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अभिजीत बनर्जी को मिला नोबेल पुरस्कार, जानें कौन हैं ये...
अर्थशास्त्र की दुनिया में अपना सिक्का जमाने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्र अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
स्वीडन: अर्थशास्त्र की दुनिया में अपना सिक्का जमाने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्र अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अभिजीत के साथ उनकी पत्नी एस्टर डफ्लो और उनके सहयोगी माइकल क्रेमर को भी इस सम्मान से सम्मानित किया गया। भारत के निवासी और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और उनके साथियों को दुनिया से गरीबी खत्म करने के प्रायोगिक दृष्टिकोण के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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फंक्शन में अभिजीत बनर्जी बंदगला कोर्ट और धोती पहने नजर आए, और उनकी पत्नी एस्टर डफ्लो ने नीले रंग की साड़ी पहनी। वहीं उनके सहयोगी सूट पहनकर अवार्ड लेने पहुंचे। इस पुरस्कार में तीनों विनर्स के बीच 9 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 6।5 करोड़ रुपये) की राशि दी गई है।
अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ था। अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अमर्त्य सेन के बाद दूसरे भारतीय बन गए हैं। सेन की तरह, बनर्जी भी प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व छात्र हैं, जो अब प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय है।
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जबकि दंपति, बनर्जी और डुफ्लो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अर्थशास्त्र के विभाग में प्रोफेसर हैं, और क्रेमर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं। अभिजीत बनर्जी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रह चुके हैं।
जानें उनकी पूरी कहानी
अभिजीत बनर्जी का जन्म 21 फरवरी, 1961 को हुआ। उन्होंने कलकत्ता विश्विद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय (JNU) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने 1988 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
अभिजीत बनर्जी की माता का नाम निर्मला बनर्जी और पिता का नाम दीपक बनर्जी हैं। उनकी माता कलकत्ता में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर थीं और पिता दीपक बनर्जी कलकत्ता के प्रेसिडेंट कॉलेज में प्रोफेसर थे। इसके साथ ही वह अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख भी थे।
अभिजीत बनर्जी ब्यूरो ऑफ रिसर्च इन द इकनॉमिक एनालिसिस ऑफ डेवलपमेंट, NBER के रिसर्च एसोसिएट, सीईपीआर के रिसर्च फेलो, कील इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल रिसर्च फेलो, अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के अध्यक्ष हैं। इकनॉमेट्रिक सोसाइटी, गुगेनहेम फेलो, अल्फ्रेड पी स्लोन फेलो और इंफोसिस प्राइज के विजेता रहे हैं। अभी अभिजीत मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। वह अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर हैं।
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अभिजीत ने बड़ी संख्या में लेख लिखे हैं। इसके साथ ही उन्होंने चार पुस्तकें भी लिखी हैं जिसमें उनकी पुअर इकनॉमिक्स शामिल है। अभिजीत की इस पुस्तक ने गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता है।
वे दो डॉक्यूमेंटरी फिल्मों के निर्देशक भी हैं। उन्होंने यूएन के महासचिव के पद-2015 विकास एजेंडा पर प्रख्यात व्यक्तियों के उच्च-स्तरीय पैनल में भी काम किया है।