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कोरोना ने सिखा दिए नए-नए शब्द
आज जहां देखिये, बस कोरोना है। टीवी, व्हाट्सप, फेसबुक, अखबार, टिकटॉक, शेयरचैट जहां भी देखो-सुनो-पढ़ो सिर्फ कोरोना। सच्चाई है कि कोरोना वायरस के फेर में कुछ नए शब्द हर एक की आम भाषा का हिस्सा बन गए हैं।
नीलमणि लाल
लखनऊ। आज जहां देखिये, बस कोरोना है। टीवी, व्हाट्सप, फेसबुक, अखबार, टिकटॉक, शेयरचैट जहां भी देखो-सुनो-पढ़ो सिर्फ कोरोना। सच्चाई है कि कोरोना वायरस के फेर में कुछ नए शब्द हर एक की आम भाषा का हिस्सा बन गए हैं।
कोविड-19
सबसे पहले है कोविड-19। इसका मतलब है कोरोना वायरस डिजीज 2019 यानी वह बीमारी जो कोरोना वायरस के कारण 2019 के अंत में फैलनी शुरू हुई। इस वायरस का पूरा नाम है सार्स-कोव-2। कोरोना वायरस एक व्यापक शब्द है।
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लॉकडाउन : दुनिया के तमाम देशों ने लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है। लॉकडाउन के दौरान बेवजह घर से बाहर निकलने पर रोक होती है। ट्रांसपोर्ट, बाजार इत्यादि सब बंद होते हैं। इसका उद्देश्य होता है कि लोग बाहर न निकलें, कहीं भीड़ एकत्र होने का मौका ही न मिले। सबसे पहले जनवरी में चीन के वुहान से लॉकडाउन की खबर आई थी।
सोशल डिस्टैन्सिंग
सोशल डिस्टैन्सिंग : आज ये शब्द हर जुबान पर है। सोशल डिस्टेन्सिंग यानि एक दूसरे से दूरी। कोरोना वायरस से बचना है तो लोगों से कम से कम एक मीटर और मुमकिन हो तो दो मीटर का फासला रखें। यही सोशल डिस्टेन्सिंग है। जितना दूर रहेंगे, वायरस पकड़ने की आशंका उतनी ही कम होगी।
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क्वॉरंटीन
क्वॉरंटीन : आम तौर पर ये शब्द कभी कभार किसी संक्रामक रोग के फैलने पर सुनने में आता था। इस शब्द का मतलब होता है किसी को अलग थलग रखना। अगर किसी पर कोरोना वायरस के संक्रमण का शक हो तो उसे 14 दिन के लिए अलग रखा जाता है ताकि वह किसी और को इन्फेक्ट ना कर सके। आज ये शब्द बच्चा बच्चा जानता है।
सेल्फ आइसोलेशन
सेल्फ आइसोलेशन : इसका मतलब है कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो लक्षण दिखने का इंतजार ना करें बल्कि कुछ दिनों के लिए अपने आप ही खुद को दूसरों से अलग कर लें। इसे सेल्फ आइसोलेशन कहते हैं।
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पेंडेमिक
पेंडेमिक: पेंडेमिक यानी ऐसी महामारी जो पूरे विश्व में फैल गई हो। इस वक्त दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं है जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला ना हो। इसके उलट, एपीडेमिक किसी एक सीमित क्षेत्र में फैलने वाली बीमारी होती है।
आउटब्रेक
आउटब्रेक : किसी बीमारी का अचानक से फैल जाने को आउटब्रेक कहते हैं। 2020 के शुरू होते ही इस वायरस का जगह जगह फैलना शुरू हो गया था। महज तीन महीनों में यह वायरस पांच लाख लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है।
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वर्क फ्रॉम होम : बीमारी को फैलने से रोका जा सके इसलिए लोगों को अपने घर से काम करने को कहा गया है। इससे एक व्यक्ति से दूसरे में वायरस फैलने से रोका जा सकेगा।
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