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खुली अस्पताल की पोल: CM के दौरे के दौरान वार्ड में थी हर सुविधा, अब सब गायब
सीएम के दौरे को लेकर हुई सफाई के चलते कुछ हालात ठीक रहे। लेकिन आज वॉर्ड में न तो कहीं डस्टबीन दिखा, न ही मरीजों के साथ आये परिजनों के बैठने के लिए स्टूल।
बलिया: जिला अस्पताल के जिस मेडिकल वॉर्ड में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया था। ठीक 24 घंटे बाद उसकी तस्वीर बदल चुकी थी। सीएम के दौरे को लेकर हुई सफाई के चलते कुछ हालात ठीक रहे। लेकिन आज वॉर्ड में न तो कहीं डस्टबीन दिखा, न ही मरीजों के साथ आये परिजनों के बैठने के लिए स्टूल। कुछ लोग मरीजों के बेड पर ही कब्जा जमाये थे, तो कुछ खड़े दिखे।
सीएम के लिए सारी व्यवस्थाओं को किया गया अच्छा
सूबे के सीएम रविवार को जिले के स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए आए थे। करीब तीन घंटे तक उन्हें तीन जिलों के स्वास्थ्य सुविधाओं को बताने में जाया करने के बाद अंत में जिला अस्पताल की सुविधा दिखाने के लिए राज्यमंत्री ने कहा। इसके बाद सीएम योगी को ऐसे वार्ड में ले जाया गया जो काम चलाने के लिए ठीक ही कहा जायेगा। जबकि सीएम योगी के जाने के बाद से ही सुविधाओं की पोल खुलने लगी। आपातकालीन अस्पताल के मेडिकल वार्ड में न तो डस्टबिन देखने को मिला और न तो तीमारदारों के बैठने के लिए कोई सुविधा। जबकि सीएम के आने से पूर्व ही इस मेडिकल वार्ड को साफ-सुथरा कराकर भीड़ को कम कर दिया गया था।
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इस दौरान कोरोना संक्रमण के लिए बनाये गये आइसोलेशन वार्ड की ओर तो सीएम को जाने ही नहीं दिया गया।जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का कितना बुरा हाल है यह किसी से नहीं छिपा है। जमगढ़ मंडल के बलिया, मऊ और आजमगढ़ जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा के दौरान जिले के अफसरों ने सीएम के सामने बड़े साफगोई से झूठ बोलने का काम किय। इस दौरान जिले के अफसरों ने एल टू अस्पताल न होने के बाद भी बड़े आराम से कह दिया कि जिले में एल टू अस्पताल है।
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हालांकि सूबे के सीएम ने इस अस्पताल को देखना चाहा तो उन्हें मेडिकल वार्ड साफसुथरा कराकर दिखा दिया गया। उनके जाने के दूसरे दिन मेडिकल वार्ड में इस कदर भीड़ लगी रही मानों उन्हें कोरोना का कोई भय ही न हो एक वार्ड में मरीज के पास करीब आधा दर्जन तीमारदार घेरकर खड़े रहे। जबकि सीएम योगी के औचक निरीक्षण के दौरान तीमारदारों को अस्पताल से दूर कर दिया गया। बेडों पर दी जाने वाली सुविधाएं मुहैया करा दी गई। जबकि उनके जाते ही मेडिकल वार्ड में समस्याओं का अंबार फिर से दिखने लगा।
पहले दुरुस्त किया, फिर सीएम को दिखाया
जिला अस्पताल में कोरोना के संक्रमित मरीजों के एल टू फैसिलिटी की सुविधा वाला अस्पताल था तो जिला प्रशासन के अफसरों ने सीएम योगी को उसका निरीक्षण क्यों नहीं कराया। यह सवाल अस्पताल के लोगों के दिमाग में कौंधता रहा। दरअसल, मीटिंग के दौरान बताया गया कि 10 बेड का एल-2 अस्पताल है। जिले के जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अफसर एक रणनीति के तहत उन्हें मेडिकल वार्ड को ही घुमाकर वापस लौटाकर लेकर चले गये।
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इसके लिए भी घंटों पहले से पूरी तैयारी की गयी थी। ताकि कोई कसर न रह जाये। सीएम ने जब अस्पताल की व्यवस्था ही सही तरीके से नहीं देखी तो फिर प्रशासन उन्हें क्या दिखाने के लिए अस्पताल ले गया था। जबकि किसी एक एल- 01 अस्पताल को ही दिखा गया होता तो जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे के अफसरों पर से सवाल उठने बंद हो जाते।
रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर