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राष्ट्रीय पोषण माह का आगाज: इस बार मनाया जायेगा ऐसे, DM ने दिए निर्देश
07 सितम्बर से 04 अक्टूबर 2020 तक डिजिटल माध्यम से राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जायेगा इसका मुख्य लक्ष्य बच्चे एवं महिलाओं में पोषण स्तर में सुधार लाना तथा इसको बेहतर ढंग से सम्पादित करना है।
अयोध्या: 07 सितम्बर से 04 अक्टूबर 2020 तक डिजिटल माध्यम से राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जायेगा इसका मुख्य लक्ष्य बच्चे एवं महिलाओं में पोषण स्तर में सुधार लाना तथा इसको बेहतर ढंग से सम्पादित करना है। अयोध्या के मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल ने इस अभियान को सफल बनाने में आम जनमानस की सहभागिता, सामुदायिक प्रोत्साहन आवश्यक है। इसके लिए जिलाधिकारी एवं बाल विकास के अधिकारी स्थानीय स्तर पर विभिन्न विभागो के साथ जैसे स्वास्थ्य, पशुपालन, जल निगम, नगर निकाय, पंचायत, उद्यान, शिक्षा आदि विभागो के साथ समन्वय कर इसको सफल बनाये इसके लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यक्ता के अनुरूप शासन के दिशा निर्देश एवं कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए इसका पालन करते हुए इसको सफल बनाये।
घर-घर जाकर स्वच्छता पर बल देते हुए पोषाहर का वितरण
इसमें घर-घर जाकर स्वच्छता पर बल देते हुए पोषाहर आदि का भी वितरण किया जाये। डिजिटल तकनीक के माध्यम से पोषक पंचायत एवं स्थानीय स्तर पर पोषण सम्बन्धित समस्याओ को चिन्हित करते हुए उसका प्रबन्धन किया जाये एवं आवश्यक समाधान भी किया जाये। पोषण माह में मानक के अनुसार बच्चे एवं महिलाओ को आवश्यक पोषण/चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही किया जाये तथा इसमें स्थानीय स्तर के मुख्य सेविकाओ आॅगनवाड़ी कार्यकत्री, आशा बहुओ आदि को कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए इस अभियान को सफल बनाया जाये तथा इसका नियमित अनुश्रवण किया जाये।
पोषण माह का लक्ष्य बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना
उधर अयोध्या जिला कलेक्ट्रेट मे ऑनलाइनध्वर्चुअल माध्यम से पोषण माह का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि गर्भवती मां, कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान प्रदेश सरकार रख रही है। पोषण माह के दौरान सभी को कोविड-19 महामारी से बचाव के दृष्टिगत राष्ट्रीय पोषण माह पारंपरिक रूप से न मना कर डिजिटल तरीके से मनाया जाएगा। पोषण माह का लक्ष्य बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना है।
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मास्क अवश्य पहने और सामाजिक दूरी का भी अनुपालन करें
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री कोविड-19 से बचाव संबंधी दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए घर-घर जाकर सैम/मैम बच्चों का चिन्हाकन एवं अनुश्रवण करें तथा हाथो व वजन मशीन को हर बार बेट करने के पूर्व सैनिटाइजर करेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान मास्क अवश्य पहने और सामाजिक दूरी का भी अनुपालन करें। इस दौरान पुष्टाहार का वितरण भी घर-घर जाकर किया जाना है जिसकी फोटोग्राफ सुरक्षित रखनी होगी।
कार्यक्रम के दौरान कहीं पर भी भीड़-भाड़ एकत्रित न होने दें
