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चीन ने तोड़ी सारी हदें: ऐसा क्यों कर रहा ये देश, अब खामियों को छिपाने में जुटा है

दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर चीन हमेशा से ही विवादों में घिरा रहा है। अब इस बीच खबर है कि चीन के वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी ने अपनी वेबसाइट से लैब में काम करते हुए साइंटिस्ट की फोटोज को डिलीट कर दिया है।

Shreya
Published on: 4 May 2020 6:06 AM GMT
चीन ने तोड़ी सारी हदें: ऐसा क्यों कर रहा ये देश, अब खामियों को छिपाने में जुटा है
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नई दिल्ली: दुनिया भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर चीन हमेशा से ही विवादों में घिरा रहा है। अब इस बीच खबर है कि चीन के वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी ने अपनी वेबसाइट से लैब में काम करते हुए साइंटिस्ट की फोटोज को डिलीट कर दिया है।

कम सेफ्टी इक्विपमेंट के साथ वायरस पर टेस्ट

इन फोटोज को देखकर साफ पता लगता है कि इस लैब के साइंटिस्ट किस तरह लापरवाही के साथ और कम सुरक्षा उपकरणों के साथ बिना सेफ्टी स्टैंडर्ड को फॉलो किए खतरनाक वायरस पर टेस्ट किया करते थे। इन फोटोज के डिलीट होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने कोरोना से निपटने में अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसा किया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के वुहान प्रांत में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का स्टाफ बिना किसी प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के गुफाओं में जाकर चमगादड़ो को पकड़ता था और उनका स्वाब इकट्ठा करता था।

अमेरिकी वैज्ञानिकों के दौरे की भी तस्वीरें की डिलीट

इसके साथ ही वॉयरोलॉजी में एक फ्रिज में 1500 तरह के वायरस को एक साथ रखने वाली भी एक फोटो सामने आई थी। यहीं नहीं लैब ने अमेरिकी डिप्लोमैट के दौरे से संबंधित जानकारी भी एडिट कर दी। लैब ने अमेरिकी वैज्ञानिकों के विजिट को भी डिलीट कर दिया है।

स्विटजर ने अमेरिका को भेजा था चेतावनी भरा संदेश

दरअसल, मार्च 2018 में अमेरिकी दूतावास के वैज्ञानिक रिक स्विटजर ने इस लैब का दौरा किया था। इस दौरे के बाद स्विटजर ने अमेरिका के विदेश विभाग को चेतावनी भरा संदेश भेज कहा था कि यहां पर प्रशिक्षित लोगों की भारी कमी है।

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इस आधार पर लैब से वायरस लीक होने की खबरों को मिला बल

सूत्रों से मिली एक रिपोर्ट में दावा किया था कि इंस्टीट्यूट की लैब में मौजूद फ्रीज में वायरस रखे गए थे। पिछले दिनों एक तस्वीर सामने आई थी जिनमें फ्रीज की सील टूटी हुई दिखाई दी थी। ये तस्वीर साल 2018 में चाइना डेली अखबार ने रिलीज की थीं। पोस्ट के बाद से ही लैब की ऐसी खामियों को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे थे। इससे ही लैब से वायरस लीक होने की खबरों को बल मिला।

अमेरिका का दावा चीन की लैब से ही फैला कोरोना वायरस

बता दें कि अमेरिका की तरफ से कई बार ऐसा दावा किया जाता रहा है कि उसे पूरा भरोसा है कि चीन के लैब से ही कोरोना वायरस फैला है। यहां तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा था कि उन्होंने खुफिया दस्तावेज देखे हैं जिनके आधार पर उन्हें काफी अधिक भरोसा है कि कोरोना वायरस वैश्विक संकट की जड़ वुहान का इंस्टीट्यूट है। हालांकि उन्होंने इसके सबूतों को लेकर कोई भी जानकारी शेयर करने से इनकार कर दिया।

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अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के दफ्तर ने एक बयान जारी कर कहा है कि इंटेलिजेंस कम्युनिटी इस बात की जांच जारी रखेगी कि क्या कोरोना वायरस संक्रमित जीवों से इंसानों में आया या फिर वुहान की लैब में दुर्घटना की वजह से ये लीक हो गया।

अमेरिका में 68 हजार से ज्यादा मौतें

इस वक्त अमेरिका बुरा तरह से कोरोना के प्रकोप से जूझ रहा है। वहां पर हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। देश में अब तक 11 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि 68 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

वहीं पूरी दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 2,48,256 मौतें हो गई हैं और 35 लाख से ज्‍यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि महामारी की शुरूआत होने वाले देश (चीन) से अब ये खत्म होने की कगार पर है।

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