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Bhutan: घूमने के हैं शौक़ीन तो करिए भूटान की यात्रा सस्ती और बेहद खास, यहां जाने सभी डिटेल्स

Bhutan: भूटान को "ग्रॉस नेशनल हैपिनेस" देश भी कहा जाता है क्योंकि यहां के लोगों की खुशहाली और आनंद को महत्व दिया जाता है।आइये जानते है भूटान के टॉप दर्शनीय स्थलों के बारे में...

Vertika Sonakia
Published on: 23 Jun 2023 10:35 AM IST
Bhutan: घूमने के हैं शौक़ीन तो करिए भूटान की यात्रा सस्ती और बेहद खास, यहां जाने सभी डिटेल्स
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Bhutan (Photo: Social Media)

Bhutan: भूटान, दक्षिण एशिया में स्थित एक देश है। यह भारत के पश्चिम में स्थित है और उत्तर, पूर्व और दक्षिण में चीन (तिब्बत) से सीमित है। भूटान एक बौद्ध राष्ट्र है और अपनी संविधानिक मॉनर्की वाली एक संविधानिक लोकतांत्रिक देश है। भूटान की राजधानी थिम्फू है और यह देश की सबसे बड़े शहर भी है। भूटान की अधिकांश जनसंख्या मानसीकता धारण करने वाले लोगों से मिलकर बनी हुई है, जिन्हें "द्रुक्पा" भी कहा जाता है। यहां की मुख्य भाषा द़्जोंखा है, लेकिन हिन्दी और अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है।

भूटान का आधिकारिक धर्म बौद्ध धर्म है और यह धर्म देश की सभी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालता है। भूटान को "ग्रॉस नेशनल हैपिनेस" देश भी कहा जाता है क्योंकि यहां के लोगों की खुशहाली और आनंद को महत्व दिया जाता है।आइये जानते है भूटान के टॉप दर्शनीय स्थलों के बारे में-

1) थिम्फू: थिम्फू, भूटान की राजधानी है। यह देश का सबसे बड़ा और महत्वपूर्णतम शहर है। थिम्फू पश्चिमी भूटान में परो नदी के तट पर स्थित है। थिम्फू एक पहाड़ी शहर है और यह अपनी सुंदर प्राकृतिक दृश्यों, पारंपरिक भूटानी संस्कृति और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर्यटकों को भूटानी मन्दिर, दशोंग लखंग, थ्रोंगथ्रांग और ताशिच्हो दशोंग देखने का अवसर मिलता है।

थिम्फू के दर्शनीय स्थल: थिम्फू शहर के महत्वपूर्ण स्थानों में भूटान के राजभवन, ताशिच्हो दशोंग (प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास), नेशनल मेमोरियल छठी देशक जिगमे दोर्जी वंगचुक के स्मारक, बुद्ध ध्वज रोलंग खाँची और सिलाय लेप शिल्पी बाजार शामिल हैं। थिम्फू में भी विभिन्न दुकान, बाजार और रेस्टोरेंट्स हैं जहां आप स्थानीय भोजन और शॉपिंग का आनंद ले सकते हैं।

2) जाकर: जाकर भूटान का एक छोटा शहर है जो भूटान के मध्य भाग में स्थित है। भूटान एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो पूर्वी हिमालय में स्थित है। यहाँ हिंदी, दूसरी बोली जाने वाली भाषाओ में से एक है। हिंदी भूटान की आधिकारिक भाषा नहीं है, लेकिन इसका असर और थोड़ा ज्ञान भूटान और भारत के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के कारण कुछ क्षेत्रों में मौजूद हो सकता है।

कुछ क्षेत्रों में, जैसे जाकर, हिंदी बोलने वाले निवासियों या हिंदी के ज्ञान वाले व्यक्ति हो सकते हैं। इसका कारण भूटान और भारत के बीच सीमा पार के संवाद, वाणिज्यिक व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हो सकता है। ध्यान देने योग्य है कि भूटान की आधिकारिक भाषा ज़ोंगखा है। जाकर भूटान के लिटिल स्विट्ज़रलैंड के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस शहर में आपको अनेक बौद्ध तीर्थ स्थल देखने को मिलेंगे जो यहाँ आये यात्रियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।

जाकर के दर्शनीय स्थल: योगेन चोलिंग पैलेस म्यूजियम, जाम्बे ल्हाखंग मंदिर, जाकर मोनास्ट्री, वांगडुएच्छायलिंग पैलेस।