उन्होंने आगे बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र भवनोंध्प्राथमिक विद्यालय के सुरक्षित स्थलों पर पोषण वाटिकाध्किचन गार्डन लगभग 300 वर्ग मीटर में स्थापित कराया जाएगा जिसमें सहजन, आंवला, पपीता, अमरूद, मौसमी हरी-साग, सब्जी के पौधे लगाए जाएंगे। इस कार्य को मनरेगा, जिला पंचायत, जिला उद्यान, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग मिलकर करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण वाटिका में लगाए गए पौधों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए आवश्यकतानुसार ट्री गार्ड भी लगाए जाए। उन्होंने पोषण माह के दौरान डिजिटल तकनीकी के माध्यम से पोषण पंचायत व स्थानीय स्तर पर पोषण संबंधी समस्याओं के चिन्हीकारण प्रबंधन एवं समाधान बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार व पंचायती राज विभाग संयुक्त रूप से मिलकर करने और पूरे कार्यक्रम के दौरान कहीं पर भी भीड़-भाड़ एकत्रित नहीं करने के निर्देश दिए।
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निराश्रित गोवंश को पालने के लिए प्रोत्साहित किया जाय
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को जिनके पास गाय न हो उन्हें निराश्रित गोवंश स्थल से एक गाय लेकर गाय पालने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, गाय की देख-रेख हेतु उक्त परिवार को प्रत्येक माह 900 रू0 का अनुदान भी दिया जाएगा। परिवार गाय के दूध से अपने अति कुपोषित बच्चों के कुपोषण को दूर कर सकेंगे। जिलाधिकारी ने पोषण माह के दौरान किये जा कार्यों की डाटा फीडिंग भी साथ-साथ करते रहने हेतु जिला प्रोवेशन अधिकारी को निर्देशित किया।
कुपोषण स्तर में व्यापक स्तर पर सुधार आवश्यक
जिलाधिकारी ने आगे बताया कि माह जनवरी 2020 में जनपद में कुपोषित (पीली श्रेणी) के बच्चो की संख्या 22108 थी तथा अति कोषित बच्चे (लाल श्रेणी) के बच्चे की संख्या 2923 थी जिनमें पोषक वितरण व चिकित्सा के उपरान्त अगस्त माह में कुपोषित बच्चो की संख्या घटकर 19333 तथा अति कुपोषित बच्चो की संख्या 2366 रह गई है। पोषण के सुधार स्तर को देखा जाए तो पिछले 08 माह में कुपोषित बच्चो (पीली श्रेणी) के 2775 तथा अतिकुपोषित (लाल श्रेणी) के 557 बच्चो के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। अवशेष (पीली श्रेणी) के 19333 कुपोषित बच्चे, तथा (लाल श्रेणी) के 2366 बच्चे के पोषण में सुधार के लिए सभी को मिलकर कोविड-19 के प्रोटोकाल को ध्यान में रखकर सूक्ष्म और रणनीति स्तर पर पोषण का कार्य करना है। ताकि जनपद में कुपोषण स्तर में व्यापक स्तर पर सुधार लाया जा सके।
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पोषण का वितरण घर-घर कराया जायेगा
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में संचालित 2381 आॅगनवाड़ी केन्द्रो के माध्यम से पोषण का वितरण घर-घर कराया जायेगा। जनपद में 0 से 06 वर्ष तक के कुल बच्चो की संख्या 02 लाख 85 हजार 395 है। गर्भवतीध्धात्री महिलाओ की कुल संख्या 47 हजार 667 है स्वस्थ (हरी श्रेणी) के बच्चे की संख्या 01 लाख 82 हजार 260 है। कुपोषित बच्चे की संख्या 19333 तथा अति कुपोषित बच्चो की संख्या 2366 है। 06 माह से 03 वर्ष के पोषाहार पाने वाले बच्चे की संख्या 01 लाख 11 हजार 711, 03 वर्ष से 06 वर्ष के पोषाहार पाने वाले कुल बच्चे की संख्या 68 हजार 570 है तथा पोषाहार प्राप्त करने वाली गर्भवती/धात्री महिलाओ की संख्या 43 हजार 218 है।
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जिलाधिकारी ने जारी किये निर्देष
पोषाहार माह के दौरान पोषण वितरण हेतु न तो कोई मीटिंग होगी न ही भीड़-भाड़ एकत्र करेंगे। घर पर बच्चे के वजन एवं पोषक वितरण के दौरान आॅगनवाड़ी कार्यकत्री स्वंय मास्क पहनेंगी, यदि गर्भवतीध्धात्री ने मास्क नही पहनी है तो मास्क पहनने के लिए अथवा किसी साफ कपड़े से नाक मुॅह ढकने लिए कहेगी। बेट मशीन को हर बार बेट करने के पूर्व सेनेटाइज करेगी तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करायेगी।
रिपोर्ट- नाथ बख्श सिंह, अयोध्या