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Balrampur News: ‘वंचित वर्ग को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ’, राज्यमंत्री ने लिया विकास कार्यक्रमों का जायजा

Balrampur News: बलरामपुर में प्रदेश की ग्रामीण विकास विभाग एवं समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने ग्राम पंचायत कलवारी में दलित बस्ती में चौपाल लगाकर जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिल रहा है।

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Published on: 4 Aug 2023 4:47 PM GMT
Balrampur News: ‘वंचित वर्ग को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ’, राज्यमंत्री ने लिया विकास कार्यक्रमों का जायजा
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Minister Vijay Laxmi Gautam reviewed Meeting

Balrampur News: शुक्रवार को बलरामपुर में प्रदेश के राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कानून व्यवस्था एवं शासन द्वारा निर्धारित विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सचिव, पंचायत सहायक, कम्प्यूटर सहायक की व्यवस्था की गई है। अधिकारी अपने विभाग से संबंधित डाटा का संकलन उनसे समन्वय बनाकर लें और समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग के उत्थान के लिए काम करें। ताकि सभी पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन की यह जिम्मेदारी है। ताकि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के सपनों का देश एवं प्रदेश बन सके। समाज शिक्षित एवं आर्थिक रूप से उन्नत बन सकें।

राज्यमंत्री ने ग्राम पंचायत कलवारी में लगाई जन चौपाल, किया जागरूक

बलरामपुर में प्रदेश की ग्रामीण विकास विभाग एवं समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने ग्राम पंचायत कलवारी में दलित बस्ती में चौपाल लगाकर जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिल रहा है। उन्होंने उपस्थित आमजनमानस से योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं इसका फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोई भी गरीब खुले में ना सोए, इसके लिए घर प्रदान किया जा रहा है तथा निशुल्क खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है। इस दौरान मंत्री द्वारा ग्रामीण के साथ भोजन किया गया। उन्होंने कम्पोजिट विद्यालय कलवारी का निरीक्षण किया तथा छात्रों से बात कर शैक्षिक स्तर को जाना और सहजन के पौधे का पौधरोपण करके प्रर्यावरण का संदेश भी दिया गया।

कहर बरपा रहे बरसाती नाले का पानी रोकने के लिए प्रशासन ने बनाया ये प्लान

जिलाधिकारी अरविंद सिंह के नेतृत्व में नेपाल के पहाड़ी नालों से आने वाले पानी को रोकने के लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन इस पर ठोस योजना भी बना रहा है, ग्रामीणों में सुरक्षा की आस जगी है।

बाढ़ की विभीषिका से बचाने की कोशिश

बरसात का मौसम आते ही हिमाचल के तलहटी वाले बलरामपुर सहित पूर्वांचल के करीब एक दर्जन जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। बलरामपुर सहित पूर्वांचल के जिलों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए बलरामपुर जिला प्रशासन ने नई कवायद शुरू की है। जिलाधिकारी अरविन्द सिंह के नेतृत्व में प्रशासन ने हर साल बाढ़ से लाखों हेक्टेयर खड़ी फसल बचाने के साथ-साथ लाखों लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए नई पहल करते हुए पायलट अभियान के तहत वन क्षेत्रों में पड़ने वाले जलाशयों एवं बांधों की डिसेंट्रिग कराए जाने की योजना बनाई है।

आसपास के जिलों को मिलेगी राहत

जिला प्रशासन ने शासन स्तर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के साथ इसकी रूपरेखा बनाने और विशेष कार्य योजना बना कर तैयारी शुरू की है। प्रशासन इस योजना को अमली जामा पहनाने में सफल हो गया तो बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बस्ती, गोरखपुर सहित न सिर्फ कई जिलों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सकता है, बल्कि बांधों एवं जलाशयों में संचित पानी से सूखा पड़ने पर लाखों एकड़ खेतों की सिंचाई भी की जा सकेगी। बलरामपुर जिले में पिछले 30 सालों से जिले के वन क्षेत्रों में पड़ने वाले बड़े जलाशयों और बांधों की डिसेंट्रिग का कार्य नहीं किया गया है।

हर साल ग्रामीण इलाकों में आती है बाढ़

बता दें कि जिले में खरझार, धोबहा, धोहनिया हेंघगाहा, सिरिया, नकटी, खेरहनिया जैसे करीब 50 पहाड़ी नाले हैं, जिसका पानी नेपाल के पहाड़ों से होता हुआ बलरामपुर जिले में आता है। 1993 के बाद से पहाड़ी नालों की डिसेंट्रिग आज तक ये कार्य नहीं हुआ, जिसके कारण पहाड़ी नालों से पानी के साथ बहकर आने वाले पत्थर, बालू, बजड़ी से ये नाले धीरे-धीरे पटते गए। नेपाल के पहाड़ी नालों आने वाला पानी इन जलाशयों एवं बांधों में न जाकर बाढ़ राप्ती, बूढी राप्ती नदियों में जाकर विकराल रूप ले लेता है और बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर सहित अन्य कई जिलों में विभीषिका का कारण बन जाता है।

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