3) फुंत्शोलिंग: फुंत्शोलिंग भूटान एक नगरीय क्षेत्र है जो भूटान के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह भारत की सीमा से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां तकरीबन 40,000 से अधिक लोग रहते हैं।
फुंत्शोलिंग एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र है और भूटान के अन्य हिस्सों के लिए एक मुख्य प्रवेश द्वार का कार्य करता है। यह भारतीय राज्य वेस्ट बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के पास स्थित है। फुंत्शोलिंग में विभिन्न पर्यटन स्थल हैं, जहां आप भूटान की स्थानीय संस्कृति, धर्म, और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।

यहां आप बुद्ध विहारों, मंदिरों, बाजारों, और दरगाहों का भी दौरा कर सकते हैं। फुंत्शोलिंग भूटान और भारत के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां भूटान और भारतीय वस्त्र, खाद्य पदार्थ, वस्त्र और अन्य वस्त्र उत्पादों की खरीदारी की जा सकती है।

फुंत्शोलिंग के दर्शनीय स्थल: भूटान गेट, आमो छू गढ़ियाल ब्रीडिंग सेंटर, जंगतो पेलरी पार्क, करबंदी मोनास्ट्री, तोर्सा नदी, फुएन्त्शोलिंग बाजार, फुएन्त्शोलिंग विएवस्पॉइन्ट, फुएन्त्शोलिंग पार्क।


4) पुनाखा: पुनाखा भूटान का एक गाँव है जो भूटान के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह भूटान की राजधानी ठिम्फू से लगभग 72 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पुनाका भूटान का पुराना राजधानी भी था और वर्तमान में भी यहां प्रशासनिक महत्वपूर्ण संस्थाएं स्थित हैं। पुनाखा भूटान अपने प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महल और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पुनाखा दशा नामक एक प्रमुख महल है, जो महारानी पुनाका देवी की स्मृति में बनाया गया है। यह महल पुनाका घाटी में अवस्थित है और यहां से आप पुनाखा झील का भी आनंद ले सकते हैं।

पुनाखा में एक मशहूर धार्मिक स्थल है जिसे पुनाका देशोंगछोलिंग कहा जाता है। यह धार्मिक स्थल भूतानी विश्वास के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण है और यहां परंपरागत पूजा-अर्चना की जाती है। पुनाखा भूटान का मौसम शानदार होता है और यह भ्रमण करने के लिए बहुत सुरुचिपूर्ण स्थान है।

पुनाखा के प्रमुख दर्शनीय स्थल: पुनाखा सस्पेंशन ब्रिज, मो छू नदी, चिमी ल्हाखंग मोनास्ट्री, राफ्टिंग और कयाकिंग।

5) भूमथांग:भूमथांग भूटान भूटान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो ख्यातिप्राप्त हिमालयी पहाड़ियों में स्थित है। यह भूटान के मध्यीय भाग में स्थित है और भूटान की 20 डिज़्ट्रिक्ट्स में से एक है। भूमथांग एक प्राचीन स्थान है जिसे "भू-थांग" के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है "छोटी प्लेटौ"। यहां कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल और मंदिर स्थित हैं जिनमें से कुछ हैंग्ब्री लखंग, जम्बे लखंग और कुर्जे लखंग हैं।

भूमथांग को एक आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, और यह भौगोलिक रूप से भी सुंदर है। यहां प्रकृति के आश्चर्य समाहित हैं, जिसमें शानदार घाटियों, झरनों, नदियों और पहाड़ों का आकर्षण है। इसके अलावा, यहां विभिन्न प्रकार की पर्यटन गतिविधियां भी होती हैं, जैसे ट्रेकिंग, हाइकिंग, फिशिंग और वन्यजीवन सफारी।

भूमथांग के दर्शनीय स्थल: जाम्बे ल्हाखंग मोनास्ट्री, वांगडुएच्छायलिंग पैलेस मीयूज़ियम, मेंबर त्शो झील, टांग घाटी और अन्य बौद्ध मोनास्ट्री।

6) फोबजीखा: फोबजीखा भूटान का एक पर्यटन स्थल है, जो पश्चिमी भूटान में स्थित है। यह थिम्पू नगरसभा से लगभग 25 किलोमीटर दूर है और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक छोटा गांव है।
फोबजीखा गांव बाहरी दुनिया से अलग होने के कारण अपनी प्रकृतिक आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है। यह गांव हिमालयी वनों और खुले मैदानों के आस-पास स्थित है, जिसमें विविध प्रकार के पेड़-पौधे, फूल और वन्य जीवों का विशाल संग्रह है।

यह एक आदिवासी गांव है और इसकी स्थानीय आबादी ड्रुक्पा नामक जाति से संबंधित है, जो अपनी परंपरागत जीवनशैली और सदियों से चली आ रही संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं।
फोबजीखा अपने धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यहां परंपरागत भूतानी बौद्ध मंदिर हैं, जहां स्थानीय लोग धार्मिक अनुष्ठानों को संभालते हैं। इसके अलावा, यहां कई धर्मिक और सांस्कृतिक आयोजन भी होते है।

