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भ्रष्टाचारः हिन्दी के पितामह की स्मृति में बना सिंहद्वार दो साल में ही ध्वस्त

उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में सांसद विकास निधि से निर्मित प्रवेश द्वार निर्माण के दो वर्ष बाद ही आज तड़के धड़ाम हो गया।

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Published on: 2 Sep 2020 12:24 PM GMT
भ्रष्टाचारः हिन्दी के पितामह की स्मृति में बना सिंहद्वार दो साल में ही ध्वस्त
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उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में सांसद विकास निधि से निर्मित प्रवेश द्वार निर्माण के दो वर्ष बाद ही आज तड़के धड़ाम हो गया।

बलिया: हिंदी निबन्धकार, आलोचक व उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में सांसद विकास निधि से निर्मित प्रवेश द्वार निर्माण के दो वर्ष बाद ही आज तड़के धड़ाम हो गया। इस मामले ने सांसद विकास निधि से हो रहे कार्यों की कलई खोलकर रख दिया है । प्रवेश द्वार ध्वस्त होने के लिए प्रशासनिक लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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पद्मभूषण से सम्मानित हिंदी के मौलिक निबन्धकार, उत्कृष्ट समालोचक एवं सांस्कृतिक विचारधारा के प्रमुख उपन्यासकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में निर्मित प्रवेश द्वार आज तड़के ध्वस्त हो गया । भाजपा के तत्कालीन सांसद भरत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ओझवलिया ग्राम को गोंद लिया था । इसके बाद यह गांव सांसद आदर्श ग्राम घोषित हुआ था ।

दो साल पहले हुआ था निर्माण

राष्ट्रीय राज्य मार्ग 31 से ओझवलिया गांव को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क पर आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की स्मृति में तकरीबन दो वर्ष पहले प्रवेश द्वार का निर्माण सांसद विकास निधि से हुआ था । इस द्वार के निर्माण पर तकरीबन दस लाख रुपये खर्च हुआ था । दो वर्ष पहले जब इसका निर्माण शुरू हुआ था तब निर्माण में मानक की अनदेखी को लेकर जमकर शिकायत हुई , लेकिन विकास महकमे की अनदेखी से हौसला बुलन्द ठेकेदार ने निर्माण में मानक की बजाय लूटखसोट को तरजीह दिया ।

नहीं झेल सका बरसात

परिणाम यह हुआ कि आज तड़के यह प्रवेश द्वार भरभरा कर गिर गया । दो साल पहले हुआ यह निर्माण कार्य बरसात नही झेल सका । दरअसल प्रधानमंत्री सड़क की चौड़ाई करीब 13 मीटर है,जिसमें 7 मीटर में पीच व पटरी बना है , जबकि सड़क के दोनों तरफ तीन-तीन मीटर जमीन छोड़ा गया है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी स्मारक ट्रस्ट के सचिव सुशील कुमार द्विवेदी व समाज सेवी कमलेश तिवारी ऊर्फ चेगन ने बताया कि सड़क के पश्चिम एक व्यक्ति द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर गेट के समीप गड्ढा खोद दिया गया ।

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कल रात हुई बरसात के कारण प्रवेश द्वार की नींव में जलभराव को प्रवेश द्वार के ध्वस्त होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । प्रवेश द्वार ध्वस्त होने के कारण ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है । आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी स्मारक ट्रस्ट के सचिव सुशील कुमार द्विवेदी कहते हैं कि निर्माण के समय भाजपा सांसद के चहेते ठेकेदारों ने घटिया स्तर का निर्माण कार्य कर इसमें जमकर लूट खसोट की थी तथा कमीशनखोरी के चक्कर में जिम्मेदारों ने कुछ नहीं बोला था ।

ओझवलिया गांव में प्रवेश द्वार के निर्माण के दो साल के अंदर ही ध्वस्त होने की घटना ने जिले में सांसद विकास निधि व विधायक निधि के कार्यों में गुणवत्ता की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है । प्रवेश द्वार के समीप जेसीबी के जरिये खुदाई कर जमीन पर कब्जा करने का कार्य किया गया , लेकिन प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने खुदाई की पूरी तरह से अनदेखी कर दिया ।

रिपोर्ट: अनूप कुमार हेमकर

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