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Vijayawada Tourist Places: विजयवाड़ा में धार्मिक और कलात्मक पर्यटन का लुत्फ उठाएं, आइये जाने सब कुछ डिटेल में
Vijayawada Famous Tourist Places: आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर कृष्णा जिले में स्थित विजयवाड़ा एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। विजयवाड़ा शब्द का मतलब होता है “जीत की भूमि” । विजयवाड़ा शहर पुराने और आधुनिक वास्तुकला को दर्शाता है । यहां कई दर्शनीय स्थल हैं
Vijayawada Famous Tourist Places: आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर कृष्णा जिले में स्थित विजयवाड़ा एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। विजयवाड़ा शब्द का मतलब होता है “जीत की भूमि” । वैसे इस शहर का नाम यहां स्थित देवी कनक दुर्गा, जिसे विजया के नाम से भी जाना जाता है , के नाम पर रखा गया है। इस शहर का पुराना नाम बेजवाड़ा है। आज यह विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश राज्य का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और व्यवसायिक केंद्र है।
इस शहर का बहुत ऐतिहासिक महत्व है ।यहां 19 वीं शताब्दी में उड़ीसा के गजपति राजासे लेकर पूर्वी चालुक्यों और विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्णदेव राय तक कई राजाओं की कहानियां जुड़ी हैं। विजयवाड़ा शहर पुराने और आधुनिक वास्तुकला को दर्शाता है । यहां कई
दर्शनीय स्थल हैं , जिनमें प्रमुख हैं :
कनक दुर्गा मंदिर :
माँ दुर्गा को समर्पित यह स्थान भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक जीता जागता नमूना है। यह मंदिर कृष्णा नदी के किनारे इंद्रकीलाद्री पहाड़ियों के बीच स्थित है और रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर है। नवरात्रि के दौरान यहां काफी भीड़ रहती है। संध्या आरती के समय मंदिर में टिकट लेकर कनक दुर्गा मां के समीप खड़े होकर एक अलग अनुभूति होती है।
मंदिर में दर्शन के लिए मंदिर ट्रस्ट ने समय और नियम बनाए हैं जो उनकी वेबसाइट से बुक कर सकते हैं।
उनादल्ली गुफाएं
5 वीं सदी की बनी ये गुफाएं भारतीय रॉक-कट वास्तुकला का अच्छा उदाहरण हैं। ये गुफाएं आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में स्थित हैं। बलुआ पत्थर से निर्मित ये गुफाएं पर्यटकों को काफी आकर्षित करती हैं । प्राचीन काल में मूल रूप से ये जैन गुफाओं के कारण मशहूर था बाद में यह हिंदू मंदिर से विख्यात हो गया। इन गुफाओं के पीछे बहती कृष्णा नदी में नाव की सवारी का मजा ले सकते हैं।
कोंडापल्ली किला
14 वीं शताब्दी का यह किला है विजयवाड़ा के पास गुंटूर जिले के कोंडापल्ली गाँव में स्थित है। यह गांव लकड़ी के खिलौनों खासकर कोंडापल्ली गुड़िया के लिए मशहूर है।
मुसुनुरी नायक द्वारा बनाए गए इस किले को कोंडापल्ली कोटा के नाम से भी जाना जाता है। अधिकतर लोग यहां एक दिन का पिकनिक मनाने आते हैं।
मोगलाराजपुरम गुफाएं
इन प्राचीन गुफाओं का निर्माण 5वीं शताब्दी में हुई थी और अभी ये खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं।ऐसा कहा जा सकता है की अब ये विजयवाड़ा की विरासत स्थलों में से एक हैं। इन गुफाओं में आज भी नटराज और गणपति की मूर्तियां है और इसके अलावा कई गुफा में दुर्गा देवी की भी प्रतिमा है। इसलिए इन गुफाओं का आज भी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है।
सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर
यह मंदिर इंद्रकीलाद्री पहाड़ियों के नीचे स्थित है। इस मंदिर में भगवान सुब्रमण्य के तीन रूपों - श्री दंडायुधपनी स्वामी, श्री वल्ली देवयानई और नाग के रूप की पूजा की जाती है। यह मंदिर खास कर भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस मंदिर में चांदी से बना गरुड़ स्तंभ है जो भक्तों को एक अलग धार्मिक एहसास दिलाता है। कुमारधारा नदी में स्नान कर भक्त पीछे के प्रवेश द्वार से मंदिर में जाते हैं।
हिनकर तीर्थ (जैन मंदिर)
यह मंदिर जैनियों के सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक है। यहां संगमरमर पर जैन शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है।
सेंट मैरी चर्च