फोबजीखा के दर्शनीय स्थल: गंगटे गोम्बा मोनास्ट्री, गंगटी नेचर ट्रेल्स, नयेलुंग देचेनलिंग मंदिर, खेवंग ल्हाखंग।

7) वांगडू फोड़ांग: वांगड़ू फोड़ांग भूटान के पश्चिमी भाग में स्थित एक छोटा गांव है। यह गांव फोड़ांग नदी के किनारे स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। यह गांव वन्य जीवों, घाटियों, झरनों और हरे-भरे मैदानों की प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है।

वांगड़ू फोड़ांग भौगोलिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इसकी प्राकृतिक वातावरण शांतिपूर्णता और चैरम भारतीय पर्यटकों के लिए आकर्षकता बनाती है। यहां आप प्रकृति के साथ समय बिता सकते हैं, घाटियों में ट्रेकिंग और हाइकिंग का आनंद ले सकते हैं और नदी में फिशिंग कर सकते हैं। वांगड़ू फोड़ांग में आपको स्थानीय कला, संस्कृति और जीवनशैली का भी अनुभव मिलेगा।

वांगडू फोड़ांग के दर्शनीय स्थल: जिगंने सिंग्ये वांगचुक नेशनल पार्क, फोब्जीखा घाटी, श रादप मंदिर, गॉसलीओ और नाही गाँव रिंचेगांग गाँव।

8) त्राशीगांग: त्राशीगांग भूटान का एक जिला है जो भूटान के पूर्वी भाग में स्थित है। यह भूटान की सबसे पूर्वी और सबसे बड़ी जिला है। त्राशीगांग शहर त्राशीगांग नदी के किनारे स्थित है और पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों और घाटियों से घिरा हुआ है।

त्राशीगांग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां परंपरागत भौगोलिक स्थलों और पुराने मंदिरों की अवशेषों की विशाल संख्या है। त्राशीगांग दुर्ग, रादी लखंग और चोरतें नदी के किनारे स्थित छोटे-छोटे मंदिर इस जिले के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं।

यहां आपको धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों का भी अनुभव मिलेगा। त्राशीगांग जिले में धार्मिक त्योहारों, मेलों और परंपरागत आयोजनों को मनाने का एक विशेष माहौल है। यहां के स्थानीय लोग भौतिक और आध्यात्मिक आनंद का आनंद लेते हैं और परंपरागत गानों, नृत्यों और रंगमंच प्रदर्शनों के माध्यम से।

त्राशीगांग में दर्शनीय स्थल: मेराक घाटी, त्राशीगांग द्ज़ोंग फोर्ट्रेस, चोरटेन कोरा मोनास्ट्री।

भूटान का मुख्य भोजन

1) एमा दात्सी: एमा दात्सी भूटान की प्रमुख प्रशंसित भौजन है, जिसे हिंदी में "एमा दात्सी" कहा जाता है। यह भूटानी खाना है जो मुख्य रूप से चिल्ली और पनीर (दात्सी) से तैयार किया जाता है। यह भौजन भूटान की स्थानीय रसोईघरों में बड़ी प्रसिद्धता हासिल कर चुका है और अब विदेशों में भी लोकप्रिय हो चुका है।

एमा दात्सी को तैयार करने के लिए चिल्ली को तलकर और फिर दात्सी के साथ मिश्रित किया जाता है। दात्सी एक पनीर की तरह होता है, जो उबले दूध से बनाया जाता है। यह मिश्रण गरम चाव प्रदान करता है और भूटानी भोजन का मुख्य तत्व है। एमा दात्सी एक गरम और तीखा व्यंजन है जिसे भूटानी रोटी, चावल या दाल के साथ परोसा जाता है। यह व्यंजन भौजन में तीखापन और मधुरता का संयोजन है और यह भूटानी खाने का एक अद्वितीय स्वाद प्रदान करता है।

2) फाक्सा पा: फाक्सा पा भूटानी खाने का एक प्रमुख व्यंजन है, जिसे हिंदी में "फाक्सा पा" कहा जाता है। यह भूटान की लोकप्रिय मांस व्यंजनों में से एक है। फाक्सा पा को तैयार करने के लिए सूअर का मांस (पाँडा) और हरी मिर्चों का उपयोग किया जाता है। मांस को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और फिर इसे तलते समय हरी मिर्चों के साथ मिलाया जाता है। इस व्यंजन को धीमी आंच पर पकाया जाता है ताकि मांस अच्छी तरह से पक जाए और उसकी गंध और स्वाद निखरे।

