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पेट में सर्जिकल ब्लेडः डॉक्टर पर मुकदमा, पथरी का इलाज ऐसा

आगरा से एक ऐसा मामला सामने आया है जहा एक मरीज़ के पेट से सर्जिकल ब्लेड मिला है। पथरी का इलाज कराने गया यह शख्स जब डॉक्टर से इलाज करवा कर लौटा तो उसके पेट में दोबारा दर्द उठने लगा।

Monika
Published on: 26 Nov 2020 9:42 PM IST
पेट में सर्जिकल ब्लेडः डॉक्टर पर मुकदमा, पथरी का इलाज ऐसा
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पथरी का इलाज कराने गया मरीज़, पेट में निकला ब्लेड, डॉक्टhर पर FIR दर्ज

आगरा से एक ऐसा मामला सामने आया है जहा एक मरीज़ के पेट से सर्जिकल ब्लेड मिला है। पथरी का इलाज कराने गया यह शख्स जब डॉक्टर से इलाज करवा कर लौटा तो उसके पेट में दोबारा दर्द उठने लगा। फिर उसे पता चला की उसके पेट दर्द का करण पेट में सर्जिकल ब्लेड है।

पेट दर्द में निकला सर्जिकल ब्लेड

दरअसल, यह मरीज़ आगरा के एक डॉक्टर के पास अपना पथरी ला इलाज कराने गया हुआ था। इलाज के दौरान मरीज के पेट में सर्जिकल ब्लेड छोड़ दिया। ऑपरेशन के बाद पेट दर्द से परेशान मरीज ने जब आगरा के बाहर जाकर दूसरे हॉस्पिटल में दिखाया तो पता चला कि पेट में सर्जिकल ब्लेड है जिसकी वजह से उसे दर्द हो रहा है।

इसकी शिकायत करने पर भड़के डॉक्टर ने मरीज़ से अभद्र व्यवहार किया। थक हार कर मरीज को आगरा न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया. जिसके बाद अब न्यायालय ने मौर्य हॉस्पिटल के डॉक्टर सिद्धार्थ धर मौर्य पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश थाना न्यू आगरा पुलिस को दिया है।

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पूरा मामला

मरीज को पथरी के ऑपरेशन के बाद सर्जिकल ब्लेड पेट में ही छोड़ दी थी। जिसके बाद इस मामले में कोर्ट ने आरोपित सर्जन के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं। इस मरीज ने आगरा के कौशलपुरी स्थिति मौर्य हॉस्पिटल में अपना पथरी का इलाज कराया था। बाद में कब उसके पेट में दर्द उठने लगा तो दोबारा अल्ट्रासाउंड हुआ और डॉक्टर ने दवाएं दी, लेकिन दर्द में आराम नहीं मिला। जिसके बाद मरीज़ ने दिल्ली में जाँच कराई। तब उसे पता चला कि उसके पेट में सर्जिकल ब्लेड है। पीड़ित मरीज ने जब मौर्य हॉस्पिटल में इसकी शिकायत की तो उसके साथ अभद्र व्यवहार कर भगा दिया गया।

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आगरा में न्यायालय ने दिए ये आदेश

निराश हो कर मरीज़ ने आगरा में न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए मौर्य हॉस्पिटल के डाक्टर सिद्धार्थ धर मौर्य पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश न्यू आगरा पुलिस को दिए। यह ऐसा पहला मामला नहीं है जब किसी मरीज़ के पेट में ऐसे उपकरण मिले हो। इससे पहे भी कई केस सामने आ चुके हैं। आगरा में रामनगर निवासी गौरव कुशवाह का केस लड़ने वाले अधिवक्ता पवन कुमार गौतम कहते हैं कि अभी इतनी गंभीर लापरवाही पर डॉक्टर सिद्धार्थ धर मौर्य का लाइसेंस निरस्त किया जाना चाहिए।अधिवक्ता गौतम का कहना है कि इस घटना को न्यायालय ने बहुत गंभीरता से लिया।

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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