TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

एंबुलेंस हड़ताल: चालकों का हड़ताल जारी रखने का ऐलान, कंपनी ने कहा- हड़ताल खत्म

एंबुलेंसों का चक्का ठप होते ही गंभीर मरीजों पर आफत आन पड़ी, मरीजों को निजी वाहनों से अस्पतालों की चौखट नसीब हुई। वहीं दूसरी तरफ विभिन्न जनपदों में ड्राइवरों ने जीवीके कार्यालय पर प्रदर्शन शुरू कर, बकाया वेतन की मांग और पायलट प्रोजेक्ट

Harsh Pandey
Published on: 1 Jun 2023 6:03 PM IST
एंबुलेंस हड़ताल: चालकों का हड़ताल जारी रखने का ऐलान, कंपनी ने कहा- हड़ताल खत्म
X

लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा एस्मा लागू कर हड़ताल पर प्रतिबन्ध लगाने के बावजूद सोमवार को पूरे दिन प्रदेश भर में 108 व 102 की एबुलेंस सेवाएं ठप रही। देर शाम तक हड़ताल जारी रही। ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से गंभीर मरीजों एवं गर्भवती व प्रसूता महिलाओं को एंबुलेंस की सेवाएं नही मिली।

यह भी पढ़ें. झुमका गिरा रे…. सुलझेगी कड़ी या बन जायेगी पहेली?

हड़ताल के कारण, मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं दुसरी तरफ, जी.वी.के. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि असिस्टेंट लेबर कमिश्नर आफिस में एंबुलेंस कर्मचारियों और जीवीके ईएमआरआई मैनेजमेंट के बीच वार्ता के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है।

सभी जिलों में एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए निकल चुकी हैं। संस्था मरीजों को बेहतर एंबुलेंस सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह भी पढ़ें. बेस्ट फ्रेंड बनेगी गर्लफ्रेंड! आज ही आजमाइये ये टिप्स

बताते चलें कि लखनऊ समेत प्रदेश भर के समस्त जनपदों में इमरजेंसी के मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस सेवाएं प्रदान करने वाली जीवीके कंपनी द्वारा ड्राइवरों को बीते तीन माह से वेतन न दिये जाने से नाराज ड्राइवरों ने सोमवार को प्रदेशव्यापी हड़ताल सुबह से ही शुरू कर दी।

एंबुलेंसों का चक्का ठप होते ही गंभीर मरीजों पर आफत आन पड़ी, मरीजों को निजी वाहनों से अस्पतालों की चौखट नसीब हुई। वहीं दूसरी तरफ विभिन्न जनपदों में ड्राइवरों ने जीवीके कार्यालय पर प्रदर्शन शुरू कर, बकाया वेतन की मांग और पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक ड्राइवर को प्रति दिन 9 केस की अनिवार्यता खत्म करने की मांग करने लगे।

यह भी पढ़ें. होंठों की लाल लिपिस्टिक! लड़कियों के लिए है इतनी खास

ड्राइवरों के अध्यक्ष ने कहा...

ड्राइवरों के अध्यक्ष हनुमान पाण्डेय और महामंत्री संदीप पाल ने बताया कि हम लोगों को नियुक्ति मासिक वेतन के आधार पर मिली थी। मगर अब पायलट प्रोजेक्ट के तहत हम लोगों को प्रतिकेस के आधार पर भुगतान करने का फरमान दिया गया है।

पायलट प्रोजेक्ट में 108 एंबुलेंस ड्राइवर को प्रतिदिन पांच केस करने की अनिवार्यता करने के साथ ही प्रति केस 100 रूपये भुगतान किया जा रहा है। इसी प्रकार 102 एंबुलेंस ड्राइवरों के लिए रोजाना 9 केस और प्रतिकेस 60 रूपये देने का आदेश है।

यानि अगर कोई ड्राइवर को पांच व नौ केस नही मिले तो उसे उस दिन का वेतन ही नही मिलेगा। इतना ही नहीं, ड्राइवरों का शोषण निरंतर जारी है आठ घंटे की जगह 12 घंटे की सेवाएं ली जा रही हैं, तीन -तीन माह का वेतन बकाया है, विरोध करने या वेतन मांगने पर नौकरी हटाने की धमकी दे दी जाती है।

इतना ही नहीं सर्विस के अभाव में अधिकाश्ं एंबुलेंस चलने में असमर्थ हैं, मगर ड्राइवरों पर दबाव देकर संचालित कराई जा रही है। महामंत्री संदीप पाल ने बताया कि हम लोगों को डराने के लिए सरकार द्वारा हड़ताल न करने का भय दिखाया गया, पुलिस को भी बुलाया।

यह भी पढ़ें. महिलाओं के ये अंग! मर्दो को कर देते हैं मदहोश, क्या आप जानते हैं

मगर हम लोग इनके शोषण से भयभीत नहीं होंगे और बिना लिखित अश्वासन के हड़ताल खत्म नही की जायेगी। पाल ने बताया कि सोमवार को दोपहर में श्रम विभाग के अधिकारियों ने मौखिक रूप से 25 सित बर तक मांग पूरी करने को कहा था, हम लोगों ने हड़ताल खत्म करने के लिए लिखित आश्वासन मांगा था,जो नही दिया गया।

जिसकी वजह से हड़ताल जारी है। इस संबन्ध में जीवीके कंपनी के अधिकारियों द्वारा फोन न उठाये जाने की वजह से संपर्क नही हो सका।



\
Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story