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गोरखपुर: कुछ इस तरह एक हुए वर्षों से बिछड़े 15 जोड़े

आज इस कोर्ट में 14 जोड़ो के साथ एक बकील भी थे, यानी वाकी का जोड़ा भी लेकिन वो कैमरे के सामने नहीं आये, लेकिन आज वो भी इस कोर्ट से एक होकर गए।

Shivakant Shukla
Published on: 9 March 2019 2:44 PM GMT
गोरखपुर: कुछ इस तरह एक हुए वर्षों से बिछड़े 15 जोड़े
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गोरखपुर: कोर्ट कचहरी का नाम आते ही, लोग सहम से जाते है, क्योकि यहा सिर्फ सजा और इंसाफ ही मिलता है, और यहा इंसाफ की आस में आते है, लेकिन गोरखपुर के दीवानी कचहरी में आज एक साथ 15 जोड़ो को एक कर दिया गया, और उनके मुरझाये चेहरे पर आज खुशी ला दी गई है, और वो ख़ुशी ख़ुशी अपने घर अपने बिछड़े हुए जोड़े के साथ चले गए।

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गोरखपुर दीवानी में परिवार न्यायालय में आज एक साथ 15 जोड़ो को एक कर दिया गया, ये वो जोड़े है, जो किसी न किसी मदभेद या किसी कारण वश एक दुसरे से अलग हो गए थे, और अलग अलग रह रहे थे, कोई चार साल से कोई दो साल से तो कोई एक साल से और सभी का मामला परिवार न्यायालय में चल रहा था, काफी काउंसलिंग कराने के बाद आज ये जोड़े एक होने के लिए राजी हो गए, और ख़ुशी ख़ुशी इन्हें फिर से मिलने वालो का धन्यवाद देकर अपने घर चले गए, आपको बतादे, कि ये जोड़े आज अपने बिछड़े साथी को पा कर काफी खुश थे, क्योकि इनमे से कई जोड़ो के बच्चे भी थे, इनके अलग होने से बच्चो के मानसिकता और जीवन पर भी प्रभाव पड़ रहा था, आज सभी एक होकर दोनों परिवार साथ साथ अपने घर चले गए ।

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गोरखपुर में आज दीवानी कचहरी के फैमली कोर्ट में एक साथ 15 जोड़ो को फिर से मिलाया गया है, ये इसको लेकर परिवार न्यायालय के प्रिंसिपल जज देवेंद्र सिंह की माने तो, आज मेगा राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार न्यायालय में कुल 14 जोड़ो को एक साथ समझौते के आधार पर रहने के लिए तैयार हुए है, और उन्हें माल्यार्पण करा कर उन्हें सम्मानित करके उन्हें भेजा गया है,

काफी दिनों से इनका मामला लंबित था, और किसी न किसी विवाद के कारण ये अलग हो गए थे, साथ ही जज ने बताया, कि अगर इस तरह के मामले आते है, तो पक्षकारो को मध्यस्थता के लिए भेजा जाता है, सुलह करने के लिए, और अगर सुलह हो जाता है, तो एक सुलह नामा पर दोनों के हस्ताक्षर करका कर कोर्ट में वो दोनों के पढ़ कर सुनाया जता है, और उसके बाद दोनों पक्ष राजी होते है, तो कागजी कार्यवाही कर दोनों को फिर एक करके भेज दिया जाता है, आज यहा 14 जोड़े ऐसे थे, जिन्हें माला पहना कर भेजा गया, वही पन्द्रहवा जोड़ा अधिवक्ता जोड़ा था, सो वो कैमरे में आने से कतरा रहे थे, इसलिए उन्हें कमरे में ही माला पहना कर एक करके भेजा गया।

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निश्चित रूप से कोर्ट कचहरी में कोई हस्ता है, तो कोई रोता है, किसी को इन्साफ मिलती है, तो किसी को सजा, लेकिन अगर इसी कचहरी से माला पहने दो जोड़े जो बिछड़ गए थे, और किन्ही कारण से अलग रहा रहे थे, उन्हें एक करके भेजा जाये तो इससे अच्छा नजारा और क्या होगा, आज इस कोर्ट में 14 जोड़ो के साथ एक बकील भी थे, यानी वाकी का जोड़ा भी लेकिन वो कैमरे के सामने नहीं आये, लेकिन आज वो भी इस कोर्ट से एक होकर गए।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

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