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मजदूर ही मजदूर: यूपी आया 2400 श्रमिकों का कारवां, अब ऐसे पहुंच रहे घर

श्रमिकों का थर्मल चेकअप करने के बाद नाम, पता, मोबाइल नंबर और अन्‍य विस्‍तृत जानकारी नोट करने के बाद उन्‍हें 60 बसों से घर भेजा जा रहा है।

Aradhya Tripathi
Published on: 4 May 2020 11:42 AM IST
मजदूर ही मजदूर: यूपी आया 2400 श्रमिकों का कारवां, अब ऐसे पहुंच रहे घर
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गोरखपुर: महाराष्ट्र से 2400 श्रमिकों को लेकर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन महाराष्ट्र से गोरखपुर पहुंची। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के पहुंचने के बाद यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जांच के बाद एक-एक यात्री का नाम पता दर्ज करके उन्हें बस में बैठाकर उनके जिले के लिए खाने-पीने के सामान के साथ रवाना किया गया।

सभी श्रमिकों की हुई थर्मल स्कैनिंग

गोरखपुर के एडीएम सिटी आरके श्रीवास्‍तव ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 मार्च से शुरू हुए लाक डाउन में 37 दिन बाद रविवार को पहली श्रमिक स्पेशल देर रात 1:30 बजे के करीब गोरखपुर पहुंची। ये ट्रेन महाराष्ट्र के वसई और भिवंडी से रवाना हुई। दूसरी ट्रेन सुबह 5.15 बजे गोरखपुर के प्‍लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची।

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श्रमिक स्पेशल में गोरखपुर-बस्ती मंडल के 24 सौ श्रमिकों को लाया गया है। इनका थर्मल चेकअप करने के बाद नाम, पता, मोबाइल नंबर और अन्‍य विस्‍तृत जानकारी नोट करने के बाद उन्‍हें 60 बसों से घर भेजा जा रहा है।

बनाए गए 1200 काउंटर

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गोरखपुर जंक्शन पर इनके आगमन से लेकर उनके गंतव्य तक जाने के लिए 1200 काउंटर बनाए गए हैं। जबकि एक सामान्य काउंटर बनाए गया था। जिले के हिसाब से तय काउंटरों पर श्रमिकों की जांच की गई। उसके बाद उसे उस जिले की बस में बैठाया गया। श्रमिकों के आगमन को लेकर गोरखपुर जिला प्रशासन पुलिस और आरपीएफ, जीआरपी ने जंक्शन में पहले ही व्यवस्था संभाल रखी थी। वही एनडीआरएफ की टीम भी स्टेशनों पर सैनिटाइज के काम पर लगी रही।

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया ध्यान

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एनडीआरएफ के इंस्‍पेक्‍टर गोपी गुप्‍ता ने बताया कि वे लोग रात से ही ड्यूटी पर लगे हुए हैं। बता दें, ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए एक बोगी में महज 54 लोगों को ही प्रवेश दिया गया था। रास्ते में किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए आरपीएफ स्टाफ के साथ ही टीटीइ भी तैनात किए गए थे। बीच के स्टेशनों पर श्रमिकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। लॉक डाउन में पहली बार गोरखपुर पहुंची यात्री ट्रेन को देखते हुए रेलवे के साथ ही जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखी।

गौरव त्रिपाठी



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Aradhya Tripathi

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