फाक्सा पा एक मसालेदार और मजेदार व्यंजन होता है और इसे भूटानी चावल या रोटी के साथ परोसा जाता है। यह व्यंजन भौजन में भारतीय स्वाद को याद दिलाता है और धनिया, जीरा, हल्दी और अन्य मसालों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। फाक्सा पा आपको भूटानी मांस व्यंजन के अनुभव का एक मजेदार और ताजगी स्वाद प्रदान करता है।

3) जाशा मारू: जाशा मारू भूटानी खाने का एक प्रमुख व्यंजन है, जिसे हिंदी में "जाशा मारू" कहा जाता है। यह भूटान की प्रसिद्ध मांस व्यंजनों में से एक है। जाशा मारू एक मांसीय स्टू या करी होती है, जिसमें अकेले या अलग-अलग मांस के टुकड़ों को उपयोग किया जाता है। यह मांस गोसाती (प्रदेशीय स्टू मिक्स) के साथ मिश्रित किया जाता है, जो एक गोलगप्पा जैसी बनाई जाती है। जाशा मारू में धनिया, जीरा, हल्दी और अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है ताकि यह मांस गंधवाली और स्वादिष्ट हो।

जाशा मारू को धीमी आंच पर पकाया जाता है ताकि मांस मुलायम और सुप्रसन्न रहे। यह व्यंजन भौजन में भूटानी चावल, रोटी या रोटी के साथ परोसा जाता है। जाशा मारू गोसाती के गार्लिक, प्याज़ और अन्य स्वादिष्ट स्वाद के साथ युक्त होती है और इसे भूटानी भोजन का एक अद्वितीय और मजेदार तत्व माना जाता है।

4) लापिंग: लापिंग एक प्रसिद्ध भूटानी स्ट्रीट फूड है, जिसे हिंदी में "लापिंग" कहा जाता है। यह एक शाकाहारी व्यंजन है और मुख्य रूप से व्यंजन में पेटिस, नूडल्स और मसाले का उपयोग किया जाता है। लापिंग भूटान की व्यापारिक और सड़क भोजन संस्कृति का प्रतिष्ठित हिस्सा है और यह भूटान के बाजारों और सड़कों पर आसानी से मिल जाता है।

लापिंग को तैयार करने के लिए पेटिस को सूखी बांस में भरकर गरम पानी में भिगो दिया जाता है। इसके बाद, भिगोए हुए पेटिस को पतले नूडल्स के साथ मिलाया जाता है। यह मिश्रण गरम मसाले, चटनी, सोया सॉस और अन्य संघटकों के साथ मिलकर बनाया जाता है।

लापिंग एक ठंडे मसालेदार और प्रचंड व्यंजन होता है जिसे ताजे धनिये पत्ते, प्याज़ और टमाटर के साथ गर्म सर्विंग किया जाता है। इसका स्वाद टिक्का, चटपटा और मसालेदार होता है। यह भूटानी स्ट्रीट फूड के रूप में लोकप्रिय है।

5) थुक्पा: थुक्पा एक प्रमुख तिब्बती व्यंजन है, जिसे हिंदी में "थुक्पा" कहा जाता है। यह एक गर्म सूप होता है जिसमें नूडल्स, सब्जियाँ और मांस या मछली का उपयोग किया जाता है। थुक्पा तिब्बती रसोईघरों में प्रमुखता से प्रयुक्त होता है और विभिन्न देशों में भी लोकप्रिय है।

थुक्पा को तैयार करने के लिए सबसे पहले ब्रॉथ या सूप को बनाया जाता है। इसमें मसाले, प्याज़, टमाटर, सब्जियाँ और अन्य सामग्री उपयोग की जाती है। इसके बाद, थुक्पा में नूडल्स डाले जाते हैं और विभिन्न प्रकार के मांस (जैसे चिकन, मटन या गोश्त) या मछली के टुकड़े जोड़े जाते हैं।

थुक्पा एक स्वादिष्ट और पोषणपूर्ण व्यंजन होता है जिसे ताजे धनिये पत्ते, नींबू और अदरक के टुकड़ों के साथ परोसा जाता है। इसका स्वाद गरम मसालों और आमतौर पर धनिया-पुदीने के साथ युक्त होता है। थुक्पा गर्म सूप के रूप में सर्विंग किया जाता है और ठंडे मौसम में फायदेमंद होता है।

कैसे पहुंचे भारत से भूटान

भारत से भतन पहुंचने का सदाबसे प्रमुख तरीका हवाई जहाज़ जके माध्यम से है। भूटान देश में एक ही अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है पारो और इसे पारो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा के नाम से जाना जाता है।



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