ईशु की मां मैरी को समर्पित यह चर्च विजयवाड़ा में ईसाइयों का एक बड़ा तीर्थस्थल है। यह चर्च कृष्णा जिले की पहाड़ियों के बीच स्थित है। पहाड़ी की चोटी पर लोहे का एक क्रॉस है जो भक्ति भाव को दर्शाता है। हर साल फरवरी के महीने में यहां लेडी ऑफ लूर्डेस का वार्षिक पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुनाडाला स्थित इस मैरी चर्च में लेडी ऑफ लूर्डेस की उपस्थिति में कई बीमारियों का चमत्कारिक शक्तियों द्वारा इलाज संभव है। यही आस्था दूर दूर से लोगों को इस दौरान यहां खींच लाती है। यहां हर धर्म, वर्ग और समुदाय के लोग बिना भेदभाव के आते हैं और आशीर्वाद लेकर जाते हैं।
अमरावती
गुंटूर जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित यह शहर आंध्र प्रदेश की राजधानी है। भारत में यह एक बौद्ध धर्म का तीर्थस्थल है। अमरावती को भगवान का निवास स्थान भी कहा जाता है। कभी यह सतवाहन राज्य के तेलुगु राजाओं की प्राचीन राजधानी थी। यहां सम्राट अशोक के शासनकाल में एक महान बौद्ध स्तूप का निर्माण किया गया था जिसे देखने कई पर्यटक आते हैं ।
प्रकाशम बैराज
कृष्णा नदी पर करीब 160 खंभों पर टिका यह पुल कोलकाता-चेन्नई राजमार्ग को जोड़ने के साथ कृषि भूमि की सिंचाई की सुविधा भी प्रदान करता है। रात के समय पूरे पुल पर पीली रोशनी दर्शकों को आकर्षित करती है।
राजमंड्री
19 वीं शताब्दी में चालुक्य राजा , राजा नरेंद्र द्वारा इस शहर को स्थापित किया गया था। इस शहर का नाम राजामहेंद्री या राजमहेंद्रवरम रखा गया था, लेकिन लोग इसे अब राजामुंदरी या राजमंड्री के नाम से जानते हैं। यह राजमुंद्री आंध्रप्रदेश के पूर्व और पश्चिम गोदावरी जिले का सबसे बड़ा शहर है । आंध्रा के लोग इसे ‘तेलुगु’ भाषा का जन्म स्थान मानते हैं । इस शहर को आंध्र प्रदेश की ‘सांस्कृतिक राजधानी’ भी कहा जाता है।
रामलिंगेश्वर स्वामी मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर विजयवाड़ा के दक्षिण-पूर्व कोने में एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। महाशिवरात्रि और श्रावण महीने में यहां तीर्थयात्रियों की भीड़ देखी जा सकती है। इस पहाड़ी से पूरे शहर और कृष्णा नदी के दृश्य को देखा जा सकता है।
हजरत बल मस्जिद
विजयवाड़ा स्थित इस मस्जिद में हर दिन हजारों की संख्या में लोग दुआ करने आते हैं। लोगों का मानना है कि यहां के अवशेष देखने मात्र से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
गांधी स्तूप
यह स्तूप विजयवाड़ा के गांधी पहाड़ी पर स्थित है। सात स्तूपों से निर्मित यह भारत का पहला गांधी स्मारक है। 52 फीट ऊंची यह स्मारक पहाड़ी पर 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस स्मारक में एक लाइब्रेरी, तारामंडल और एक लाइट एंड साउंड शो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
सूर्यलंका बीच:
विजयवाड़ा से 92 किमी दूर गुंटूर जिले में यह बीच स्थित है जिसे लोग बापटला बीच के नाम से भी जानते हैं। ज्यादातर लोग यहां छुट्टियों में सनराइज का मजा लेने आते हैं। इस समुद्र तट का प्रमुख आकर्षण नवंबर महीने में देखी जाने वाली डॉल्फिन है ।
चंदवारम
यह एक बौद्ध स्थल है जो विजयवाड़ा से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यह स्थल एक दोहरा सीढ़ीदार स्तूप है जो सिंगारकोंडा जिसे सुंदर पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है पर एक दर्शनीय स्थल है। चैत्यगृह और विहार भी यहां आपको देखने को मिलेगा।
अक्कान्ना और मदन्ना की गुफाएं
इंद्रकीलाद्री की पहाड़ियों में स्थित अक्कन्ना और मदन्ना की गुफाएं छठीं या 7 वीं शताब्दी की हैं। इन गुफाओं के ऊपर प्रसिद्ध कनक दुर्गा मंदिर विराजमान है। इस मंदिर के दर्शन के दौरान इन गुफाओं को घूम सकते हैं।
विक्टोरिया जुबली संग्रहालय
1887 में स्थापित विक्टोरिया जुबली संग्रहालय एक पुरातात्विक संग्रहालय है जो विजयवाड़ा स्टेशन से 16 किमी की दूरी पर स्थित है। इस संग्रहालय में कई पुराने उपकरण, कपड़े, मिट्टी के बर्तन, पत्थर और तांबे की प्लेट, सोने और चांदी के सिक्के, हथियार, पांडुलिपियां आदि जैसे कई खुदाई से प्राप्त वस्तुओं का संग्रह देखने को मिलेगा।
इसके अलावा विजयवाड़ा में पर्यटक बच्चों के साथ सिबर डिज़नी लैंड का आनंद ले सकते हैं।आर्टिफिशियल वॉलकेनो पार्क भी यहां का एक आकर्षण केंद्र है।
कैसे पहुंचें ?
विजयवाड़ा का अपना एयरपोर्ट है और यह रेल मार्ग से भी कई शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां आकर लोकल सवारी के अलावा टैक्सी बुक करके भी शहर के पर्यटक स्थलों का घूमने का आनंद लिया जा सकता है।
यहां सितंबर से मार्च तक का मौसम पर्यटकों के लिए सुहावना रहता है।
( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)