×

अयोध्या फैसला: VHP के इस नेता ने परदे के पीछे से राम मंदिर आंदोलन को दिया धार

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राम जन्मभूमि केस में फैसला सुनाया है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का फैसला सुनाया। इसके अलावा सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को अयोध्‍या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने को कहा है।

Dharmendra kumar
Published on: 9 Nov 2019 7:10 PM IST
अयोध्या फैसला: VHP के इस नेता ने परदे के पीछे से राम मंदिर आंदोलन को दिया धार
X

नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राम जन्मभूमि केस में फैसला सुनाया है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का फैसला सुनाया। इसके अलावा सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को अयोध्‍या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने को कहा है।

लेकिन आज हम आपको विश्‍व हिंदू परिषद (वीएचपी) के उस नेता के बारे में बताते हैं जिसने राम मंदिर आंदोलन को लगभग अपनी पूरी जवानी ही दे दी। वीएचपी के उस नेता का है शरद शर्मा। वह लगभग 30 साल से राम मंदिर के लिए चल रहे आंदोलन का पर्दे के पीछे रहकर साथ देते रहे।

यह भी पढ़ें...अयोध्या फैसला! राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुलाई संतों की बैठक

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्‍होंने कहा कि अभी हमारा मुख्‍य उद्देश्‍य समाज में शांति कायम रखना है। साल 1980 के दशक के मध्‍य में जब राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ तो शरद शर्मा इसमें शामिल हुए।

यह भी पढ़ें...अयोध्या मामला: क्या आपको पता है पांच जजों में आखिर किसने लिखा फैसला

वह उस समय युवा थे, लेकिन अब वह करीब 50 साल के हो गए हैं। एक ओर जहां उनकी उम्र के लोग आंदोलन में आगे की ओर से शामिल थे तो शरद शर्मा पीछे की जिम्‍मेदारी संभालते थे।

यह भी पढ़ें...अयोध्या फैसले पर VHP ने कहा- मंदिर निर्माण के लिए 60 फीसद खंभे तैयार

शरद शर्मा के पास वीएचपी, संतों, अयोध्‍या के लोगों और पत्रकारों के लिए लगभग सभी जानकारी रहती थी। वह अपने तीन दशक अयोध्‍या में रहकर राम मंदिर आंदोलन को दे चुके हैं। वह मौजूदा समय में विहिप के आधिकारिक प्रवक्‍ता हैं और कई सारी जिम्‍मेदारी निभा रहे हैं।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story