×

आजम खान ने मंच से बयां किया दर्द और मीडिया पर निकाली भड़ास

उन्होंने कहा कि मुझे ये एतराज नही कोई मुझे पिल्ला कहता हैं,या हरामजादा कहता हैं, इन मीनारों की हिफाजत करो, कश्मीर से कन्याकुमारी तक क्या औकात हैं,आप लोगो की सोचने की बात है।

Shivakant Shukla
Published on: 19 April 2019 6:55 PM IST
आजम खान ने मंच से बयां किया दर्द और मीडिया पर निकाली भड़ास
X

मुरादाबाद: चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए तीन दिन के बैन के बाद मुरादाबाद गटबंधन उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित करने पहुँचे पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान ने मंच से अपना दर्द बयां करते हुए मुरादाबाद के वोटरों को डराने का काम किया और मीडिया पर भी जमकर भड़ास निकाली।

आज़म खान ने मंच सम्भालते ही अपने आप को असहाय बताते हुए की उनके ऊपर जुल्म हुआ हैं, वो आगे बोले कि में किसी तक़रीर के लिए नही आया हूँ,में अपना दर्द लेकर आया हूँ, यहां गेरो से कम,अपनो से ज्यादा दर्द मिलते हैं, में डराना चाहता हूं।

आज के हालात से आपका वजूद भी खतरे में हैं और इतनी बड़ी साजिशो के तहत जबान बंदी की गई ,और रामपुर में उर्दू दरवाजा महज इस लिए गिरा दिया क्योकि वो आपकी जुबान हैं ,वो काट दी जाए, पानी की टंकी गिरा दी जाए लेकिन जो लोग इतने बड़े जालिम हो हजारो बच्चों के पानी का कनेक्शन काट दिया गया।

ये भी पढ़ें— भगोड़े माल्या के बोल बचन- SBI करदाताओं का पैसा बर्बाद कर रहा

ये आलम हैं दरिंदगी का मुझे मालूम हैं 1980 कि दरिंदगी, जो यहां पर ईदगाह पर हुई थी,आज ये हमारी मजबूरी हैं हम कुछ याद नही दिलाना चाहते। ये कहने आये हैं आपकी गफलत से हम जैसे लोगो को सजा मिलेगी, यही हाल हर कमजोर लोगो के साथ होने जा रहा हैं। इस वक्त में मुल्क में दो विचार धाराएं हैं। एक बापू के साथ हैं और एक विरोध में, ये चुनाव ये तय करेगा।

उन्होंने कहा कि मुझे ये एतराज नही कोई मुझे पिल्ला कहता हैं,या हरामजादा कहता हैं, इन मीनारों की हिफाजत करो, कश्मीर से कन्याकुमारी तक क्या औकात हैं,आप लोगो की सोचने की बात है। दुश्मन एक हो गया तुम्हे बर्बाद करने के नाम पर, ये पहला मौका हैं अगर हाथ से निकाल दिया, तो हाथ मलते रह जाओगे, अंदाजा लगाओ उनकी तैयारी क्या हैं, में तुम्हारी गैरत हूं, अगर ये मेरी गलती हैं तो मेरे महुँ पर थप्पड़ मारो,

अगर अब भी नही सुधरेगो तो ,तो तुम्हारे फ्रिज में क्या रखा था, सब चेक किया जाएगा और याद करो जब गुजरात में दंगे हुए ,क्या क्या नही सहना पड़े,तुम एक हो जाओ भाजपा की सरकार खत्म हो जाएगी, इंसाफ करने वाले इंसाफ करो। जालिमों से कहता हूँ आप भी इंसाफ करो, तीन दिन की पाबंदी के बाद आपके सामने आया हूँ।

ये भी पढ़ें— धर्म के साथ अर्थ में दखल रखते है आचार्य प्रमोद कृष्णम

कांग्रेस नही जीत रही हैं, और में उन गद्दारो से कहता हूं, गु पर चांदी का वर्क लगा कर मत खाओ। वहीं पिछले दिन दिनों में उनके साथ मीडिया ने भी साजिश की हैं ये किसी के नही हो सकते,चैनल वाले तुम्हारे दुश्मन हैं इन्होंने तीन दिनों तक मेरे लिए जो जबान की हैं ये सबके सामने हैं। बन्द कर दो खबरें देखना, ये कभी तुम्हारे नहीं थे, ये कभी तुम्हारे नहीं हो सकते, और हाँ दो दिनों में बड़ा लेनदेन हुआ हैं, ये सिर्फ पैसे की भाषा जानते हैं। मेरे जिस्म में एक बूंद भी हराम की नही हैं।

इनकी मंशा ये हैं कि यूनिवर्सिटी पर बुलडोजर चलवा देंगे, मोदी ने आपके हाथ में झाड़ू दी थी में आपके बच्चों के हाथों में कलम देना चाहता हूं। वोट कटवों को अहसास दिला दो ईदगाह पर हुआ था, में अपना दामन फैला कर वोट मांग रहा हूँ। आज़म खान आज जमामस्जिद मैदान पर मुरादाबाद लोकसभा से गटबंधन प्रत्याशी एसटी हसन के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

ये भी पढ़ें— दुर्भाग्यपूर्ण: नैतिक पतन की हदें पार करते राजनीतिक दल



Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story