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गंगा में प्रवाहित की गई जेटली की अस्थियां, काशी से रहा है पुराना नाता
रविवार की सुबह अरुण जेटली की धर्मपत्नी संगीता जेटली, बेटी सेनाली और बेटा रोहन जेटली सहित परिवार के 15 सदस्य अस्थि कलश लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से सीधे नीचीबाग स्थित पार्टी दफ्तर गये।
वाराणसी: देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की अस्थियां रविवार को वाराणसी में गंगा में प्रवाहित की गईं। मणिकर्णिका घाट पर हर-हर महादेव के नारों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बेटे रोहन जेटली पिता की अस्थियां विसर्जित की। उन्होंने कहा कि उनके पिता का वाराणसी से पुराना नाता रहा है। काशी मोक्ष की नगरी है, इसलिए वो अस्थियों को विसर्जित करने के लिए पहुंचे हैं।
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कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि
अरुण जेटली के उत्तर प्रदेश की राजनीति में सीधा दखल तो नहीं था, लेकिन अपनी कार्य प्रणाली की बदौलत वो कार्यकर्ताओं के दिलों में छाए रहते थे। उन्हें संगठन का माहिर खिलाड़ी माना जाता था। आख़िरी बार 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान वो काशी आये थे।
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रविवार को जब उनकी अस्थियां काशी पहुंची तो श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। नीचीबाग स्थित पार्टी कार्यालय में जेटली की अस्थियों को दर्शन के लिए रखा गया। यहां पर नम आंखों से कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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काशी पहुंचा पूरा परिवार
रविवार की सुबह अरुण जेटली की धर्मपत्नी संगीता जेटली, बेटी सेनाली और बेटा रोहन जेटली सहित परिवार के 15 सदस्य अस्थि कलश लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से सीधे नीचीबाग स्थित पार्टी दफ्तर गये। लगभड़ आधे घंटे के बाद अस्थि कलश मणिकर्णिका घाट पहुंचा। जहां बीच गंगा में काशी के पंडितों ने पूरे विधि विधान से अस्थियां प्रवाहित कराई।
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