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सपा सरकार में हुई नियुक्तियों पर SIT की जांच पूरी, कई अधिकारियों पर FIR दर्ज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है। पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी। इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा।

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Published on: 23 Oct 2020 7:04 PM IST
सपा सरकार में हुई नियुक्तियों पर SIT की जांच पूरी, कई अधिकारियों पर FIR दर्ज
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सीएम योगी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है। पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी।

लखनऊ: पिछली समाजवादी पार्टी सरकार में हुई नियुक्तियों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कडी कार्रवाई की। सहकारिता विभाग में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुए भ्रष्ट्राचार की हुई एसआईटी जांच की रिपोर्ट के बाद इस मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों के विरूद्व कड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेष मुख्यमंत्री कार्यालय से दिए गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में नौकरी का एकमात्र मानक मेरिट है। पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ योग्य उम्मीदवार को ही नौकरी मिलेगी। इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। बावजूद इसके नियुक्तियों में भ्रष्टाचार हुआ तो दोषियों को जेल में ही ठिकाना मिलेगा।

7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के मुताबिक उ.प्र.को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कम्प्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक एवं कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों में उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उ.प्र. सहकारी संस्थागत सेवामंडल, लखनऊ की तत्कालीन प्रबंध समिति के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित 7 आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जाना है।

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एसआईटी जांच में उ.प्र. को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन दो प्रबंध निदेशकों, हीरालाल यादव व रविकांत सिंह, उ.प्र. सहकारी संस्थागत सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्र, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के साथ-साथ संबंधित भर्ती कम्प्यूटर एजेंसी मे. एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ के अलावा उ.प्र. को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड और उ.प्र. सहकारी संस्थागत सेवामंडल, की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों व कर्मचरियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471 तथा 120 बी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किये जाने की अनुशंसा की गई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है।

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उ.प्र. राज्य भंडारण निगम में वर्ष 2013 व उ.प्र. सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में वर्ष 2015-16 में हुई भर्तियों के संबंध में चल रही जांच एक माह के भीतर पूरी कर जांच आख्या उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं।

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