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भक्तों की अजब गुहारः बाबा विश्वनाथ दो कोरोना से मुक्ति अपार

काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार को दर्शन के लिए रविवार रात से ही भक्तों की लाइन लगगई थी, इसमे भी सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखा गया।

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Published on: 20 July 2020 12:08 PM GMT
भक्तों की अजब गुहारः बाबा विश्वनाथ दो कोरोना से मुक्ति अपार
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वाराणसी। सावन के तीसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या के साथ सर्वसिद्धि योग, अमृत योग, सिद्धियोग के दुर्लभ संयोग में त्रस्त भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में कोरोना संकट से मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई। इस दौरान पूरा मंदिर हर-हर महादेव व बमभोले के जयकारों से गूंजता रहा।

काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार को दर्शन के लिए रविवार रात से ही भक्तों की लाइन लगगई थी, इसमे भी सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। रात में 3ः30 बजेमंगला आरती के बाद मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए। कोरोना के चलते श्रद्धालुओंको मंदिर के तीनों प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज करने के बाद हीपांच-पांच के ग्रुप में प्रवेश दिया गया।

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दूर से ही दर्शन कराये गए

बाबा विश्वनाथ कि दरबार में पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को दूर से ही दर्शन कराये गए। इस दौरान अरघे और शिवलिंग को छूने पर पूरी तरह से पाबंदी लगायी गई। सुबह करीब 8ः00 बजे जोरदार बारिश के बावजूद श्रद्धालु लाइन में ही लगे रहे और भगवान शंकर के जयकारे लगाते रहे।काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मंदिर में तीन द्वारों से प्रवेश दिया गया।

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श्रद्धालुओं को ऐसे कराया गया प्रवेश

मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचों पांडव प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जा रहा था, जहां से श्रद्धालुओं को रानीभवानी उत्तरी होते हुए गर्भ गृह के पूर्वी द्वार पर दर्शन कराने के बाद दूसरे मार्ग से बाहर भेजा जा रहा था। दूसरा मार्ग गेट नंबर 4 पर छत्ता द्वार पर बनाया गया था।जहां श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हुए गर्भगृह के उत्तरी दरवाजेपर दर्शन कराते हुए फिर उसी दरवाजे से बाहर श्रृंगार गौरी की तरफ से वापस भेजा जारहा था।

मंदिर में सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम किए गए

तीसरा मार्ग बांस फाटक पर खोला गया था। यहां से आने वाले श्रद्धालुओं को ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिरहोते हुए मुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश दिया गया और गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे पर बाबाका दर्शन करा कर हनुमान मंदिर द्वार से होते हुए नंदू फारिया गली से बाहर भेजा जा रहा था। इस दौरान पूरे मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए थे। एसपीसिटी विकास चंद्र त्रिपाठी और सीओ अवधेश पांडे के साथ भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती रही।

काशी के निवासी संजीव पांडे ने बताया कि इस बार सावन माह का तीसरा सोमवारदुर्लभ संयोग में है। लगभग 20 साल बाद तीसरे सोमवार को हरियाली और सोमवतीअमावस्या का संयोग है। इसमें पुनर्वसु नक्षत्र, हर्षण योग, चतुष्पद करण,सर्वार्थसिद्धि योग का एक साथ होना सुखद संयोग है। उन्होंने बताया कि आज के दिनकई नक्षत्रों का शुभ संयोग में काशी पुराधिपति की पूजा आराधना से सारे संकटसे श्रद्धालु मुक्त हो जाएंगे। पांच ग्रह चंद्रमा, बुध, गुरु, शुक्र व शनि अपनी अपनी राशियों में रहेंगे, जिसके कारण पूजा का महत्व अधिक है।

रिपोर्ट - मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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