TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मंगल-बृहस्पति के बीच छह क्षुद्रग्रहों की खोज, मिला था 27 ग्रहों का एक हिस्सा

उसके बाद आधिकारिक तौर माइनर प्लेनेट द्वारा सूचीबद्ध किया जा सकता है। कलाम सेंटर के संस्थापक श्रीजन पाल सिंह ने कहा, इन क्षुद्रग्रहों को जानने और उनकी मैपिंग करने के लिए बहुत जरुरी तत्व हैं।

Newstrack
Published on: 23 Dec 2020 2:36 PM IST
मंगल-बृहस्पति के बीच छह क्षुद्रग्रहों की खोज, मिला था 27 ग्रहों का एक हिस्सा
X
मंगल-बृहस्पति के बीच छह क्षुद्रग्रहों की खोज, मिला था 27 ग्रहों का एक हिस्सा

लगन और मेहनत से कुछ भी पाया जा सकता हैं।एक अलग मुकाम हासिल किया जा सकता हैं। यही मेहनत और लगन पुणे के दो स्कूली छात्रों ने दिखाया और अपने मेहनत के दम पर खगोल विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की हैं। इन स्टूडेंट छह क्षुद्रग्रहों की खोज की हैं। अंतरिक्ष में खोजे गए इन छह क्षुद्रग्रहों के रिसर्च में पाया की ये छह क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष में पाएं कुल 27 क्षुद्रग्रहों का एक हिस्सा थे।

9 नवंबर से 3 दिसंबर को किया गया आयोजन

कलाम सेंटर और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलैबोरेशन में रखे गए आयोहन के द्वारा क्षुद्रग्रह खोज अभियान में इन स्टूडेंट ने अपनी सफलता को अंजाम दिया।विश्वव्यापी कार्यक्रम जिसका आयोजन 9 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच में किया गया था। इस आयोजन में 22 प्रतिभागियों को नियुक्त किया गया था।

Asteroids 2

स्कूल के द्वारा विज्ञप्ति जारी किया गया

चुने हुए प्रतिभागियों को मंगल और बृहस्पति के बीच धरती के समीप डेटा और स्पॉट संभावित क्षुद्रग्रहों का विश्लेषण के लिए उन प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया था। सब ने साथ में मिलकर 7 प्रारंभिक क्षुद्रग्रहों की खोज की। पुणे के लोहेगांव में विखे पाटिल स्कूल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, छह प्रारंभिक क्षुद्रग्रहों की पहचान करने वाले छात्रों का नाम आर्य पेल्ट और श्रेया वाघमारे है।

ये भी पढ़ें… सेना का बड़ा हादसा: खाई में गिरा वाहन, तीन जवानों की मौत, कर्नल के बेटे ने तोड़ा दम

श्रीजन पाल सिंह ने कहा मैपिंग जरुरी हैं

मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच मध्य मुख्य बेल्ट में पाए गए क्षुद्रग्रहों को लेकर शुरुआती खोज हुई। आपको बता दें, क्षुद्रग्रहों को आमतौर पर 5 वर्ष का समय लगता है। उसके बाद आधिकारिक तौर माइनर प्लेनेट द्वारा सूचीबद्ध किया जा सकता है। कलाम सेंटर के संस्थापक श्रीजन पाल सिंह ने कहा, इन क्षुद्रग्रहों को जानने और उनकी मैपिंग करने के लिए बहुत जरुरी तत्व हैं। इसकी वजह से ग्रह के चारों ओर की चट्टानों की भी जानकारी मिलेगी।

ये भी पढ़ें… सेना के फौजियों को फंसाने वाली हनी, सामने आया इसका ये काला सच

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story