभग 123 फीट है और यह भारत की सबसे ऊँची शिव मूर्ति में से एक है।

इसके अलावा, मुरुडेश्वर में एक प्राचीन शिव मंदिर भी स्थित है, जिसे दर्शनीय स्थल के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर का स्थापना काल अत्यंत प्राचीन है और यह ऐतिहासिक और संस्कृतिक महत्व रखता है। मुरुडेश्वर शिव मूर्ति का यह अद्भुत दर्शनीय स्थल दक्षिण भारत में पर्यटकों को खींचता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्ण स्थलों का आनंद लेने के इच्छुक होते हैं। यहां के सुंदर तट, प्राकृतिक सौंदर्य और प्रसिद्ध शिव मूर्ति ने मुरुडेश्वर को एक लोकप्रिय धरोहर बना दिया है।

2) आदियोगी शिव प्रतिमा, तमिलनाडु: आदियोग शिव मूर्ति, तमिलनाडु, भारत के एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह स्थान तमिलनाडु के कोयंबतूर जिले में स्थित है और शिव पूजा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। आदियोग शिव मूर्ति का निर्माण पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने खुद इस जगह पर ध्यान और तपस्या किया था। इसी कारण इस स्थान को "आदियोग" के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है "प्रारंभिक योगी"।

आदियोग शिव मूर्ति की मूर्ति भगवान शिव के ध्यान मुद्रा में है, जिसका अर्थ होता है कि वे ध्यान में लगे हुए हैं। मूर्ति का ऊंचाई से लगभग 112 फीट है, और यह भारत में सबसे ऊंची शिव मूर्तियों में से एक है। आदियोग शिव मूर्ति के समीप एक बड़ा महाशिवरात्रि उत्सव होता है जिसे लाखों श्रद्धालु भक्त भाग लेते हैं। यहां धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी लिया जा सकता है। आदियोग शिव मूर्ति तमिलनाडु में धार्मिक पर्यटकों के बीच एक प्रसिद्ध स्थल के रूप में विख्यात है।

3) नामची शिव प्रतिमा, सिक्किम: सिक्किम के गंगटोक मेँ स्थित यह एक विशाल शिव प्रतिमा है।यह मूर्ती नामची शहर मेँ हैं जो गंगटोक से 92 किलोमीटर दूर है। इस मूर्ती मेँ सभी 12 ज्योतिर्लिंगो को भी दिखाया गया है।108 फीट ऊंची शिव की मूर्ति सिद्धेश्‍वर धाम और किरातेश्वर महादेव के नाम से भी प्रसिद्ध है।

4) हर की पौड़ी शिव प्रतिमा: हरिद्वार में हरकी पौड़ी शिव मूर्ति एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह स्थान गंगा नदी के किनारे स्थित है और शिव पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। हरकी पौड़ी में स्थित इस शिव मूर्ति को भगवान शिव का सबसे विशाल विग्रह माना जाता है। यह मूर्ती 100 फ़ीट ऊंची हैं और विवेकानंद पार्क मेँ स्थित हैं। हरकी पौड़ी शिव मूर्ति का निर्माण पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने खुद इस स्थान पर ध्यान और तपस्या की थी। यहां की खासियत यह है कि यह शिव मूर्ति विशालकाय है और यह भगवान शिव का एक मात्र एक पाद ही विद्यमान है। इसके अलावा, मूर्ति के लिए उपयोग किए गए पत्थरों की संख्या और पौधों की खास सजावट इसे एक आकर्षक स्थल बनाते हैं।

हरकी पौड़ी शिव मूर्ति के समीप हर दिन भगवान शिव के लिए पूजा-अर्चना की जाती है और अधिक से अधिक श्रद्धालु यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की कोशिश करते हैं। हरकी पौड़ी शिव मूर्ति हरिद्वार के पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और वहां के विशालकाय शिव मूर्ति की दृश्य-सौंदर्य और धार्मिक वातावरण को देखने का अवसर प्रदान करता है।

हरकी पौड़ी शिव मूर्ति का निर्माण पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने खुद इस स्थान पर ध्यान और तपस्या की थी। यहां की खासियत यह है कि यह शिव मूर्ति विशालकाय है और यह भगवान शिव का एक मात्र एक पाद ही विद्यमान है। इसके अलावा, मूर्ति के लिए उपयोग किए गए पत्थरों की संख्या और पौधों की खास सजावट इसे एक आकर्षक स्थल बनाते हैं। हरकी पौड़ी शिव मूर्ति के समीप हर दिन भगवान शिव के लिए पूजा-अर्चना की जाती है और अधिक से अधिक श्रद्धालु यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की कोशिश करते हैं। हरकी पौड़ी शिव मूर्ति हरिद्वार के पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और वहां के विशालकाय शिव मूर्ति की दृश्य-सौंदर्य और धार्मिक वातावरण को देखने का अवसर प्रदान करता है।

5) मंगल महादेव शिव प्रतिमा, हरयाणा: मंगल महादेव विग्रह, हरियाणा, भारत के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह स्थान हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित है और शिव पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। यहाँ की शिव मूर्ती 101 फ़ीट ऊंची है। मंगल महादेव विग्रह का निर्माण भगवान शिव के विशेष एकाधिकारी, मंगलनाथ महादेव के नाम से किया गया था। इस स्थान पर मंगलनाथ महादेव की मूर्ति शिवलिंग के रूप में स्थापित है, जिसे भगवान शिव के शांत, ध्यानात्मक और तपस्वी रूप का प्रतीक माना जाता है।

मंगल महादेव मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस स्थान पर महाशिवरात्रि के दिन और श्रावण मास के सोमवारों को भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष उत्सव मनाया जाता है, जिसे लाखों श्रद्धालु भक्त भाग लेते हैं। मंगल महादेव विग्रह और मंदिर की धार्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और वहां के शांतिपूर्ण वातावरण ने इसे धार्मिक पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थल बना दिया है।



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